अल फलाह यूनिवर्सिटी: ED जांच में PG सीटों और इंस्पेक्शन में गड़बड़ी का खुलासा
हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यूनिवर्सिटी को PG सीटों की मंजूरी या रद्द होने की जानकारी पहले ही मिल जाती थी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यूनिवर्सिटी को PG सीटों की मंजूरी या रद्द होने की जानकारी पहले ही मिल जाती थी।
जांच में यह भी सामने आया कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से जुड़ी इंस्पेक्शन और परमिशन की प्रक्रिया यूनिवर्सिटी के द्वारा फर्जी तरीकों से मैनेज की जाती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंस्पेक्शन की तारीखें पहले से तय कर दी जाती थीं, जिससे यूनिवर्सिटी को निरीक्षण से पहले ही तैयारी का मौका मिल जाता था। प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई से मेडिकल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
जांच में सामने आया है कि PG सीटों की मंजूरी या रद्द होने की जानकारी पहले ही मिल जाती थी. इंस्पेक्शन की तारीखें पहले से तय कर ली जाती थीं. इंस्पेक्शन के दौरान कागज़ों पर फर्जी डॉक्टर और फर्जी मरीज दिखाए जाते थे. इससे जुड़ी जानकारी NMC, दिल्ली पुलिस, आयकर विभाग समेत अन्य एजेंसियों को भेज दी गई हैं.
पैसों की हेराफरी आई सामने
दिल्ली में हुए आतंकी हमले की जांच में भी यह मामला अहम माना जा रहा है. हमले का आत्मघाती आतंकी उमर नबी, जो Al Falah यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था, के अलावा गिरफ्तार आरोपी मुज़म्मिल का भी यूनिवर्सिटी से संबंध रहा है.
ED की जांच में रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के ज़रिए पैसों की हेराफेरी भी सामने आई है. मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल निर्माण का काम Karkun Construction & Developers को दिया गया, जिसमें जवाद अहमद सिद्दीकी बेटे अफहम अहमद सिद्दीकी की 49% हिस्सेदारी, बेटी आफिया सिद्दीका की 49% हिस्सेदारी है, 2% एक कर्मचारी के नाम है.
हॉस्टल की कैटरिंग का ठेका Amla Enterprises LLP को दिया गया, जिसमें पत्नी उस्मा अख्तर की 49%, बेटे
अफहम अहमद की 49% हिस्सेदारी है. इसके अलावा आरोपी के भाई की फर्म Star Foods भी यूनिवर्सिटी को सप्लाई करती रही है. ED का कहना है कि ये सभी कंपनियां असल में जवाद अहमद सिद्दीकी के नियंत्रण में चल रही थीं, लेकिन इन्हें आयकर रिटर्न या अन्य सरकारी दस्तावेजों में नहीं दिखाया गया.
ED किन बिंदुओं पर कर रही है जांच
शिक्षा और चैरिटेबल संस्थानों के ज़रिए अपराध की कमाई को खपाने की कोशिश
चैरिटेबल फंड और ज़मीन की खरीद में गड़बड़ी
नियमों का उल्लंघन (NMC, UGC, NAAC से जुड़े नियम)
विदेशों में संपत्ति और परिवार के विदेश में बसने के संकेत
बेटे और बेटी की दोहरी नागरिकता से जुड़े सवाल



