सरदार पटेल कांग्रेस की विचारधारा का अटूट हिस्सा: खरगे

बोले कांग्रेस अध्यक्ष- नेहरू उन्हें एकता का संस्थापक कहते थे

कांग्रेस ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शक्ति स्थल पहुंचकर इंदिरा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
खरगे ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह दिलों में बसते हैं और उनके विचार कांग्रेस की विचारधारा के अटूट हिस्सा हैं।उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘संपूर्ण देश को एकता एवं अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले भारत के लौह पुरुष, देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व हमारे प्रेरणास्रोत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन।’कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पंडित नेहरू पटेल को ’भारत की एकता का संस्थापक’ कहते थे। आज उनकी 150वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मना रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सरदार साहेब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस में मौलिक अधिकारों पर जो प्रस्ताव पारित हुए थे वह भारतीय संविधान की आत्मा है।खरगे ने कहा, ‘‘सरदार पटेल हमारे दिलों में बसे हैं और उनके विचार, जिसमें आपसी सौहार्द और भाईचारे की भावना पर बल दिया गया है वो कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का अटूट हिस्सा है।’’

इंदिरा जी ने भारत की एकता व अखंडता को संजोया

खरगे ने इंदिरा गांधी को याद करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘भारत की एकता व अखंडता को संजोये रखने के लिए, जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कुशल नेतृत्व व दूरदर्शिता से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एक सशक्त प्रगतिशील भारत का निर्माण किया, साहस की ऐसी प्रतिमूर्ति, भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री व हमारी आदर्श, इंदिरा गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।’’ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने नई दिल्ली में शक्ति स्थल पर इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और 1, सफदरजंग रोड पर उनके स्मारक का भी दौरा किया। खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा भारत की एकता व अखंडता को संजोए रखने के लिए जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कुशल नेतृत्व व दूरदर्शिता से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और एक सशक्त प्रगतिशील भारत का निर्माण किया, साहस की ऐसी प्रतिमूर्ति, भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री व हमारी आदर्श इंदिरा गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अन्य पोस्ट में कहा, भारत की आयरन लेडी इंदिरा गांधी का जीवन लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका साहस, दृढ़ता और दूरदर्शी नेतृत्व हमेशा हमारे दिलों और दिमाग में जिंदा रहेगा। उन्होंने देश की सेवा में अपने जीवन का बलिदान दिया।

दादी ने आत्म-सम्मान से बढक़र कुछ नहीं : राहुल

राहुल गांधी ने हिंदी में पोस्ट में कहा, भारत की इंदिरा- निडर, निर्णायक और ताकतवर के सामने अडिग। दादी, आपने हमें सिखाया कि भारत की पहचान और आत्म-सम्मान से बढक़र कुछ नहीं। आपका साहस, करुणा और देशभक्ति हर कदम पर मुझे प्रेरित करती है।

असाधारण साहस वाली महिला थीं इंदिरा गांधी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने याद दिलाया कि 1977 में इंदिरा गांधी पहले कार, जीप और ट्रैक्टर से और फिर हाथी की सवारी करके बिहार के बेलछी गांव गईं, जहां उन्होंने जातीय अत्याचारों से प्रभावित परिवारों से सीधे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी असाधारण साहस और दृढ़ता वाली महिला थीं। रमेश ने बताया कि बेलछी गांव के दौरे के अगले दिन इंदिरा गांधी ने अपने उस समय के राजनीतिक आलोचक जयप्रकाश नारायण से पटना में मुलाकात की। इंदिरा गांधी की 1984 में इस दिन उनके अंगरक्षकों ने हत्या की थी। वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 19 नवंबर 1917 को उनका जन्म हुआ था।

इंदिरा गांधी ने संप्रभुता और अखंडता के लिए बलिदान दिया : वेणुगोपाल

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 1984 में भारत के महान नेताओं में से एक की शहादत हुई। इंदिरा गांधी ने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए बेझिझक खड़े होकर अपने जीवन का बलिदान कर दिया। उनका जीवन और साहस हर भारतीय के लिए हमेशा प्रेरणा रहेगा। कांग्रेस ने एक्स पर कहा, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि। साहस, दृढ़ता और शक्तिशाली नेतृत्व की प्रतिमूर्ति इंदिरा गांधी लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। कई कांग्रेस नेताओं ने भी इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया

