शारजाह ने लॉन्च किया स्मार्ट सिस्टम, फिशिंग एक्टिविटी पर होगी नजर अब सुरक्षा हुई और मजबूत
दोस्तों UAE किस तरह से से आज दुनियाभर में अपनी तरक्की का परचम लहरा रहा है ये बात आप बखूबी समझते ही होंगे। वहां की न्याय व्यवस्था से लेकर वहां के लोगों की उदारता हर किसी को भाती है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: नमस्कार दोस्तों 4PM मिडिल ईस्ट में आपका इस्तकबाल है। 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया की बड़ी खबरों को आपके लिए सरल और मजेदार तरीके से पेश करते हैं। इसी कड़ी में आज हम जो जानकारी हम आपके लिए लेकर आये हैं वो बेहद ज़रूरी है।
दोस्तों UAE किस तरह से से आज दुनियाभर में अपनी तरक्की का परचम लहरा रहा है ये बात आप बखूबी समझते ही होंगे। वहां की न्याय व्यवस्था से लेकर वहां के लोगों की उदारता हर किसी को भाती है। इसी कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि संयुक्त अरब अमीरात की खाड़ी अर्थव्यवस्था में मछली पकड़ना न केवल एक पारंपरिक आजीविका का स्रोत है, बल्कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है।
वहीं हाल ही में, शारजाह ने एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए क्षेत्र की पहली पूर्ण रूप से डिजिटल ट्रेसिबिलिटी प्रणाली लॉन्च की, जो मछली पकड़ने के कार्यों पर नज़र रखने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली क्यूआर कोड-आधारित है और हर मछली पकड़ने वाले जहाज की हर गतिविधि को तट से बाज़ार तक ट्रैक करती है।
यह यूएई में पहली ऐसी एंड-टू-एंड डिजिटल सॉल्यूशन है, जो मछली पकड़ने के उद्योग को आधुनिक बनाने, सतत विकास को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं के विश्वास को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसका लॉन्च समारोह Souq Al Jubail में आयोजित हुआ, जहां शारजाह एसेट मैनेजमेंट ने सीफूड सौक (Seafood Souq) के साथ साझेदारी में इसकी शुरुआत की। यह प्रणाली न केवल स्थानीय मछुआरों की मदद करेगी, बल्कि यूएई की समग्र नीली अर्थव्यवस्था यानी Blue Economy को मजबूत बनाएगी।
शारजाह, जो यूएई के सात अमीरातों में से एक है, हमेशा से नवाचार और सतत विकास में आगे रहा है। यहां की मछली बाज़ारें, जैसे सौक अल जुबैल, हमरिया और कल्बा, देश की मछली आपूर्ति का प्रमुख केंद्र हैं। लेकिन पारंपरिक तरीकों से मछली पकड़ने की निगरानी में कई चुनौतियां थीं, जैसे ट्रेसिबिलिटी की कमी, प्रशासनिक देरी, और अवैध मछली पकड़ने का खतरा। इस नई प्रणाली के साथ, शारजाह ने इन समस्याओं का डिजिटल समाधान प्रस्तुत किया है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि यूएई में मछली पकड़ना एक प्राचीन परंपरा है, जो समुद्री संसाधनों पर निर्भर अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, देश में सालाना लगभग 1.5 लाख टन से अधिक मछली उत्पादन होता है, जिसमें शारजाह का योगदान महत्वपूर्ण है। लेकिन जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक मछली पकड़ने और प्रदूषण जैसी चुनौतियों ने समुद्री संसाधनों को खतरे में डाल दिया है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं के बीच स्थानीय मछली की गुणवत्ता और उत्पत्ति को लेकर संदेह बढ़ रहा है,
