SIR ने किया बड़ा खेल, समूचा विपक्ष एकजुट, कुछ बड़ा होगा

दोस्तों बिहार चुनाव के चौंका देने वाले रिजल्ट से भयंकर हड़़कंप मच गया है। एक ओर जहां सबसे ज्यादा वोट पाने के बाद भी आरजेडी को सिर्फ और सिर्फ 25 सीटें ही मिल पाई हैं

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार चुनाव के चौंका देने वाले रिजल्ट से भयंकर हड़़कंप मच गया है। एक ओर जहां सबसे ज्यादा वोट पाने के बाद भी आरजेडी को सिर्फ और सिर्फ 25 सीटें ही मिल पाई हैं तो वहीं दूसरी ओर बिहार में कुल वोटर्स की संख्या से भी 3 लाख ज्यादा वोट पोल होने की सूचना चुनाव अयोग दे रहा है यानि कि बिहार में 12 करोड़ वोटर्स होने की बता सामने आ रही है।

आपको बता दें कि ऐसे में विपक्ष एकजुट है और बिहार एसआईआर में बड़े खेल होने का आरोप लगाते हुए रिजल्ट मानने से न सिर्फ इंकार किया है बल्कि बहुत बड़ी खबर निकल कर सामने आई कि पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी शुरु हो चुकी है। विपक्ष एसआईआर में कौन से बड़े खेल का आरोप लगा रहा है, और कौन सा वो बहुत बड़ा सबूत महागठबंधन के हाथ लग गया है कि जिसको लेकर न सिर्फ सामूहिक इस्तीफे की बात सामने आ रही है बल्कि इसको सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने पर मंथन हो रहा है। यह हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।

दोस्तों बिहार चुनाव का फाइनली रिजल्ट आ चुका है, इंडिया गठबंधन को 202 और महागठबंधन को 34 सीटें मिली है और सबसे चौंकाने वाला खेल ये है कि बीजेपी का स्ट्राइक रेट 90 प्रतिशत के आसपास रहा है लेकिन आपको बता दें कि चौंका देने वाली बात यह रही है कि वोट प्रतिशत में सबसे आगे होेने के बाद भी आरजेडी को सिर्फ और सिर्फ 25 सीटें मिली हैं। आपको बता दें कि जो चुनाव हुआ बिहार चुनाव के फाइनल रिजल्ट में आरजेडी को 23 प्रतिशत , बीजेपी को 20 प्रतिशत, जेडीयू को 19.25 प्रतिशत वोट और कांग्रेस को 8.71 करोड़ वोट मिले हैं जबकि अगर सीटों की बात की जाए तो बीजेपी 89 जदयू को 85 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली है।

मतलब कि वोट प्रतिशत के हिसाब से तेजस्वी की सीटें कम हो गई इसमें गुणा गणित यह बताया रहा है कि क्योंकि बीजेपी और जदयू के वोट एक दूसरे में जुडें हैं तो इस वजह से उनकी सीटें ज्यादा आ गई लेकिन सवाल यह है कि अगर दोनों को जोड़कर ही आंकलन किया गया है यानि कि दोनों का वोट शेयर जोड़ दिया जाए तो बीजेपी और जदयू को जीत मिल जाती है लेकिन सवाल यह है कि क्यों दोनों के वोट प्रतिशत जोड़े जाएग और क्यांे आरजेडी का न जोड़ा क्योंकि जो वोट प्रतिशत तेजस्वी को मिला है उसके हिसाब से उनकी सीटें तो 100 के पार होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। और एनडीए के वोटों के एक जुट होने में कुछ न कुछ बड़ा घालमेल जरुर है।

आपको बता दें कि सोशल मीडिया हो या एक्स दोनों जगहों पर ज्ञानेश कुमार जी के विभाग का एक डेटा चल रहा है। इसमें साफसाफ लिखा है कि 7.45 करोड़ मतदाताओं ने वोट दिया जबकि ये बात पूरा बिहार ही नहीं पूरा देश जानता है कि बिहार में कुल वोटर्स की संख्या 7.42 करोड़ है। आपको बता दें कि ऐसे में अगर 7.45 करोड़ वोट पोल हुए है तो इसका मतलब यह है कि बिहार में वोटर्स की संख्या 12 करोड़ के आसपास होनी चाहिए। ऐसे में ये बड़ा मिस्टेक न सिर्फ सवाल उठा रहा है बल्कि सोशल मीडिया पर लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि इसी डेटा के जरिए बड़ा खेल किया गया है।

