दुबई रेसिंग कार्निवल पेश करेगा दुनिया में अनोखी मिसाल, 19 देशों के 300 घोड़े दिखाएंगे अपना जौहर!
इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं दुबई रेसिंग कार्निवल की जिसकी दुनियाभर में खूब चर्चा हो रही है। दोस्तों दुबई रेसिंग कार्निवल एक ऐसा बड़ा इवेंट है जो संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में होता है। यह घोड़ों की दौड़ का एक लंबा सीजन है जो नवंबर से मार्च तक चलता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: नमस्कार दोस्तों 4PM मिडिल ईस्ट में आपका इस्तकबाल है। 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया तमाम बड़ी खबरों को आपके समाने पेश करते हैं।
इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं दुबई रेसिंग कार्निवल की जिसकी दुनियाभर में खूब चर्चा हो रही है। दोस्तों दुबई रेसिंग कार्निवल एक ऐसा बड़ा इवेंट है जो संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में होता है। यह घोड़ों की दौड़ का एक लंबा सीजन है जो नवंबर से मार्च तक चलता है। इस साल 2025-26 का सीजन 7 नवंबर को शुरू हो चुका है और 13 मार्च 2026 तक चलेगा। इसमें दुनिया भर से आए घोड़े भाग लेते हैं। खास बात यह है कि इस बार 19 देशों से 300 से ज्यादा घोड़े मैदान में उतरेंगे। यह कार्निवल मेहदन रेसकोर्स नाम की जगह पर होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा घुड़सवारी मैदान है।
यह इवेंट न सिर्फ घोड़ों की दौड़ के लिए मशहूर है, बल्कि फैमिली एंटरटेनमेंट, फैशन शो और लाइव म्यूजिक के लिए भी जाना जाता है। दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की वजह से यह कार्निवल इतना बड़ा बन गया है। वे घुड़सवारी के शौकीन हैं और चाहते हैं कि दुबई दुनिया का घुड़सवारी केंद्र बने।
इस कार्निवल का मकसद घोड़ों को ट्रेनिंग देना है ताकि वे मार्च 2026 में होने वाले दुबई वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन करें। दुबई वर्ल्ड कप दुनिया का सबसे अमीर घुड़सवारी इवेंट है, जहां 30.5 मिलियन डॉलर का प्राइज मनी होता है। इस कार्निवल में 16 रेस मीटिंग्स होती हैं, हर शुक्रवार को शाम 5:30 बजे से शुरू। टिकट सिर्फ 10 दिरहम से मिल जाते हैं, तो कोई भी आकर मजा ले सकता है।
तो चलिए दोस्तों जानते हैं आखिर दुबई रेसिंग कार्निवल की शुरुआत कैसे हुई, यह जानना दिलचस्प है। यूएई में घुड़सवारी का इतिहास बहुत पुराना है। अरब देशों में घोड़े हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। 1981 में दुबई में पहली बार थ्रोब्रेड घोड़ों की दौड़ हुई थी, जो कैमल ट्रैक पर हुई। फिर 1992 में दुबई रेसिंग क्लब की स्थापना हुई। नाद अल शेबा रेसकोर्स पर पहली रेस हुई, जहां मशहूर जॉकीज लेस्टर पिगोट और विली कार्सन आए थे। 1996 में पहला दुबई वर्ल्ड कप हुआ, जिसमें अमेरिकी घोड़ा सिगार जीता। लेकिन 2010 में मेहदन रेसकोर्स बन गया, जो नाद अल शेबा से ज्यादा बड़ा और आधुनिक है। मेहदन को शेख मोहम्मद ने बनवाया, जो 200 मिलियन पाउंड का प्रोजेक्ट था। यह जगह स्पोर्ट, लग्जरी और इनोवेशन का मिश्रण है।