खासकर जब आयातित समुद्री भोजन बाज़ार में हावी हो रहा है।पिछले दशकों में, यूएई सरकार ने खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। 2021 में लॉन्च हुए नेशनल फूड सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के तहत, मछली पकड़ने को एक प्रमुख क्षेत्र बनाया गया। शारजाह ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई, जहां सौक अल जुबैल जैसे बाज़ारों में 139 सक्रिय मछली पकड़ने वाले जहाज संचालित होते हैं, जो 53 स्थानीय प्रजातियों को कवर करते हैं। फिर भी, मैनुअल रिकॉर्डिंग और कागजी कार्रवाई से निपटने में देरी होती थी, जिससे बाज़ार दक्षता प्रभावित होती थी। इस प्रणाली का लॉन्च इन मुद्दों को हल करने का प्रयास है, जो डेटा-ड्रिवन अप्रोच अपनाकर सतत प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।
आपको बता दें कि यह डिजिटल प्रणाली एक बी2बी सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जो सीफूड सौक द्वारा विकसित की गई है। तो आइए दोस्तों इसको सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं। सबसे पहले बात करते हैं जहाज पंजीकरण और क्यूआर कोड असाइनमेंट की यानी हर मछली पकड़ने वाले जहाज को एक अनोखा क्यूआर कोड असाइन किया जाता है। यह कोड लाइसेंस विवरण, जहाज की क्षमता और मालिक की जानकारी को एन्कोड करता है। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है, जो पारंपरिक कागजीपत्रों को समाप्त कर देती है। इसके साथ ही जब जहाज समुद्र की ओर रवाना होता है, तो क्यूआर कोड को स्कैन करके प्रस्थान का रिकॉर्ड बनाया जाता है। यह जीपीएस इंटीग्रेशन के माध्यम से जहाज की लोकेशन को ट्रैक करता है, जिससे अवैध सीमाओं में प्रवेश को रोका जा सकता है।
बात की जाए मछली पकड़ने की प्रक्रिया की तो समुद्र में, मछुआरे कैच का डिजिटल लॉग बनाते हैं। ऐप के माध्यम से प्रजाति, मात्रा, स्थान और समय दर्ज किया जाता है। यह डेटा क्लाउड पर अपलोड हो जाता है, जो पर्यावरणीय डेटा (जैसे मौसम, जल गुणवत्ता) के साथ एकीकृत होता है। इसके साथ ही बता दें कि जब जहाज लौटता है, तो क्यूआर कोड स्कैन करके कैच को सत्यापित किया जाता। प्रणाली स्वचालित रूप से लाइसेंस चेक करती है और यदि कोई अनियमितता हो, तो अलर्ट भेजती है।
एक ही लैंडिंग साइट पर लगभग 1.5 लाख किलोग्राम से अधिक समुद्री भोजन पहले ही सत्यापित हो चुका है। अब बात आती है बाज़ार और बिक्री तो आपको बता दें कि बाज़ार में, उपभोक्ता या रिटेलर क्यूआर कोड स्कैन करके पूरी ट्रेसिबिलिटी देख सकते हैं। यह एक डिजिटल डेटाबेस बनाता है, जो ऑडिट और नियामक जांच के लिए उपयोगी है।यह प्रक्रिया प्रशासनिक बोझ को 50% तक कम करती है और सत्यापन समय को मिनटों में बदल देती है।
यह प्रणाली बहुआयामी लाभ प्रदान करती है। आर्थिक रूप से, यह मछुआरों को गुणवत्ता पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाती है, न कि कीमत पर। परिचालन लागत में कमी से बाज़ार दक्षता बढ़ती है, और डिजिटल डेटाबेस रणनीतिक निर्णयों के लिए आधार प्रदान करता है। शारजाह एसेट मैनेजमेंट के सीईओ ओमर अल मुल्ला ने कहा, “यह लॉन्च शारजाह की सतत विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह समुद्री संसाधनों के प्रबंधन को मजबूत करता है और नवाचार, पर्यावरणीय जिम्मेदारी तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर आधारित विविधीकृत अर्थव्यवस्था की दृष्टि को सशक्त बनाता है।” इसके साथ ही सतत मछली पकड़ने को बढ़ावा देकर ओवरफिशिंग को रोका जाता है। डेटा एनालिटिक्स से समुद्री इकोसिस्टम की निगरानी संभव हो जाती है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद करता है। यह यूएई की ‘ब्लू इकोनॉमी’ सिद्धांतों से मेल खाता है,