आपको बता दें कि इस सब के अलावा बिहार चुनाव में आखिरी दो दिन में 22 करोड़ रुपए का मुद्दा भी गरमा रहा है। दावा किया जा रहा है कि आखिरी दो रात में भयंकर तरीके से पैसे बांटे गए हैं और इसी की वजह से चुनाव आखिरी दो दिनों में पलट गया। अब लोग इस पकड़े गए पैसे और उससे संबंधित लोगों को सार्वजनिक किए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इस सबके बीच जो सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आ रही है कि बिहार हो या फिर देश की राजनीति में विपक्ष किसी भी कीमत पर बिहार के रिजल्ट को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैै। सुनिए

संजय सिंह का साफ साफ कहना है कि चुनाव में सबकुछ पहले से फिक्स था और ये बात पहले से तय थी कि चुनाव बीजेपी और एनडीए की जीतेगा। आपको बता दें कि संजय सिंह ने ही नहीं बल्कि कल जब फाइनल रिजल्ट आया तो राहुल गांधी ने भी इस सवाल को उठाया हैं। राहुल गांधी ने अपने एक्स पर लिखा कि … मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया। बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने भी जो एक्स पर लिखा है उसमें ये बात बिल्कुल साफ है कि वो चुनाव में आए रिजल्ट को सही नहीं मानते हैं यानि कि उससे साफ-साफ इंकार करते हैं और सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि तेजस्वी यादव भी इससे कहीं इत्तेफाक नहीं रखते है। क्योंकि तेजस्वी यादव ने कल देर शाम सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने ने बिहार की जनता से पूछा था कि … क्या आप सबको लगता है कि चुनाव निष्पक्ष हुआ है? अपना जवाब जरुर दें….

मतलब यह बात भी साफ है कि तेजस्वी को भी नहीं लग रहा है कि चुनाव निष्पक्ष हुआ है और शायद यही वजह है कि वो आम लोगों से राय मांग रहे हैं कि शायद उनको कुछ ऐसा मिल जाए कि जिससे वो चुनाव अयोग पर भरोसा कर सके लेकिन शायद नहीं मिला है। आपको बता दें कि राहुल गांधी और तेजस्वी ने ही नहीं बल्कि लालू प्रसाद यादव ने सवाल उठाया है कि … बिहार चुनाव का क्या मतलब है?

ऐसे लालू यादव के भी मन से यह बात नहीं निकल रही है कि कैसे इतनी बड़ी हार हो सकती है। आपको बता दें कि ऐसे में बात साफ है कि विपक्ष का कोई भी नेता ये बात कहीं से भी मानने को तैयार नहीं है कि बिहार का रिजल्ट बिल्कुल सही है और यही वजह है कि विद्रोह के स्वर बुलंद होते नजर आ रहे हैं आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर कई इस तरह की खबरें सूत्रों के हवाले से चल रही है और लोग अपनी पोस्ट में अपडेट कर रहे हैं कि इंडिया गठबंधन के सभी विधायक सामूहिक रुप से इस्तीफा दे सकते हैं।

हालांकि हम इस खबर की पुष्टि नहीं कर रहे है लेकिन अगर सच में ऐसा है तो न सिर्फ ये भयंकर हंगामा खड़ कर सकता है कि बल्कि बिहार में एसआईआर पर सरेआम आरोप लग रहे है। आपको बता दें कि पहले ही 89 लाख वोटर्स को काट दिया गया था और फिर 5 लाख लोग ऐसे भी सामने आए थे जो बिना फार्म ही वोटर लिस्ट में जोड़ लिए गए थे। ऐसे में सबको लेकर न सिर्फ भयंकर हंगामा है बल्कि ज्ञानेश जी और उनके विभाग पर सरेआम आरोप लग रहे है। अब देखना यह है कि आगे चुनाव अयोग और ज्ञानेश कुमार जी क्या करते हैं लेकिन आपको बात दें कि जिस तरह से विपक्ष आक्रोशित है तो ये माना जा रहा है कि वो इन तमाम सबूतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जरुर जाएगा क्योंकि अब एसआईआर सिर्फ और सिर्फ बिहार में नहीं रह बल्कि ये यूपी और बंगाल समेत 12 राज्यों में हो रहा है जिसको रोकने की पूरी कोशिश विपक्ष करेगा।

आपका पूरे मामले पर क्या मानना है। क्या जिस तरह से अचानक बिहार मतदान प्रतिशत कुल वोटर्स से 3 लाख ज्यादा हो गया और जिस तरह से सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत पाकर भी तेजस्वी की पार्टी सिर्फ 25 सीट पा पाई, क्या ये हैरान कर देने वाले डेटा नहीं है। क्या वोट आखिर दो दिन वोट के बदले नोट का खेल चला जिसमें 22 करोड़ रुपए पकडे जाने का आरोप है। क्या सच में एसआईआर के फ्रॉड को लेकर महागठबंधन के लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए।

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