इतिहास में सच्चाई दर्ज हो : मोदी

अहमदाबाद। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के केवडिय़ा में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि आजादी के बाद देश की 550 से ज्यादा रियासतों को मिलाकर एकजुट भारत बनाने में सरदार पटेल की मुख्य भूमिका रही। केवडय़िा के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने परेड की सलामी ली जिसमें सेना और पुलिस की टुकडय़िों ने हिस्सा लिया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब चाहते थे कि जैसे उन्होंने बाकी रियासतों का विलय किया, वैसे ही ओर कश्मीर का विलय हो, लेकिन, पंडित नेहरू ने उनकी वो इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान से बांट दिया गया। कश्मीर पर कांग्रेस ने जो गलती की थी, उसकी आग में देश दशकों तक जलता रहा। पीएम मोदी ने कहा कि हर ऐसी बात जो देश की एकता को कमजोर करती है। हर देशवासी को उससे दूर रहना है। ये राष्ट्रीय कर्तव्य है, ये सरदार साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। यही आज देश की जरूरत है। यही आज एकता दिवस का हर भारतीय के लिए संदेश भी है, संकल्प भी है।

20 साल में भाजपा ने कोई काम नहीं किया: रोहिणी

खेसारी को नचनिया कहने पर गुस्साईं राजद नेता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के नेता एक दूसरे को को भला बुरा करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। छपरा से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा नचनिया कहने के मामले पर सियासत गरमा गई है। अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं पर हमला बोला है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान उन्होंने कहा की सम्राट चौधरी दूसरों को तो नचनिया बोलेंगे ही क्योंकि उनके पास है ही कौन? भाजपा में मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत सभी नचनिया ही तो हैं। यह लोग तो तो नचनिया ही है। एनडीए वाले इन लोगों को लेकर घूम रहे हैं लेकिन तब इन्हें शर्म नहीं आती है। रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि एनडीए वाले भीड़ इक_ा करने के लिए नचनिया लोगों को लेकर घूम रहे हैं। लेकिन, भाजपा वाले कलाकारों को नचनिया कहकर उन्हें जलील करते हैं। उनकी पार्टी में भी कई कलाकार हैं। उन्होंने नचनिया शब्द पर विरोध क्यों नहीं किया। उन्हें शर्म नहीं आती है। रोहिणी आचार्य ने कहा कि जितने भी हमारे कलाकार लोग हैं, उनकी कई अच्छी-अच्छी फिल्में बन रही है। भारत के विकास में उनका भी योगदानहै। लेकिन, जो भाजपा में चले गए वह अच्छे हो गए।
भाजपा वाले कलाकारों को नचनिया बोलकर जलील करते हैं। उनकी पार्टी में भी तो कई कलाकार हैं लेकिन, उन्हें नचनिया क्यों नहीं बोलते हैं। भाजपा में कोई आ नहीं रहा है। इसलिए इस तरह के आप शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। 20 साल में उन्होंने कोई काम नहीं किया है। इसलिए कभी जंगलराज तो कभी नचनिया शब्द का इस्तेमाल कर लोगों को भरमाने का काम करते हैं।

बिहार की जनता ने इस बार मन बना लिया है कि इन लोगों को करारा जवाब देगी।

शर्मसार: पीरियड्स आए हैं तो कपड़े उतारकर सबूत दिखाओ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रोहतक। हरियाणा के रोहतक से एक शर्मनाक मामला सामने आया है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिला सफाई कर्मचारियों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि पीरियड्स की वजह से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, जिसकी वजह से वह काम से कुछ देर का ब्रेक लेना चाहती थीं।
उन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानी भी बताई, लेकिन एक सुपरवाइजर ने उनकी एक नहीं सुनी और कथित तौर पर उन्हें कपड़े उतरवाकर पीरियड्स की जांच करवाने को कहा। ये बात सुनते ही महिला कर्मचारियों का गुस्सा फूट उठा। उन्होंने वहां जमकर हंगामा किया। वहीं अधिकारियों का दावा है कि महिला कर्मी ने उनके साथ धक्का-मुक्की की. वहीं यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जांच करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं पीडि़त महिलाओं ने अपनी आपबीती आला अधिकारियों को सुनाई।
महिला कर्मचारियों का आरोप है कि सुपरवाइजर के कहने पर महिला सुरक्षाकर्मी ने उनके कपड़े उतार वाए। पीरियड्स की जांच के लिए उनके कपड़े उतरवाकर फोटो लिए गए। जांच के नाम पर उनके साथ ये सब किया गया. उनसे कहा गया कि ये आदेश असिस्टेंट रेजिस्टर ने दिया है. महिला कर्मी ने जब जांच करवाने से इनकार किया तो उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई।

