शाह के फिसली जुबान-निकली गाली! सदन में मचा हंगामा!
इन दिनों वोट चोरी और वन्दे मातरम को लेकर सियासी पारा हाई चल रहा है। सड़क से लेकर संसद तक इसकी गूँज है। सदन में इन मुद्दों पर जमकर चर्चा हो रही है। वहीं इसी बीच सदन में बीते रोज कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: इन दिनों वोट चोरी और वन्दे मातरम को लेकर सियासी पारा हाई चल रहा है। सड़क से लेकर संसद तक इसकी गूँज है। सदन में इन मुद्दों पर जमकर चर्चा हो रही है। वहीं इसी बीच सदन में बीते रोज कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
देश का गृह मंत्री ही सदन में बोलते हुए अपशब्द का प्रयोग करने लगे तो क्या होगा। जी हाँ ऐसा ही हुआ जब राहुल गांधी के बयानों और उनके द्वारा दिए गए चैंलेज को शाह साहब स्वविकार नहीं कर पाए और उन्होंने ‘साला’ जैसे शब्द का प्रयोग कर दिया जिसके बाद उन्होंने इसे टंग स्लिप अर्थात ज़ुबान का फिसलना बता दिया। वहीं शाह के इस बयान पर अब सियासत तेज हो गई है। विपक्ष इसे लेकर शाह और भाजपा पर हमलावर है। ऐसे में शाह के बयान को राहुल गांधी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- अमित शाह का संसद में “साला” कहना वोट चोरी को लेकर उनकी घबराहट और बेईमानी को बेनक़ाब करता है।
वहीँ सदन में शाह के इस बयान के सामने आने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि महोदय यह असंसदीय शब्द है. साथ ही गौरव गोगोई ने कहा क्या आप बाज़ार में बात कर रहे हैं? जिसके बाद अमित शाह ने अपनी सफाई में कहा मान्यवर, अगर मैंने कोई गलत शब्द बोला है तो आप उसको संसीदय कार्यवाही से निकाल दीजिए. फिर क्या बिड़ला जी, जिनके चेहरे पर हमेशा बीजेपी के लिए एक हल्की सी मुस्कान छाई रहती है, उन्होंने इसे स्वविकार करते हुए अपने सिर हिलाया. चुनाव आयोग का सम्मान और बिड़ला जी का हाल देखकर अमित शाह के पीछे बैठे सत्ताधारी दल के नेता हंसने लगे.
बीजेपी नेता संसद में होने वाली बहसों में हर साल चार चाँद लगा ही देते हैं। पिछली बार रमेश बिधूड़ी जी ने यह करतब कर दिखाया था. इस बार चूंकि वो नहीं हैं इसलिए अमित शाह जी ने उनकी कमी पूरी कर दी है। हालांकि इस बयाना से उनकी जमकर आलोचना भी हो रही है। वहीँ शाह के इस बयान पर आज राहुल गांधी ने दावा किया कि लोकसभा में अपनी बात रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह बहुत ‘नर्वस’ नजर आए तथा उन्होंने बहस की चुनौती पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश ने देखा कि अमित शाह मानसिक रूप से बहुत दबाव में हैं। राहुल गांधी ने संसद परिसर में कहा ‘‘अमित शाह जी कल संसद में बड़े नर्वस थे। उनके हाथ कांप रहे थे, उन्होंने गलत भाषा का इस्तेमाल किया।
दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष ने चुनाव सुधार की जगह एसआईआर प्रक्रिया पर ही चर्चा की है. अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने “झूठ फैलाया है और देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है.” अमित शाह के भाषण के दौरान कांग्रेस के सांसदों ने सदन का बायकॉट किया. संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने अमित शाह के भाषण को डिफ़ेंसिव बताया. राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा, “गृह मंत्री का जवाब पूरी तरह से डिफ़ेंसिव था. हमने जो पॉइंट्स रखे हैं, उनका जवाब नहीं दिया. एक उदाहरण लेकर बोल रहे हैं. यह पूरी तरह से डिफ़ेंसिव रिस्पॉन्स था.”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा था, “ब्राज़ील की एक महिला का नाम हरियाणा की वोटर लिस्ट में 22 बार आया. और सिर्फ़ इतना ही नहीं, एक महिला ऐसी भी है जिसका नाम हरियाणा के एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 200 से ज़्यादा बार आया है.” “यह बिल्कुल साफ़ है और मैंने बिना किसी शक के यह साबित किया है कि हरियाणा में चुनाव चोरी हुआ था और ये वोट चोरी भारत के चुनाव आयोग ने सुनिश्चित की थी.” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी ओर से उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
