वोटिंग के बीच वॉर रूम में नीतीश, ललन सिंह और विजय चौधरी की सीक्रेट मीटिंग, NDA में मचा हाहाकार!

बिहार में वोटिंग के बीच JDU के वॉर रूम में अचानक पहुंचे नीतीश कुमार, ललन सिंह से की मुलाकात, CM फेस पर बेचैनी?....दोस्तों, क्या दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने से पहले ही सीएम नीतीश कुमार मारेंगे पल्टी?...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में वोटिंग के बीच JDU के वॉर रूम में अचानक पहुंचे नीतीश कुमार, ललन सिंह से की मुलाकात, CM फेस पर बेचैनी?….दोस्तों, क्या दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने से पहले ही सीएम नीतीश कुमार मारेंगे पल्टी?…

क्या सीएम नीतीश कुमार समझ चुके हैं कि अगर अभी खुद के लिए एक्शन नहीं लिया…तो बीजेपी उनके हाथ से सीएम पद की दावेदारी छीन लेगी?….दरअसल, ये सभी सवाल इसलिए उठे क्योंकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के दौरान सुबह-सुबह अचानक केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पटना स्थित आवास पर मुलाकात की…इस बैठक को गुप्त या अचानक बताया गया…

यानी पहले से इसकी सूचना किसी के पास नहीं थी….हालांकि, इस मुलाकात के बाद कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया…लेकिन सूत्रों के अनुसार मुख्य वजह चुनावी रणनीति है….और अब सीएम नीतीश कुमार कुछ तो बड़ा करने वाले हैं…..तो सीएम नीतीश कुमार की इस मुलाकात के क्या हो सकते हैं मायने और क्यों एक बार फिर से सीएम नीतीश के पल्टी मारने की खबरों ने पकड़ा तूल….

दोस्तों, दूसरे चरण के मतदान के बीच सुबह-सुबह अचानक केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ ललन सिंह के पटना स्थित आवास पर मुलाकात की…जहां जेडीयू के शीर्ष नेताओं ललन सिंह और विजय चौधरी के साथ हुई कथित सीक्रेट मीटिंग ने बिहार की सियासी हवाओं में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है…

सवाल बड़ा है कि क्या नीतीश कुमार, जो पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से एक कथित दूरी बनाए हुए हैं…जोकि पीएम मोदी की सभा और रोड शो में देखने को मिली….ऐसे में सवाल उठा कि क्या सीएम नीतीश अब बीजेपी को कोई बड़ा गच्चा देने की तैयारी में हैं?…या ये सिर्फ गठबंधन के भीतर उपजे मतभेदों को शांत करने का एक आखिरी प्रयास है?….

दरअसल, जिस वक्त बिहार की 122 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान चल रहा था…ठीक उसी वक्त ललन सिंह के पटना स्थित आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के कद्दावर मंत्री विजय चौधरी की मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी…ये मुलाकात, जिसकी ऑफीशियल वजह अभी तक सामने नहीं आई है…कई मायनों में महत्वपूर्ण है……

क्योंकि मीटिंग का समय बेहद संवेदनशील है यानी ठीक मतदान के बीच….आमतौर पर, सीएम इस समय पूरी तरह से चुनावी प्रक्रिया की निगरानी में व्यस्त होते हैं…इस समय शीर्ष नेताओं की बैठक करना बताता है कि मामला या तो बेहद गंभीर रणनीतिक है…या फिर कोई बड़ा आंतरिक संकट है…जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है…

ललन सिंह से नीतीश कुमार की कथित नाराजगी की खबरें काफी समय से चर्चा में थीं…इस नाराजगी की वजह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का वो बयान बताया गया था…जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद ही सीएम का ऐलान होगा और चुनाव के बाद विधायक दल सीएम फेस तय करेंगे….शाह के इस बयान पर ललन सिंह ने सुर में सुर मिलाया था…नीतीश कुमार की सीएम पद की दावेदारी को लेकर एनडीए के भीतर ये असहज चुप्पी दोनों दलों के बीच एक बड़ी दरार का संकेत दे रही है…CM नीतीश कुमार का पीएम मोदी के कार्यक्रमों से दूर रहना और अब खुद ललन सिंह के आवास पर पहुंचना…दो संभावनाओं को जन्म देता है…