शरजील और उमर खालिद को मिले बेल: अभिषेक मनु सिंघवी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 2020 दिल्ली दंगा मामले में आरोपी शरजील ईमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर, गुल्फिशा फातिमा, शिफा उर रहमान और मुहम्मद सलीम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील अपनी-अपनी दलील रख रहे हैं सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम 11 अप्रैल 2020 से यानी पांच साल पांच महीने से जेल में बंद है, चार्जशीट बहुत पुरानी हो गई हैं। कई पूरक चार्जशीट दाखिल की गई हैं, पहली चार्जशीट 2020 में और आखिरी पूरक चार्जशीट जून 2023 में दाखिल की गई। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजिरिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक एम. सिंघवी याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए हैं, उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस द्वारा गुरुवार देर शाम जवाब दाखिल किया गया था इसलिए अदालत ने याचिकाकर्ता वकीलों को जवाब पढऩे का समय दिया।
751 में से केवल एक में पक्ष बनाया गया : सिब्बल
खालिद की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा वे कहते हैं कि मैं ही समय ले रहा हूं और मामले में देरी कर रहा हूं, जबकि तथ्य कुछ और ही कहते हैं, मेरे खिलाफ साजिश का आरोप है 751 एफआईआर दर्ज हैं याचिकाकर्ता दंगों के समय दिल्ली में था ही नहीं, अगर मैं वहां नहीं हूं, तो दंगों को इससे कैसे जोड़ा जा सकता है? 751 में से मुझे केवल एक में पक्ष बनाया गया। -आरोपी गुलफिशा फातिमा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- 5 साल से आरोपी जेल मे हैं. पहली चार्जशीट 16 सितंबर 2020 मे दाखिल हुई है. उसके बाद हर साल सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई.

आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

किसी को भी वर्चुअल पेशी की इजाजत नही

अदालती आदेश पर सो रहे उन्हें कोर्ट आना ही होगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आवारा कुत्तों के मामले में तीन नवंबर को राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को फिजिकली सुप्रीम कोर्ट में पेश होना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बेहद सख्?त नजर आ रहा है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि किसी को भी वर्चुअल पेशी की इजाजत नहीं है।
दरअसल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से पेश होने से छूट देने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। आवारा कुत्तों के मामले पर सॉलिसिटर जनरल की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पेश होना ही होगा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से पेश होने से छूट देने की मांग की थी. सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि उन्हें प्रत्यक्ष रूप से पेश होने के बजाय, वर्चुअल रूप से पेश होने दें। इसके जवाब में जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, नहीं, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आने दें. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायालय यहां समय दे रहा है, सरकार नियम बनाती है, कोई कार्रवाई नहीं करती वे (अदालती आदेश ) पर सो रहे हैं. उन्हें आने दीजिए, हम उनसे निपट लेंगे।
उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आकर बताना होगा कि अनुपालन हलफनामे क्यों दाखिल नहीं किए गए. 27 अक्टूबर को, अदालत ने हलफनामे दाखिल करने के अपने निर्देशों का पालन न करने पर, दो को छोडक़र, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया था। न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, जब हम उनसे अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हैं, तो वे बस, इस पर चुप्पी साधे रहते हैं। अदालत के आदेश के प्रति कोई सम्मान नहीं. तो ठीक है, उन्हें आने दीजिए।
मेहता ने पीठ से आग्रह किया कि मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से पेश होने के बजाय डिजिटल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होने की अनुमति दी जाए. शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को आवारा कुत्तों के मामले की सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोडक़र सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि अदालत के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया।

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