संविधान दिवस पर ममता बनर्जी का बयान, SIR के पीछे NRC की तैयारी, नागरिकता साबित करने की नौबत?
ममता बनर्जी ने संविधान दिवस पर कहा कि ये SIR के पीछे NRC काम कर रहा है. क्या अब हमें अपनी नागरिकता का सबूत देना होगा? इसीलिए मैं आज यहां भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लेती हूं.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: ममता बनर्जी ने संविधान दिवस पर कहा कि ये SIR के पीछे NRC काम कर रहा है. क्या अब हमें अपनी नागरिकता का सबूत देना होगा? इसीलिए मैं आज यहां भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लेती हूं. ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता के मुद्दे [CAA-SIR] की वजह से लोगों को मरने के कगार पर पहुंचा द या है.
पश्चिम बंगाल में आज संविधान दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेड रोड पर संबोधन दिया. उन्होंने कहा डॉ. बी.आर. आंबेडकर इसके चेयरमैन थे. ममता ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि वे अविभाजित बंगाल से चुने गए थे, जिससे हमें उन पर बहुत गर्व होता है क्योंकि बहुत से लोग यह इतिहास नहीं जानते. उन्होंने कहा कि आज जब डेमोक्रेसी और धर्म पर हमला हो रहा है और नागरिकता और वोटिंग के अधिकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो हमें खुद से पूछना चाहिए, क्या अब हमें अपनी नागरिकता का सबूत देना होगा? इसके पीछे NRC काम कर रहा है. हम इससे हैरान और दुखी हैं, इसीलिए मैं आज यहां भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लेती हूं, जो सबसे बड़ा है.
हमें आजादी आज सत्ता में बैठे लोगों की दया से नहीं मिली, हमें यह स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से मिली. यहां 90% बंगाली थे जिन्होंने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, जबकि पंजाब का भी सबसे बड़ा योगदान था. यह बंगाल ही था जो भारत में पुनर्जागरण और क्रांति लाया. मैं अभी प्रस्तावना पढ़ रहा हूं.
ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने मीडिया में देखा कि हम पार्लियामेंट में जय हिंद और वंदे मातरम नहीं कह सकते, हालांकि मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं. उन्होंने कहा कि मैं MP से पूछूंगी. क्या वे बंगाल की पहचान खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं? हम भारत का हिस्सा हैं और हमें यह कहते हुए गर्व है कि बंगाल ने हमेशा डेमोक्रेसी, सेक्युलरिज़्म और अलग-अलग तरह की एकता के लिए लड़ाई लड़ी है.
हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि डेमोक्रेटिक अधिकार छीने जा रहे हैं और हर जगह धार्मिक आधार पर बंटवारा हो रहा है. लोगों पर ज़ुल्म किया जा रहा है, चाहे वे तपसीली हों, दलित हों, आदिवासी हों, माइनॉरिटी हों या हिंदू वोटर हों. जो लोग [SIR की वजह से] मरे, उनमें से ज़्यादातर हिंदू थे. हम सब एक हैं, हमें यह याद रखना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता के मुद्दे [CAA-SIR] की वजह से लोगों को मरने के कगार पर पहुंचा दिया है. जो लोग कल [बोंगांव में] ढाक बजा रहे थे, वे रो रहे थे और मुझसे उन्हें बचाने के लिए कह रहे थे. उन्होंने कहा कि लोग इस पर पॉलिटिक्स कर रहे हैं, यह शर्म की बात है! बिहार में लोगों के घर गिरा दिए गए हैं. यह BJP की चाल है, चुनाव के बाद लूटने की. हमें इसके खिलाफ एक होना होगा.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर हम जय हिंद और वंदे मातरम नहीं कह सकते और अगर वे राजा राममोहन राय का अपमान करते हैं, तो क्या यह मंज़ूर है? आप हमारी ज़मीन का अपमान कर रहे हैं! लीडर वो होता है जो लोगों को समझता है और उनकी इज्ज़त करता है. सभी एजेंसियां मिलीभगत कर रही हैं. मैं पत्रकारों को दोष नहीं देती. उन्हें खरीदा गया है क्योंकि उनके बॉस को इन एजेंसियों का इस्तेमाल करके धमकाया जा रहा है.
ममता बनर्जी ने कहा कि एक काम करो [BJP] चार करोड़ नोटिस भेजो और हम फिर भी तुमसे लड़ेंगे! मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन जो वे कर रहे हैं उसके लिए मैं उनकी आलोचना करती हूं. उन्होंने देश को इतना नीचे गिरा दिया है. न्यूट्रैलिटी कहां है? सिर्फ नाइंसाफी और पार्टीबाजी है. तुम अब पावर में नहीं रहोगे. मैं तुम्हें बता दूं कि तुम्हारी सरकार 2029 में गिर जाएगी. यह उससे पहले भी हो सकता है! BLO हर जगह मर रहे हैं. उनकी मांगें जायज़ हैं. क्या तुम सोच सकते हो कि उन्हें सिर्फ एक मीटिंग के लिए 48 घंटे बैठना पड़ा?
उन्होंने कहा कि जब मैं कल [बोंगांव से] वापस आ रहा था, तो कुछ लोग मुझसे बात करना चाहते थे और मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और जो ज़रूरी था वो किया. लेकिन, BLO को सिर्फ अपनी बात सुनाने के लिए 48 घंटे इंतज़ार क्यों करना चाहिए? यह कैसा घमंड है? वे [ECI] हमारी तरफ से चार से ज़्यादा रिप्रेजेंटेटिव से नहीं मिल रहे हैं. हमने कहा है कि हम 10 लोगों का डेलीगेशन भेजेंगे. क्यों? क्या वे अभी तय करेंगे कि वे किससे मिलेंगे?
आप तीन साल का काम दो महीने में कैसे पूरा कर सकते हैं? यह खेती का मौसम है. पत्रकार भी पूरे दिन घर पर नहीं रहते. गिनती के फॉर्म बांटने के आंकड़े भी गलत हैं. हम संविधान को मानेंगे और उसके हिसाब से काम करेंगे. आज़ादी के दीवानों ने हमें जो भी गाइडेंस दी है, हम उनकी गाइडलाइंस को मानेंगे, BJP की गाइडलाइंस को नहीं.
BLOs को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि आपको सुसाइड नहीं करना चाहिए क्योंकि ज़िंदगी बहुत कीमती है, फिर भी उन्हें कोई रहम नहीं आया और BLOs से मिलने और उनकी बात सुनने में ही 48 घंटे लग गए. एक छोटे से नेता की हिम्मत तो देखो! हमारे पास सभी मौतों का रिकॉर्ड है. गुजरात और MP में BLO की मौतों के लिए कौन ज़िम्मेदार है? वहां BJP की सरकार है. वे SIR को क्यों दौड़ा रहे हैं? क्या वे सब संत हैं? वे BLOs को धमका रहे हैं कि उनकी नौकरी चली जाएगी. जब आप दूसरों को धमका रहे हैं तो आपकी नौकरी कौन बचाएगा?