पहला कि सीएम नीतीश कुमार खुद को असहज महसूस कराकर बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं….इस मीटिंग के जरिए वो ये संदेश दे सकते हैं कि अगर उनकी शर्तों पर सहमति नहीं बनी…तो वो कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं…दूसरी संभावना डैमेज कंट्रोल कि…यानी शायद बीजेपी को सीएम नीतीश की नाराजगी का अहसास है और ललन सिंह को उनके पास भेजकर पार्टी आलाकमान ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है….ललन सिंह के माध्यम से नीतीश को मनाने की कोशिश की जा रही है…

ताकि गठबंधन में किसी बड़ी टूट की आशंका को टाला जा सके……क्योंकि, विजय चौधरी का इस मीटिंग में शामिल होना इसे सिर्फ पार्टी अध्यक्ष की नाराजगी तक सीमित नहीं रखता….बल्कि ये बताता है कि ये मुलाकात किसी बड़े संगठनात्मक या गठबंधन-संबंधी मुद्दे पर केंद्रित थी…बता दें कि विजय चौधरी को नीतीश कुमार का ट्रबलशूटर और करीबी माना जाता है….

सीएम नीतीश कुमार के हालिया कदमों को अगर हम उनके वॉर रूम की मीटिंग से जोड़कर देखें….तो ये तस्वीर और भी धुंधली हो जाती है…जहां प्रचार के दौरान उनकी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच साफ तालमेल की कमी दिखी….जो एनडीए के एकजुट चेहरे पर सवाल खड़ा करती है….पिछले चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों और रोड शो में सीएम नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी या सीमित भागीदारी को राजनीतिक विश्लेषक एक असामान्य संकेत मान रहे हैं…एनडीए की रैलियों में दोनों शीर्ष नेताओं की मंच साझा करने की परंपरा रही है…लेकिन इस बार सीएम नीतीश का कमिटमेंट कम दिखा….

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार को अपनी राजनीतिक छवि के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है….अगर वो जानबूझकर पीएम मोदी के मंच से दूरी बना रहे हैं…तो ये सीधे तौर पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के प्रति या फिर यूं कहें कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति उनकी नाराजगी का सार्वजनिक प्रदर्शन हो सकता है…इस दूरी के जरिए वो अपने कोर वोट बैंक कुर्मी, अति पिछड़ा और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि भले ही वह गठबंधन में हैं…लेकिन उनकी अपनी एक स्वतंत्र राजनीतिक पहचान और निर्णय लेने की क्षमता है, खासकर जब सीएम पद की दावेदारी पर अनिश्चितता हो….

चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रस्तावित मीटिंग का अचानक कैंसिल होना भी गठबंधन के भीतर के तनाव को दर्शाता है….क्योंकि, शीर्ष नेताओं के ऐसे कार्यक्रम, खासकर चुनाव के दौर में….बिना किसी ठोस वजह के रद्द नहीं होते….ऐसे में ये हो सकता है कि शाह और सीएम नीतीश के बीच सीटों के प्रदर्शन, प्रचार रणनीति या चुनाव के बाद की सत्ता-साझेदारी को लेकर कोई बड़ा मतभेद हो…अगर मतभेद इतने गंभीर थे कि मीटिंग ही रद्द करनी पड़ी…तो इसका मतलब है कि एनडीए में जमीनी स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है……मीटिंग कैंसिल होना नीतीश की ओर से एक अंतिम दांव भी हो सकता है….जिसके जरिए वो बीजेपी को ये जता रहे हैं कि उनके साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा….

