इस्तीफा दें पीएम एवं गृहमंत्री

  • कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- गांधी परिवार को सताया जा रहा है
  • खरगे ने नेशनल हेरल्ड पर फैसला आने के बाद भाजपा को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पांच अन्य के खिलाफ धन शोधन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से अदालत द्वारा इनकार किए जाने का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए। खरगे ने यह आरोप भी लगाया कि यह मामला गांधी परिवार को परेशान करने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दर्ज कराया गया है।
दिल्ली की एक अदालत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पांच अन्य के खिलाफ धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से मंगलवार को इनकार कर दिया। खरगे ने संवाददाताओं से कहा, यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दर्ज किया गया है… यह गांधी परिवार को सताने के लिए किया गया है। इसमें कुछ भी नहीं है और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में फैसला आने के बाद अब नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा, यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के मुंह पर तमाचा है। उन्हें एक राजीनामा देना चाहिए कि भविष्य में वे लोगों को सताने का काम नहीं करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और गांधी परिवार को सताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईडी का दुरुपयोग कर कई सांसदों-विधायकों को अपने पाले में कर कई राज्यों में सरकार बनाई गई. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.। सत्य की हमेशा जीत होती है. उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से इस्तीफे की मांग भी की।

जांच एजेंसियों का कैसे दुरुपयोग किया गया : अभिषेक सिंघवी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जांच एजेंसियों का कैसे दुरुपयोग किया जाता है, नेशनल हेराल्ड मामला इसका एक प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस मामले में न तो पैसे का कोई लेनदेन हुआ है और ना ही संपत्ति का कोई हस्तांतरण हुआ है तो फिर धन शोधन का सवाल कहां उठता है। उन्होंने कहा, नेशनल हेराल्ड का मामला द्वेष से प्रेरित तो है ही, बल्कि लापरवाही से भी भरा है। इस मामले में कल जो फैसला आया, वह सत्ता के दबाव पर संविधान का अंतिम प्रभाव है। सिंघवी ने कहा कि इस केस में सत्ता के दवाब पर संविधान का अंतिम प्रभाव पड़ा है. 2021 से 25 के बीच में ईडीने राहुल गांधी ने 50 घंटे, खरगे को 6 घंटे, सोनिया गांधी को 8 घंटे पूछताछ के लिए बुलाया. ये 2014 में सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ, उन्होंने ष्टक्चढ्ढ श्वष्ठ को सब लिखा था। 2014 से 2021 तक सीबीआई,ईडी ने अपनी फाइल्स में लिखा इसमें कोई प्रेडिक्ट ऑफेंस नहीं बनता है। उसके बाद अचानक 2021 में जून में अचानक एकदम पहले कार्यवाही एफआईआर फाइल कर दी, कल जज ने उसका संज्ञान लेने से मना कर दिया है, ये जांच एजेंसी के दुरुपयोग का बड़ा मामला बनता है।

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