एनआईओएस शिक्षा वंचितों के लिए कर रहा विशिष्ट कार्य : धर्मेन्द्र प्रधान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

दिल्ली। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थानन (एनआईओएस) के 36वें स्थापपना दिवस समारोह का आयोजन रविवार को कौशल भवन में आयोजित किया गया। जिसमें माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार धर्मेंद्र प्रधान जी बतौर मुख्यि अतिथि शामिल हुए।  संजय कुमार, भा.प्र.से., सचिव, विशिष्ट अतिथिगण के रूप में और प्राची पांडे, (आईए एंड एएस), संयुक्तक सचिव, स्कू,ल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई। साथ ही, मंत्रालय एवं विभिन्न संस्थांओं के अन्य उच्चासधिकारीगण, एनआईओएस के पूर्व अध्य क्ष, एनआईओएस के सभी क्षेत्रीय केंद्र निदेशक, शिक्षा जगत के विद्वान, एनसीईआरटी के निदेशक, नीपा और जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति, डूटा, नवोदय विद्यालय समिति और सीबीएसई के अध्यक्ष सहित विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य, एनआईओएस के शिक्षार्थियों के साथ मीडियाकर्मी भी समारोह में उपस्थित हुए। समारोह का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन और सुगम एनजीओ के शिक्षार्थियों द्वारा प्रस्तुत सरस्वपती वंदना से हुई।

एनआईओएस गीत के उपरांत संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर अखिलेश मिश्र ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में एनआईओएस के उत्कृष्ट कार्यों का उल्लेख किया। साथ ही, संस्थान द्वारा विश्व की पहली भारतीय सांकेतिक भाषा पर उच्चतर माध्यमिक स्तर के पाठ्यक्रम को रेखांकित किया। आत्मनिर्भरता पर पर बल देते हुए उन्होंने स्व के जागरण की बात कही। शिक्षा वंचित शिक्षार्थियों के त्वरित एवं आसान नामांकन हेतु उन्होंने जल्द ही एनआईओएस मित्र कार्यक्रम शुरू करने की योजना साझा की।

एनआईओएस के 36वें स्थापना दिवस समरोह के अवसर पर मुख्य अतिथि  केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने उद्बोधन में एनआईओएस के कार्यों की प्रशंसा करते हुए, एनआईओएस भारत की अनोखी परंपरा से जुड़ने की बधाई दी। एक संस्मरण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से संस्थान शिक्षा वंचित बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं और यह कार्य एनआईओएस के साथ मिलकर हो रहा है। मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया और मैकाले की मानसिकता से बाहर निकलने का आवाहन भी किया। शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रयोगधर्मिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रयोग से जिज्ञासाओं को आसानी से शांत किया जा सकता है और इसके माध्यम से शिक्षक शिक्षा को भी बेहतर बनाया जा सकता है।

विशिष्ट अतिथि प्राची पांडे ने अपने संबोधन में एनआईओएस को 36वें स्था पना दिवस समारोह की शुभकामनाएं दीं और शिक्षावंचितों को शिक्षित करने में एनआईओएस की महत्वएपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनआईओएस द्वारा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना सराहनीय है।

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