टॉक्सिन को बाहर करने के लिए करें ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शरीर में लिवर सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो पाचन, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल, जंक फूड, अल्कोहल और तनाव की वजह से लिवर पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। अगर लिवर कमजोर हो जाए तो थकान, पाचन संबंधी समस्याएं और कई गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे में योगासन लिवर को डिटॉक्स करने और उसे स्वस्थ बनाए रखने का प्राकृतिक और असरदार तरीका है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन एक प्राकृतिक उपाय है। रोजाना इन आसनों का 10 से 15 मिनट अभ्यास करके लिवर को डिटॉक्स किया जा सकता है। साथ ही संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है।

नौकासन

यह आसन लिवर और पेट की मांसपेशियों को मजबूती देता है। नियमित अभ्यास से लिवर को ऊर्जा मिलती है और यह बेहतर तरीके से कार्य करता है। नौकासन से मन प्रसन्न होता है और शरीर को ताकत मिलती है। नौकासन करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथ कंधों के बराबर आगे रखें और हथेलियां मिलाएं। दोनों पैर मिलाकर रखें। सांस भरते हुए हाथों को आगे और पैरों को पीछे की ओर ऊपर उठाएं, ताकि शरीर नाव जैसी स्थिति में आ जाए। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं। इसे तीन बार दोहराएं।

धनुरासन

इस आसन को करने से पेट और लिवर पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन और लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है। यह लिवर को डिटॉक्स करने और फैट कम करने में मददगार है। इस योगासन में शरीर धनुष की तरह दिखाई देता है। यह आंतरिक अंगों पर सकारात्मक दबाव डालता है और पैंक्रियाज को टोन करता है। रोज 15 से 20 सेकंड धनुरासन के दो सेट का अभ्यास पर्याप्त है।

भुजंगासन

यह आसन लिवर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और खून का संचार बढ़ाता है। इससे लिवर पर जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। यह पेट के आसपास की चर्बी को कम करने के लिए बेस्ट आसन है। इस आसन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, पाचन सुधरता है और कमर पतली दिखने लगती है। इसे करने से छाती चौड़ी होती है और फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम लिवर की शुद्धि के लिए बेहद लाभकारी है। क्योंकि इसे करने सेे रक्त शुद्ध होता है और लिवर की कोशिकाएं सक्रिय होती हैं। कपालभाति प्राणायाम वजन नियंत्रित करने में सहायक है। वहीं पेट की चर्बी घटाने और शरीर के विषैले तत्व बाहर निकालकर पेट साफ करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह आसन लिवर को स्ट्रेच करता है और विषैले तत्वों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करता है। साथ ही पाचन क्रिया को मजबूत करता है। यह आसन पैंक्रियास को सक्रिय करता है और इंसुलिन के स्राव को संतुलित करता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास लिवर और किडनी की कार्यक्षमता भी बढ़ाता है। इस आसन को करने के लिए आप जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को सीधा कर लें। इस समय आप रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। इसके बाद बाएं पैर को मोड़े और इससे कुल्हे के नीचे दबाएं। अब दाएं पैर को ऊपर की मोड़े, इसका घुटना ऊपर की ओर रखें। इसके बाद जो पैर ऊपर की ओर है, उस ओर शरीर के ऊपरी हिस्से को घुमाएं। ऐसा करते समय आप ऊपर वाले पैर को नीचे वाले पैर से क्रॉस करें और तलवे को घुटने के पास ले आएं। बाएं हाथ को जमीन पर रखें और गहरी सांस को अंदर भरें। इस पोजिशन में करीब 20 से 30 सेकेंड तक शरीर को होल्ड करें।

 

 

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