दोस्तों, सीएम नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास कथित पलटीमार छवि से भरा रहा है….मौजूदा घटनाक्रमों को देखते हुए…ये कहना मुश्किल है कि वो बीजेपी को गच्चा देंगे या नहीं…लेकिन ये जरूर तय है कि वो डील को री-नेगोशिएट करने के लिए दबाव बना रहे हैं…केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ललन सिंह की ओर से सीएम पद के चेहरे पर स्पष्टता न देना नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा रेड फ्लैग है…ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम नीतीश खुद को अपमानित महसूस कर सकते हैं और अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए कोई भी बड़ा कदम उठा सकते हैं…..जोकि महागठबंधन के लिए एक बड़ा चुनावी अवसर बन सकता है…

क्योंकि, अगर चुनाव के नतीजे त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा करते हैं…तो नीतीश कुमार के पास सेक्युलर छवि के साथ महागठबंधन में वापसी का रास्ता खुला रहेगा…उन्हें ये पता है कि महागठबंधन उन्हें तुरंत सीएम पद की गारंटी दे सकता है…लगातार गठबंधन की राजनीति के कारण सीएम नीतीश की अपनी पार्टी और छवि कमजोर हुई है…गच्चा देने से उन्हें एक बार फिर किंगमेकर और स्वतंत्र नेता के रूप में खुद को पेश करने का एक मौका मिलेगा…क्योंकि, बार-बार पाला बदलना उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है….खासकर उस समय जब उनका अपना वोट बैंक कुर्मी, अति पिछड़ा अभी भी उनकी ओर देख रहा है…

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व, खासकर पीएम मोदी और अमित शाह, अब बिहार पर सीधे ध्यान दे रहे हैं…नीतीश के लिए इतनी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी को चुनौती देकर अलग होना आसान नहीं होगा…क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक जमीन पूरी तरह खत्म हो सकती है….ललन सिंह की भूमिका भी अहम हो जाती है…क्योंकि, ललन सिंह जैसे नेताओं का सीएम आवास पर जाना डैमेज कंट्रोल का हिस्सा भी हो सकता है….

हो सकता है कि बीजेपी ने उन्हें संदेश भिजवाया हो कि सीएम पद को लेकर उनकी चिंताएं दूर की जाएंगी…वहीं दूसरे चरण के मतदान के बीच सीएम नीतीश कुमार, ललन सिंह और विजय चौधरी के साथ मिलना एनडीए के भीतर एक गंभीर संकट का साफ संकेत है….सीएम नीतीश कुमार, पीएम मोदी के कार्यक्रमों से उनकी दूरी और शाह की मीटिंग का कैंसिल होना…इस बात की पुष्टि करता है कि नीतीश कुमार हायर बारगेनिंग पावर यानीकि अधिक सौदेबाजी की शक्ति की तलाश में हैं…

ऐसे में सीएम नीतीश कुमार का ये कदम बीजेपी को स्पष्ट संदेश है कि…सत्ता-साझेदारी और नेतृत्व पर सीएम नीतीश की शर्तें स्पष्ट हैं और वो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं….यानीकि, ये मुलाकात बीजेपी के लिए एक अल्टीमेटम हो सकती है कि वो जल्द से जल्द सीएम पद पर अपनी स्थिति साफ करे…नहीं तो बिहार की राजनीति में एक और बड़ी पलटी देखने को मिल सकती है….फिलहाल, इस सीक्रेट मीटिंग में क्या बातचीत हुई है…ये अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है…

लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सीएम नीतीश कब क्या सोचते हैं…ये उनके करीबी भी नहीं भाप पाते हैं….जब सीएम नीतीश फैसला ले लेते हैं…तब ही उनका प्लान सार्वजनिक होता है…जैसा कि हमने 2024 के लोकसभा चुनाव के समय देखा था कि कैसे रातों-रात सीएम नीतीश ने पल्टी मारते हुए सभी को हैरान कर दिया था….ऐसे में वोटिंग के बीच अचानक वॉर रूम में सीएम नीतीश, ललन सिंह और विजय चौधरी की इस मुलाकात के बाद सभी की निगाहें सीएम नीतीश कुमार के अगल फैसले पर टिकी हुई हैं कि क्या सच में सीएम नीतीश बीजेपी को गच्चा देने की तैयारी में है?……..

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