राहुल गांधी ने बिहार में हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न का ज़िक्र करते हुए कहा, “ऐसा क्यों है कि बिहार में एसआईआर के बाद भी बिहार की वोटर लिस्ट में 1.2 लाख डुप्लीकेट फ़ोटोज़ मौजूद हैं? अगर आपने वोटर लिस्ट साफ़ कर दी है, तो बिहार में 1.2 लाख डुप्लीकेट फ़ोटोज़ क्यों हैं?” अपने संबोधन के आख़िर में राहुल गांधी ने कहा, “सबसे बड़ा एंटी नेशनल काम जो आप कर सकते हैं,
वह है- वोट चोरी. वोट-चोरी से बड़ा कोई एंटी नेशनल काम नहीं है क्योंकि जब आप वोट को ख़त्म करते हैं, तो आप इस देश के ताने-बाने को ख़त्म कर देते हैं. आप मॉडर्न इंडिया को ख़त्म करते हैं, आप इंडिया के आइडिया को ख़त्म करते हैं.” “वोट चोरी एक एंटी नेशनल काम है और जो लोग सदन में दूसरी तरफ़ हैं, वे एंटी नेशनल काम कर रहे हैं.”
अब शाह ने राहुल के चैलेंज वाली बात सुनकर बौखलाहट दिखाई और नेहरू जी को लेकर अपनी बात एक बार फिर बीच में घसीट दी। इससे एक बात तो साफ है कि भाजपा राहुल गांधी से पूरी तरह बौखला गई है। वहीं गांधी परिवार को बीच में लेकर शाह ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली और विपक्ष को एक बार और मौका दे दिया है। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर कड़ा प्रहार किया है.
उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा के दौरान मुद्दों से भटकते हुए कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार को बार-बार घसीटना उचित नहीं था. चतुर्वेदी ने इसे सरकार की नाराजगी और अहंकार का संकेत बताया. प्रियंका चतुर्वेदी के बयान से स्पष्ट है कि विपक्ष चुनाव सुधारों पर सार्थक चर्चा की मांग कर रहा है, जबकि सरकार पर इस मुद्दे को नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित कर मुद्दे से भटकने के आरोप लग रहे हैं. आने वाले दिनों में यह बहस और तेज होने की संभावना है.
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक पूरे परिवार पर टिप्पणी करने में ज्यादा समय लगाया, जबकि चुनाव सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर गंभीर और संतुलित चर्चा की अपेक्षा थी. उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा यह मांग करती है कि जब देश के लोकतांत्रिक ढांचे से जुड़े सुधारों पर बात हो रही हो, तो व्यक्तिगत प्रहार से बचना चाहिए.
सांसद ने कहा कि चुनाव सुधार देश के भविष्य और लोकतंत्र की मजबूती से जुड़े हैं. देश यह जानना चाहता है कि सरकार पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए क्या ठोस कदम उठाएगी. लेकिन जवाब देने की बजाय विपक्ष को कोसकर माहौल बिगाड़ा गया. उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की मजबूती विपक्ष को कमजोर करने से नहीं, बल्कि संवाद और जवाबदेही से होती है.
हालांकि सदन में मचे इस सियासी संग्राम की गूँज अब सड़कों पर भी दिखाई दे रही है। और लोगों के बीच शाह और भाजपा की जमकर आलोचना हो रही है। क्योंकि भाजपा सरकार देश में चल रहे बड़े-बड़े और अहम मुद्दों से देश जनता को गुमराह कर रही है। और वन्दे मातरम हिन्दू-मुसलमान जैसे मुद्दों पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है।