यहां 80 हजार से ज्यादा लोग बैठ सकते हैं। कार्निवल 1996 से चल रहा है, लेकिन हर साल बड़ा होता जा रहा है। 2026 में यह अपना 30वां साल मनाएगा। अब यह सिर्फ रेसिंग नहीं, बल्कि एक फेस्टिवल है जहां परिवार, बच्चे और टूरिस्ट आते हैं। पिछले साल 3 लाख से ज्यादा स्पेक्टेटर्स आए थे। इस कार्निवल से दुबई की इकोनॉमी को फायदा होता है, क्योंकि होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म बढ़ता है।
बात केविन इस साल का कार्निवल 7 नवंबर को शुरू हुआ। पहली रेस में 70 से ज्यादा घोड़े दौड़े, और प्राइज मनी 1.33 मिलियन दिरहम था। सात रेस हुईं, जो थ्रिलिंग रहीं। अब तक ब्रिटेन, डेनमार्क और नॉर्वे से घोड़े आ चुके हैं। और आने वाले हफ्तों में बाकी देशों से भी घोड़े पहुंचेंगे। कुल 300 से ज्यादा घोड़े 19 देशों से भाग लेंगे। ये देश यूरोप, अमेरिका, एशिया और अफ्रीका से हैं। जैसे ब्रिटेन से 8 घोड़े जेमी ओस्बोर्न लेकर आए, जिनमें हार्ट ऑफ ऑनर नाम का घोड़ा है। यह घोड़ा पहले यूएई डर्बी में दूसरा और प्रीकनेस स्टेक्स में पांचवां था।
नॉर्वे से नील्स पीटर्सन 11 घोड़े लाए, जिनमें वॉर सॉक्स है, जो नॉर्स्क डर्बी जीत चुका। चेक गणराज्य से मिरोस्लाव निस्लानिक पोंटोस नाम का स्प्रिंटर घोड़ा लाए, जो ग्लोबट्रॉटिंग के लिए फेमस है। डेनमार्क से वेरोनिका जान्डोवा 7 घोड़े लाईं, जिनमें हांस एंडरसन है, जो लास्ट सीजन दुबई से लौटकर लिस्टेड रेस जीता। ब्रिटेन से और ट्रेनर्स जैसे कार्ल बर्क, डेविड ओ’मीयारा आ रहे हैं। उनके घोड़े होलोवे बॉय और एपिक पोएट पहले दुबई में अच्छा परफॉर्म कर चुके। ग्रुप 1 विनर्स जैसे मितबाही और ऑडियंस भी आ रहे। यूएई के लोकल घोड़े भी मजबूत हैं, जैसे गोडोल्फिन के। कुल मिलाकर, यह कार्निवल इंटरनेशनल घोड़ों का मेला है।
मेहदन रेसकोर्स दुबई का ज्वेल है। यह 1.2 मिलियन वर्ग फुट का ग्रैंडस्टैंड है, जहां 80 हाजर लोग आ सकते हैं। यहां टर्फ ट्रैक और डर्ट ट्रैक दोनों हैं। डर्ट ट्रैक अमेरिकी स्टाइल का है, ताकि यूएस घोड़े आसानी से एडजस्ट हो सकें। टर्फ ट्रैक फ्रेश रखा जाता है। रेस ट्रैक 10 फर्लॉन्ग लंबा है। जगह पर लक्जरी बॉक्स, रेस्टोरेंट, किड्स जोन और शॉपिंग एरिया हैं। रेस के दौरान लाइट्स लग जाती हैं, जो रात को मैजिकल बना देती हैं। फैमिलीज के लिए फ्री प्रेडिक्शन गेम होता है, जहां आप जीतने वाले घोड़े का अंदाजा लगाकर प्राइज जीत सकते हैं।
टिकट जनरल एडमिशन के 10 दिरहम से शुरू, प्रीमियम के 100-500 दिरहम। बच्चे फ्री एंट्री पा सकते हैं। पार्किंग फ्री है। यहां से दुबई की स्काईलाइन दिखती है। सस्टेनेबिलिटी पर फोकस है, जैसे वाटर रीसाइक्लिंग और ग्रीन एनर्जी। शेख मोहम्मद का विजन था कि यह जगह सिर्फ रेसिंग न हो, बल्कि कम्युनिटी का हब बने। अब यह हो गया है।
इस कार्निवल की सबसे बड़ी खासियत इंटरनेशनल पार्टिसिपेशन है। 19 देशों से 300 घोड़े आना कोई छोटी बात नहीं। यूरोप से सबसे ज्यादा, जैसे यूके, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी। अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया से भी। साउथ अफ्रीका और सऊदी अरब जैसे अरब देश। हर देश के ट्रेनर्स अपनी बेस्ट टीम लाते हैं। जैसे ब्रिटेन से ल्यूसी बोत्ती 9 घोड़े लाईं, जो पिछले साल रॉयल दुबई से सफल रहीं। जॉर्ज स्कॉट, एलिस हेनेज जैसे ट्रेनर्स भी। नॉर्वे से 11 घोड़े, जो ठंडे देश से आकर गर्मी में एडजस्ट करना चैलेंज है। चेक से पोंटोस, जो स्प्रिंट में माहिर।
