चैतर वसावा के गंभीर आरोप, नशे का हब बना राज्य, ड्रग्स–शराब माफिया को सरकार से संरक्षण!
कांग्रेस नेता चैतर वसावा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासन में गुजरात नशे के कारोबार का बड़ा केंद्र बन गया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात कभी गांधीजी के शराबबंदी के सिद्धांतों का प्रतीक था.. आजकल नशे के कारोबार के केंद्र के रूप में चर्चा में है.. राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद.. ड्रग्स और अवैध शराब का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है.. जिसको लेकर आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.. उनका कहना है कि ड्रग्स तस्करों और शराब माफिया से वसूली के पैसे से ही राजनीतिक दल चलाए जा रहे हैं.. एक साल पहले अंकलेश्वर के GIDC इलाके में 518 किलोग्राम कोकीन की बरामदगी.. जिसकी कीमत 5,000 करोड़ रुपये बताई गई.. उन्होंने इस बहस को और तेज कर दिया.. इसी तरह पहले भी कई बड़ी घटनाएं हुईं.. जहां फार्मा कंपनियों से अरबों की ड्रग्स बरामद हुईं.. लेकिन सरकार का दावा है कि वह ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत सख्त कार्रवाई कर रही है…
चैतर वसावा AAP के गुजरात कार्याध्यक्ष और भरूच जिले के जंबूसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक.. इस मुद्दे पर सबसे मुखर आवाज हैं.. वसावा ने हाल ही में कहा कि गुजरात ‘नशे का बाजार’ बन गया है.. उनका दावा है कि शराबबंदी के बावजूद.. सब्जी बाजार की तरह ड्रग्स और शराब खुलेआम बिक रही है.. और उन्होंने BJP पर आरोप लगाया कि ड्रग्स तस्करों.. और शराब माफिया से ‘हप्ता’ वसूली के पैसे से ही ‘कमलम’ और पार्टी चलाई जा रही है.. वसावा ने एक साल पहले भरूच के एसपी को 35 सीसीटीवी फुटेज सौंपे थे.. जिसमें पुलिस अधिकारी शराब के ठेकों से वसूली करते दिखे.. लेकिन इसके बजाय, गृहमंत्री हरि वस्त्र कोकजे ने उन्हें ‘ज्ञान’ दिया..
आपको बता दें कि वसावा का बैकग्राउंड आदिवासी समुदाय से जुड़ा है.. वे 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP के चेतनभाई वसावा के खिलाफ लड़े और हार गए.. लेकिन AAP में सक्रिय रहे.. जनवरी 2024 में वे जेल से रिहा हुए.. जहां वे एक पुराने मामले में बंद थे.. उनके बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी.. वसावा ने कहा कि गुजरात सरकार ड्रग्स पर कार्रवाई का दावा करती है.. लेकिन हकीकत में माफिया संरक्षण में हैं.. हालांकि, BJP ने इन आरोपों को ‘राजनीतिक साजिश’ बताया.. पार्टी का कहना है कि वसावा खुद विवादों में रहते हैं और ये बयान चुनावी स्टंट हैं..
विपक्ष के अन्य नेता भी सहमत हैं.. कांग्रेस की मुमताज पटेल ने कहा कि गुजरात ‘ड्रग्स का गेटवे’ बन गया है.. जिग्नेश मेवाणी ने पुलिस पर सवाल उठाए कि ड्रग्स की इतनी बड़ी खेपें क्यों आ रही हैं.. हाल ही में कांग्रेस ने दावा किया कि चार साल में 16,000 करोड़ की ड्रग्स जब्त हुईं.. लेकिन कोई बड़ा दोषी पकड़ा नहीं गया.. ज्यादातर जब्ती मुंद्रा पोर्ट पर हुई.. जो अडानी ग्रुप का है.. कांग्रेस का आरोप है कि BJP-अडानी नेक्सस की वजह से जांच रुक जाती है..
वहीं सबसे बड़ी घटना अक्टूबर 2024 की है.. 13 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और गुजरात पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में अंकलेश्वर के GIDC इलाके में अवकर ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की फार्मा कंपनी पर दबिश दी.. वहां से 518 किलोग्राम कोकीन बरामद हुई.. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 5,000 करोड़ रुपये आंकी गई.. यह खेप दिल्ली के एक आरोपी से जुड़ी थी.. जो कोकीन को मेडिकल पाउडर के रूप में तस्करी कर रहा था.. पुलिस ने कंपनी के तीन डायरेक्टर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया..ट
कंपनी GIDC के पनोली क्षेत्र में स्थित थी.. जो फार्मा यूनिट्स का हब है.. जांच में पता चला कि कोकीन को थाईलैंड से मरिजुआना के साथ मिलाकर लाया जा रहा था.. कुल 1,289 किलोग्राम कोकीन.. और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मरिजुआना जब्त हुआ.. जिसकी कीमत 13,000 करोड़ बताई गई.. यह दो हफ्तों में तीसरी बड़ी जब्ती थी.. गुजरात पुलिस के डीजीपी ने इसे ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की सफलता बताया.. लेकिन विपक्ष ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी मात्रा कैसे पहुंची.. क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत थी..
