लाल किला ब्लास्ट केस में अल फलाह यूनिवर्सिटी का बयान, पुलिस को दिए दस्तावेज, तीन डॉक्टरों को तुरंत किया बर्खास्त

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर मोहम्मद रजी ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी की जमीन और बिल्डिंग से संबंधित दस्तावेज मांगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दिल्ली लाल किला मामले में जांच तेज हो गई है। इसी बीच अल फलह यूनिवर्सिटी का बयान सामने आया है. दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर मोहम्मद रजी ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी की जमीन और बिल्डिंग से संबंधित दस्तावेज मांगे.

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में पुलिस की जांच और NAAC के नोटिस के बीच अल फलाह यूनिवर्सिटी का
बयान सामने आया है. यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर मोहम्मद रजी ने कहा कि ये तीनों डॉक्टर हमारे यहां ही कार्यरत थे, जैसे ही पुलिस से जानकारी मिली इन तीनों को निकाल दिया गया था. HR विभाग की तरफ से हम
बैकग्राउंड चेक करते हैं, इसके लिए डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन वगैरह देखा जाता है और उसी के आधार पर उन्हें नियुक्त किया जाता है. हम लोगों की तरफ से बैकग्राउंड चेक हुआ था लेकिन कोई कमी रही होगी तभी तो इस तरह के लोग आ गए.

उन्होंने आगे कहा, ”इसमें यूनिवर्सिटी का कोई रोल नहीं था. आगे के लिए वाइस चांसलर ने एक कमेटी गठित
की है, जिसमें यूनिवर्सिटी के बाहर के भी लोग होंगे. अल फलाह यूनिवर्सिटी को ए ग्रेड मिला है या नहीं इसके
बारे में जानकारी नहीं है. फरीदाबाद पुलिस की एक टीम यहां आई और कुछ दस्तावेज इकट्ठा किए. अल फला
यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी दिल्ली में ही हैं और पुलिस से को-ऑपरेट कर रहें हैं और दस्तावेज
मुहैया करा रहे हैं.”

पुलिस ने यूनिवर्सिटी की जमीन और बिल्डिंग से संबंधित दस्तावेज मांगे. ये तमाम डॉक्यूमेंट्स हमने उन्हें प्रोवाइड करा दिए हैं.” डॉक्टर मोजम्मिल के सवाल पर उन्होंने कहा, ”उसके बारे में हम कुछ नहीं बता पाएंगे. यूनिवर्सिटी में उसका रिकॉर्ड मेंटेन है, उनके तमाम दस्तावेज जांच एजेंसियों को सौंप दिए गए हैं. डॉक्टर उमर के भी तमाम डॉक्यूमेंट्स जांच एजेंसियों को दे दिए गए हैं, उसके बारे में भी हमें कोई जानकारी नहीं है.”

हरियाणा पुलिस अल फ़लाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली ओखला में स्थित हेड क्वार्टर में पहुंची. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच के संबंध में यहां पुलिस पहुंची है. इसी यूनिवर्सिटी से डॉक्टर मुज़म्मिल, डॉक्टर शाहीन सईद और डॉक्टर उमर का संबंध है. पुलिस उनके बारे में जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज के लिए यूनिवर्सिटी के हेड क्वार्टर पहुंची.

वहीं, NAAC ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को शो कॉज नोटिस भेजा है. यूनिवर्सिटी पर गलत और भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया गया है. NAAC ने कहा है कि यूनिवर्सिटी ना तो मान्यता प्राप्त है, ना ही आवेदन किया है. वेबसाइट पर ‘ग्रेड A’ की मान्यता दिखाना गलत और जनता को गुमराह करने वाला है. यूनिवर्सिटी से पूछा गया है कि आपके ऊपर क्यों न कानूनी कार्रवाई की जाए. 7 दिन के अंदर जवाब देने का आदेश दिया गया है.

दिल्ली लाल किला धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर अब 13 हो गई है. एलएनजेपी के आईसीयू में भर्ती 35 साल के बिलाल हसन नाम के मरीज ने बुधवार (12 नवंबर) रात को दम तोड़ दिया. बता दें कि लाल किले के व्यस्त इलाके में सोमवार (10 नवंबर) को कार में भीषण धमाका हुआ था. जिस हुंडै i20 कार में ब्लास्ट हुआ था, उसे डॉक्टर उमर चला रहा था.

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