तालिबानी प्रवक्ता का बड़ा दावा, कहा- अमेरिका ड्रोन रोज कर रहे अफगान हवाई सीमा का उल्लघंन

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मजुाहिद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी ड्रोन रोज अफगानिस्तान की हवाई सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मजुाहिद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी ड्रोन रोज अफगानिस्तान की हवाई सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं. साथ ही ये भी दावा किया है कि कुछ पड़ोसी देशों के जरिए ये ड्रोन अफगानिस्तान में एंट्री करते हैं.

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि अमेरिकी ड्रोन अब भी अफगानिस्तान की हवाई सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं और यह उड़ानें कुछ पड़ोसी देशों के जरिए अफगानिस्तान में दाखिल होती हैं. ईरानी प्रसारक IRIB को दिए इंटरव्यू में मुजाहिद ने इसे देश की संप्रभुता का खुला उल्लंघन बताया और इन उड़ानों को फौरन बंद करने की मांग उठाई.

मुजाहिद ने इंटरव्यू में कहा कि अमेरिकी ड्रोन लगातार अफगानिस्तान की हवाई निगरानी कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये ड्रोन किस पड़ोसी देश की हवाई सीमा से होकर आते हैं, लेकिन पहले वे पाकिस्तान पर ऐसा रास्ता देने का आरोप लगा चुके हैं.

किसी को नहीं मिलेगा बगराम एयरबेस
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान एक संतुलित और अर्थव्यवस्था-केंद्रित विदेश नीति अपना रहा है और वह अमेरिका सहित सभी देशों से रिश्ते चाहता है. शर्त सिर्फ इतनी है कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए. जब पूछा गया कि क्या अमेरिका दोबारा अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति बना सकता है, तो मुजाहिद ने साफ कहा कि तालिबान किसी भी विदेशी ताकत को एक इंच जमीन भी नहीं देगा.

उन्होंने बगराम एयरबेस पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी की खबरों को भी खारिज किया और कहा कि न अमेरिका लौटा है, न चीन और तालिबान किसी भी देश को सैन्य अड्डा बनाने नहीं देगा. तालिबान प्रवक्ता के अनुसार, पिछले चार वर्षों में तालिबान सरकार ने अपने 70 प्रतिशत कार्यक्रम पूरे कर लिए हैं, लेकिन प्रतिबंधों, यात्रा पाबंदियों और अंतरराष्ट्रीय मान्यता की कमी उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ हैं.

तालिबानी प्रवक्ता का ये दावा ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.पिछले सप्ताह मुजाहिद ने पाकिस्तान पर एक बार फिर से संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया. 15 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच सीज़फ़ायर हुआ था, जिसे दोहा और इस्तांबुल में हुई बाद की बैठकों में बढ़ाया गया था. इसके बावजूद सीमा पर तनाव कम होने के बजाय बढ़ता दिख रहा है.

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