अंकलेश्वर GIDC ड्रग्स का हॉटस्पॉट बन चुका है.. यहां फार्मा कंपनियां दवाओं के नाम पर नशीले पदार्थ बनाती हैं.. स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रमिकों में ड्रग्स एडिक्शन बढ़ गया है.. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में गुजरात में 2,000 से ज्यादा ड्रग्स से जुड़े मामले दर्ज हुए.. वहीं यह पहली बार नहीं है.. अगस्त 2022 में मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने भरूच के पनोली GIDC में फार्मा इन्फिनिटी नाम की कंपनी पर छापा मारा.. वहां से 513 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद हुआ.. जिसकी कीमत 1,026 करोड़ रुपये थी.. कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया गया.. जांच में पता चला कि यह ‘ब्रेकिंग बैड’ स्टाइल का लैब था.. जहां ऑर्गेनिक केमिस्टरी ग्रेजुएट नशीले पदार्थ बना रहे थे.. मालिक ने 5 करोड़ का रिश्वत का ऑफर भी दिया, जो उल्टा पड़ा..
इसी साल, अगस्त में ही एक और फार्मा यूनिट से 1,300 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुए.. जिसकी मूल्य 1,383 करोड़ थी.. भरूच पुलिस ने इसे ‘रिकॉर्ड जब्ती’ बताया.. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये कंपनियां जल्द ही दोबारा शुरू हो जाती हैं.. उदाहरण के तौर पर एक रेड के बाद कंपनी ने नाम बदल लिया और काम चालू कर दिया..
गुजरात के कोने-कोने में ऐसी घटनाएं हैं.. मुंद्रा पोर्ट पर 2021-2024 के बीच ही 3,000 करोड़ की हेरोइन जब्त हुई.. अक्टूबर 2024 में ही अंकलेश्वर में एक और फैक्टरी से 427 किलोग्राम संदिग्ध ड्रग्स.. और 2 किलोग्राम MD बरामद हुए.. सूरत के पलसाना में जुलाई 2024 में 51.4 करोड़ की मेफेड्रोन यूनिट पकड़ी गई.. ये आंकड़े दिखाते हैं कि फार्मा सेक्टर में ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग आसान हो गया है.. कच्चा माल आसानी से आता है.. और बंदी के नाम पर ढील मिल जाती है..
बता दें कि वसावा के 35 सीसीटीवी फुटेज वाले दावे पर स्पष्ट पुष्टि नहीं मिली.. लेकिन गुजरात में पुलिस की मिलीभगत के कई वीडियो वायरल हुए हैं.. फरवरी 2024 में खेड़ा जिले में एक वीडियो आया.. जिसमें तीन इंस्पेक्टर शराब की बोतल के साथ दिखे.. जांच शुरू हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं.. जून 2025 में हांसोत पुलिस के अधिकारी शराब पार्टी में कैद हुए.. अक्टूबर 2025 में एक वीडियो में ‘शाह’ के बेटे ने पुलिस के सामने शराब पी.. लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ है..
फरवरी 2023 में सूरत में दो पुलिसकर्मी बूटलेगर्स को टिप्स देते पकड़े गए.. जुलाई 2024 में अहमदाबाद में एक शख्स ने फेसबुक पर शराब धंधे का वीडियो डाला.. और गिरफ्तार हुआ.. नवंबर 2025 में गुजरात के मंत्री ने कहा कि आदिवासी शराब पीते हैं.. जिससे विवाद भी हुआ.. 2024 में हर चार सेकंड में एक इंग्लिश शराब की बोतल जब्त हुई.. भरूच एसपी मयूर चावड़ा ने जनवरी 2025 में एक बड़ा ड्रग रैकेट तोड़ा.. लेकिन विपक्ष का कहना है कि छोटे फिश पकड़े जाते हैं.. जिससे बड़े माफिया बच जाते हैं.. जुलाई 2025 में सानंद के गोल्फ रिसॉर्ट में लिकर पार्टी पर 42 लोग पकड़े गए..
वहीं BJP सरकार का दावा है कि वह नशे के खिलाफ युद्ध लड़ रही है.. गृह मंत्री हरि वस्त्र कोकजे ने कहा कि हम जीरो टॉलरेंस पर हैं.. 2024 में 1,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं.. डीजीपी ने अंकलेश्वर छापे को सफलता बताया.. लेकिन विपक्ष कहता है कि जब्ती तो होती है.. लेकिन कोर्ट में सजा नहीं मिलती है.. चार साल में 16,000 करोड़ की ड्रग्स जब्त.. लेकिन कोई बड़ा कन्विक्शन नहीं है..
आपको बता दें कि शराबबंदी पर बहस पुरानी है.. दिसंबर 2023 में GIFT सिटी में शराब की छूट दी गई.. जिसे विपक्ष ने ‘बैकडोर हटाना’ कहा.. जनवरी 2023 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बंदी से 2 बिलियन डॉलर का टैक्स लॉस हो रहा है.. जुलाई 2025 में बनासकांठा BJP नेता ने प्रोहिबिशन अधिकारियों पर 1,000 करोड़ का मोलासेस घोटाला लगाया.. नवंबर 2025 में मुंद्रा पोर्ट पर 3.26 करोड़ की IMFL जब्त हुई..



