19 दिसंबर को जाएगी Modi की कुर्सी? बड़ा ऐलान, अमेरिका से जुड़े तार
महज 4 दिन बाद… यानी 19 दिसंबर को देश की राजनीति में ऐसा भूचाल आने वाला है….जिसकी कल्पना भर से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है.19 दिसंबर को बदल जाएगा भारत का प्रधानमंत्री, देश को मिलेगा मराठी पीएम.........

4पीएम न्यूज नेटवर्क: महज 4 दिन बाद… यानी 19 दिसंबर को देश की राजनीति में ऐसा भूचाल आने वाला है….जिसकी कल्पना भर से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है.19 दिसंबर को बदल जाएगा भारत का प्रधानमंत्री, देश को मिलेगा मराठी पीएम………
जिसके बाद सवाल उठें कि क्या वाकई देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुर्सी हाथ से जाने वाली है?….क्या भारत को 19 दिसंबर को नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है?…और क्या इस बार देश की कमान किसी मराठी मानुष के हाथों में होगी?.
दरअसल, ये सवाल हम नहीं उठा रहे हैं…ये दावा किया है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता….महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और PMO में लंबे समय तक काम कर चुके पृथ्वीराज चव्हाण ने…उनके इस बयान ने राजनीति में आग लगा दी है…सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक….मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक…हर जगह बस एक ही चर्चा है कि…क्या मोदी सरकार के दिन गिने-चुने रह गए हैं?……
पिंपरी-चिंचवड़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पृथ्वीराज चव्हाण ने ऐसा बयान दे दिया…जिसने सभी को चौंका दिया…उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 19 दिसंबर को भारत का प्रधानमंत्री बदल जाएगा…इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी जोड़ दिया कि इस बार देश को एक मराठी प्रधानमंत्री मिलने वाला है……चव्हाण यहीं नहीं रुके…उन्होंने दावा किया कि वो ये बात किसी हवा-हवाई अनुमान के आधार पर नहीं कह रहे…
बल्कि उन्हें दिल्ली की राजनीति की गहरी समझ है…….उनका कहना है कि वो लंबे समय तक PMO में काम कर चुके हैं और सत्ता के गलियारों में क्या पक रहा है…इसे समझने का उन्हें अनुभव है…यही वजह है कि उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जा रहा…भले ही उन्होंने कोई ठोस सबूत पेश न किया हो….लेकिन उनके राजनीतिक कद और अनुभव की वजह से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है…और हर किसी के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं…
दिलचस्प बात ये है कि पृथ्वीराज चव्हाण ने इसी महीने दूसरी बार प्रधानमंत्री बदलने की बात कही है…इससे पहले सांगली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने ऐसा ही दावा किया था…तब भी उनके बयान ने हलचल मचा दी थी…लेकिन अब दोबारा वही बात दोहराए जाने से सस्पेंस और गहरा गया है….अब सवाल उठ रहा है कि आखिर पृथ्वीराज चव्हाण बार-बार 19 दिसंबर की तारीख पर ही जोर क्यों दे रहे हैं?…क्या इसके पीछे कोई खास वजह है?…या फिर ये सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने की कोई रणनीति है?…….तो पृथ्वीराज चव्हाण के बयान में सबसे चौंकाने वाला हिस्सा अमेरिका से जुड़ा है…उन्होंने दावा किया कि अमेरिका में एक व्यक्ति….