जो समुद्री संसाधनों का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करता है।सामाजिक रूप से, उपभोक्ताओं का स्थानीय समुद्री भोजन में विश्वास बढ़ता है। पारंपरिक आजीविकाओं को संरक्षित करते हुए, यह युवा पीढ़ी को डिजिटल टूल्स से जोड़ता है। सीफूड सौक के सह-संस्थापक शेख फाहिम अल कासिमी ने टिप्पणी की और उनका कहना है कि “यह प्रणाली उन्नत तकनीक का एक प्रमुख मिसाल है जो दक्षता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक सततता पर आधारित व्यवसायिक वातावरण बनाती है। यूएई और क्षेत्र के लिए पहली होने के नाते, यह शारजाह को डेटा-ड्रिवन जिम्मेदार विकास के लिए निवेशकों का केंद्र बनाती है।” कुल मिलाकर, यह प्रणाली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करती है, क्योंकि यह आयात पर निर्भरता कम करती है और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देती है।
प्रमुख भूमिका शारजाह एसेट मैनेजमेंट की है, जो शारजाह सरकार की निवेश शाखा है। सीफूड सौक एक वैश्विक बी2बी SaaS विशेषज्ञ, ने तकनीकी विकास किया। लॉन्च के दौरान, सौक अल जुबैल के साथ एक रणनीतिक समझौता साइन किया गया, जो हमरिया और कल्बा साइट्स पर विस्तार सुनिश्चित करता है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करेगा। अन्य भागीदारों में स्थानीय मछली बाज़ार ऑपरेटर और मछुआरा संघ शामिल हैं। यह पहल माजरा नेशनल सीएसआर इम्पैक्ट सील से सम्मानित हुई है, जो यूएई में सीएसआर और ईएसजी का उच्चतम पुरस्कार है।
लॉन्च के तुरंत बाद, प्रणाली को शारजाह के सभी प्रमुख लैंडिंग साइट्स पर विस्तारित किया जाएगा। दीर्घकालिक लक्ष्य सभी सात अमीरातों में एकीकृत राष्ट्रीय फ्रेमवर्क बनाना है, जो MOCCAE के साथ मिलकर सतत मत्स्य प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। 2031 तक, यूएई की उद्यमिता रणनीति के तहत, यह प्रणाली एसएमई नवाचार में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करेगी। भविष्य में, एआई इंटीग्रेशन से पूर्वानुमानित मछली पकड़ने के मॉडल जोड़े जा सकते हैं, जो मौसम और स्टॉक स्तरों पर आधारित होंगे। यह न केवल यूएई बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र के लिए एक मॉडल बनेगी। शारजाह की यह डिजिटल प्रणाली मछली पकड़ने के उद्योग में एक मील का पत्थर है। यह तकनीक को पारंपरिक प्रथाओं के साथ जोड़कर न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और उपभोक्ता विश्वास को भी मजबूत करती है।
यूएई की विज़न 2031 के अनुरूप, यह पहल शारजाह को स्मार्ट इकोनॉमी का केंद्र बनाती है। मछुआरों से लेकर उपभोक्ताओं तक, हर हितधारक को लाभ पहुंचाने वाली यह प्रणाली साबित करती है कि नवाचार सतत विकास का चाबी है। भविष्य में, जब यह राष्ट्रीय स्तर पर फैलेगी, तो यूएई की खाद्य सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी, और समुद्री धरोहर सुरक्षित रहेगी।