डेनमार्क से 7 घोड़े। यूएई लोकल ट्रेनर्स जैसे सईद बिन सूरूर, चार्ली एपल्बाई गोडोल्फिन के घोड़े हैंडल करते। जॉकीज में विलियम बुक, जेम्स डॉयल जैसे स्टार्स। यह मिक्स घोड़ों को कॉम्पिटिटिव बनाता है। हर रेस में अलग देशों के घोड़े मुकाबला करते। इससे ग्लोबल फ्रेंडशिप बढ़ती है। दुबई रेसिंग क्लब के हेड एर्वान चार्पी का इसे लेकर कहना है कि “हम खुश हैं कि इतने देशों से एक्सेप्टर्स आए।” यह कार्निवल घुड़सवारी को ग्लोबल बनाता है।
वहीँ बात करें घोड़ों की तो वे स्टार्स हैं। रेसिंग हॉर्सेस थ्रोब्रेड ब्रीड के होते हैं, तेज दौड़ने के लिए ट्रेन। हार्ट ऑफ ऑनर अमेरिकन है, होनर ए.पी. का बेटा। 21 नवंबर को उसने 7 लेंथ की लीड से जीता। वॉर सॉक्स नॉर्वेजियन डर्बी चैंपियन। पोंटोस चेक स्प्रिंटर, जो दुनिया घूम चुका। हांस एंडरसन डेनिश, जो दुबई से इंस्पायर्ड। लोकल घोड़े जैसे गोडोल्फिन के मलकी, जो ग्रुप रेस जीत चुके। घोड़ों को दुबई लाने में लॉजिस्टिक्स चैलेंज। लेकिन दुबई क्लब सब हेल्प करता। घोड़े यहां अच्छा खाते, स्विमिंग पूल में ट्रेन। वेट्स और फिजियो उन्हें फिट रखते। घोड़ों की उम्र 2 से 5 साल, वजन 400-500 किलो। रेस में वे 60 किमी/घंटा स्पीड पकड़ते।
दोस्तों आपको बता दें कि कार्निवल सिर्फ रेसिंग नहीं, एंटरटेनमेंट का खजाना है। हर इवेंट में लाइव म्यूजिक, डीजे, फूड कोर्ट। फेस्टिव फ्राइडे पर क्रिसमस ट्री, सांता, गिफ्ट्स। फैशन फ्राइडे पर डिजाइनर्स शो, जहां महिलाएं हैट्स पहनतीं। किड्स के लिए राइड्स, गेम्स। फैमिलीज पिकनिक स्टाइल एंजॉय। रेस्टोरेंट्स में अरबी, इंडियन, इंटरनेशनल फूड। कॉर्पोरेट बॉक्स में बिजनेस मीटिंग्स। पिछले साल जैनब और उनकी बेटी शाहद आईं, जो सूडान से। टूरिस्ट्स के लिए पैकेजेस, होटल डील्स। दुबई आई के साथ मिलकर प्रमोट।
यह इवेंट कल्चरल मिक्स है, जहां अरबी ट्रेडिशन और मॉडर्न वाइब्स। सस्टेनेबिलिटी पर फोकस, प्लास्टिक फ्री। दुबई रेसिंग कार्निवल का असर ग्लोबल है। यह घुड़सवारी को प्रमोट करता। यूएई में 1800 घोड़े ट्रेनिंग में, 600 थ्रोब्रेड। कार्निवल से टैलेंट स्काउटिंग। वर्ल्ड कप के लिए प्रिप। 2026 का वर्ल्ड कप 28 मार्च को, 30वां एडिशन। 8 ग्रुप रेस, जैसे दुबई गोल्ड कप, यूएई डर्बी। प्राइज 30.5 मिलियन डॉलर। कार्निवल से 60,000 स्पेक्टेटर्स वर्ल्ड कप में आते। इकोनॉमी बूस्ट, जॉब्स क्रिएट। शेख मोहम्मद का विजन है दुबई को रेसिंग हब बनाना। जो की अब लगभग पूरा हो चुका है।
अगर आप आना चाहें तो dubairacingclub.com पर टिकट बुक कर सकते हैं। जनरल एंट्री 10 दिरहम, प्रीमियम 100+ फैमिली पैकेजेस। ट्रांसपोर्ट नोल, टैक्सी आसान है। ड्रेस कैजुअल, लेकिन फैशन नाइट पर स्टाइलिश। कोविड रूल्स फॉलो, मास्क अगर जरूरी। यह इवेंट सबके लिए, रेसिंग फैन हो या न हो। 19 देशों के 300 घोड़े, क्या कमाल का शो होगा! दुबई का मौसम कूल, शामें परफेक्ट। यह घुड़सवारी की दुनिया का फेस्टिवल है। तो दोस्तों आप भी इस अहम मौके में शामिल होकर यहाँ के नजारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। ये थी दुबई रेसिंग कार्निवल से जुडी पूरी जानकारी।