जिसे उन्होंने इजराइल का गुप्तचर बताया…उसने कई बड़े नेताओं के बंगलों में कैमरे लगाकर स्टिंग ऑपरेशन किया है…चव्हाण के मुताबिक, इस स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े खुलासे बहुत जल्द सामने आने वाले हैं…जिनसे कई बड़े और ताकतवर चेहरों का पर्दाफाश हो सकता है…उनका कहना है कि अमेरिका में एक नया कानून लाया जा रहा है और उसी कानून के तहत 19 दिसंबर को इन बड़े नेताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे…हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें खुद नहीं पता कि इन नेताओं में कौन-कौन शामिल है…लेकिन इतना जरूर है कि इसका असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा…बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति पर इसका असर पड़ेगा…
अपने दावे को मजबूत करने के लिए पृथ्वीराज चव्हाण ने अमेरिका की चर्चित जेफ्री एपस्टीन फाइल्स का भी हवाला दिया…उन्होंने कहा कि इन फाइल्स के सामने आने से अमेरिका में भारी राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है…चव्हाण का दावा है कि इन खुलासों की वजह से अमेरिका में कई बड़े नेता कटघरे में खड़े हो गए हैं…यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति भी कमजोर होती नजर आ रही है…उन्होंने ये भी कहा कि हाल ही में डेमोक्रेटिक समिति द्वारा डोनाल्ड ट्रंप और जेफ्री एपस्टीन के साथ मौजूद 19 तस्वीरें सार्वजनिक की गईं…जिसके बाद अमेरिका में सियासी बवाल मच गया…
चव्हाण के मुताबिक, यही घटनाक्रम भारत तक भी असर डाल सकता है…….यहीं से कहानी और भी ज्यादा पेचीदा हो जाती है और सवाल उठता है कि अगर अमेरिका में कोई कानून आता है….या वहां कोई खुलासा होता है…तो उससे भारत का प्रधानमंत्री कैसे बदल सकता है?…हालांकि, पृथ्वीराज चव्हाण ने सीधे तौर पर तो इसका जवाब नहीं दिया…लेकिन इशारों-इशारों में ये जरूर कहा कि दुनिया की राजनीति आपस में जुड़ी हुई है और कई बार अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का सीधा असर घरेलू राजनीति पर पड़ता है…हालांकि, उनके इस बयान ने अटकलों को और हवा दे दी है…सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं कि…कहीं ये किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय दबाव की ओर इशारा तो नहीं है?…कहीं कोई ऐसा राज तो नहीं…जो अभी सामने आना बाकी है?…
वहीं पृथ्वीराज चव्हाण के इस दावे पर भाजपा ने तुरंत और सख्त प्रतिक्रिया दी है…भाजपा नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि ये सब कोरी अफवाह है और इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है…भाजपा का कहना है कि अमेरिका में जो कुछ भी हो रहा है….उसका भारत की सरकार या प्रधानमंत्री से कोई संबंध नहीं है…पार्टी नेताओं ने सवाल उठाया कि अगर अमेरिका में कुछ दस्तावेज सामने आते हैं…तो उससे भारत का प्रधानमंत्री कैसे बदल सकता है?…
भाजपा ने मराठी व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने और पीएम मोदी के पद छोड़ने के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है…उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जानबूझकर ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं…ताकि देश में भ्रम और अस्थिरता का माहौल बनाया जा सके…
भाजपा का कहना है कि ये सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है…पार्टी नेताओं का आरोप है कि विपक्ष….खासकर कांग्रेस….जनता के बीच भ्रम फैलाकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है…उनका ये भी कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी को जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है और ऐसे बयानों से सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला……जबकि, दूसरी ओर….
कांग्रेस समर्थकों और मोदी सरकार के आलोचकों में पृथ्वीराज चव्हाण के बयान को लेकर उत्सुकता और उम्मीद दोनों नजर आ रही हैं…कई लोग इसे बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत मान रहे हैं…उनका कहना है कि अगर कोई वरिष्ठ और अनुभवी नेता इस तरह की तारीख के साथ दावा कर रहा है…तो इसके पीछे कुछ न कुछ जरूर होगा…हालांकि, ये वर्ग भी ये मानता है कि जब तक ठोस सबूत सामने नहीं आते…तब तक इसे सिर्फ एक दावा ही माना जाना चाहिए…
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 19 दिसंबर सिर्फ एक तारीख है….या फिर भारत की राजनीति के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट?….क्या वाकई नरेंद्र मोदी की कुर्सी खतरे में है?…क्या देश को नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है?…और क्या वो प्रधानमंत्री मराठी होगा, जैसा कि पृथ्वीराज चव्हाण दावा कर रहे हैं?…
फिलहाल इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं…लेकिन इतना तो तय है कि पृथ्वीराज चव्हाण के बयान ने देश की राजनीति को गर्मा दिया है…अब सबकी निगाहें 19 दिसंबर पर टिकी हुई हैं…क्योंकि, उस दिन ये साफ हो जाएगा कि ये सब सिर्फ सियासी बयानबाजी थी…या फिर इसके पीछे वाकई कोई बड़ा राजनीतिक भूचाल छिपा हुआ है.



