हरियाणा चुनाव में फर्जी वोट का आरोप, राहुल गांधी EC पर उठाए सवाल

राहुल गांधी के फर्जी वोट आरोप से हरियाणा की सियासत गरमाई. अंबाला के धकोला गांव की बुजुर्ग महिला ने बताया, उनकी फोटो से 223 फर्जी वोट बनाए गए, कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राहुल गांधी के फर्जी वोट आरोप से हरियाणा की सियासत गरमाई. अंबाला के धकोला गांव की बुजुर्ग महिला ने बताया, उनकी फोटो से 223 फर्जी वोट बनाए गए, कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव में फर्जी वोटों का आरोप लगाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अंबाला की मुलाना विधानसभा के धकोला गांव में एक बुजुर्ग महिला की फोटो का 223 वोटों में बार-बार इस्तेमाल हुआ. राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. लेकिन अब एक महिला ने दावा किया है कि उनकी फोटो से
फर्जी फोटो बनाई गई और दिखाया गया.

धकोला गांव की बुजुर्ग महिला चरणजीत कौर ने इस मामले पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि उनकी
फोटो का बार-बार इस्तेमाल कर प्रवासियों के नाम पर फर्जी वोट बनाए गए हैं. कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. चरणजीत कौर ने कहा, “जब मैं वोट डालने जाती हूं तो पुलिस और लोग मज़ाक उड़ाते हैं कि माता जी अब वोट करने आई हैं, जबकि सुबह से कई लोग मेरी फोटो वाली वोट से मतदान कर चुके हैं.” उन्होंने इसे सुनियोजित शरारत बताया.

चरणजीत कौर के बेटे हैप्पी, जो पहले सरपंच चुनाव भी लड़ चुके हैं, ने कहा कि उनकी मां की फोटो वाले 223 फर्जी वोट सिर्फ दो बूथों पर मिले हैं. उन्होंने कहा, “हमने धरना तक दिया, पर अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की.” हैप्पी का आरोप है कि यह विरोधी पार्टियों की साजिश है जिन्होंने प्रवासियों के नाम पर नकली वोट बनवाकर चुनावी खेल खेला.

राहुल गांधी का वार और विपक्ष की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को “लोकतंत्र की हत्या” बताया और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि जब एक गांव में 223 वोट एक ही फोटो से बनाए जा सकते हैं, तो चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठते हैं. कांग्रेस इसे “लोकतंत्र की सुरक्षा की लड़ाई” बता रही है, वहीं सत्ताधारी दल ने राहुल गांधी के आरोपों को “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया है. अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस विवाद पर क्या कदम उठाता है.

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