17 साल बाद ढाका वापस लौटे तारिक रहमान, भारत के साथ अच्छे रिश्ते की जगी आस!
बांग्लादेश में एक ओर जहां 17 साल के वनवास के बाद प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के लडके और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान लौट आए हैं तो वहीं उनके साथ एयरपोर्ट पर एक मिस्ट्री गर्ल वायरल हो गई हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बांग्लादेश में एक ओर जहां 17 साल के वनवास के बाद प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के लडके और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान लौट आए हैं तो वहीं उनके साथ एयरपोर्ट पर एक मिस्ट्री गर्ल वायरल हो गई हैं।
हालत यह है कि सोशल मीडिया पर तारिक रहमान के लौटने से ज्यादा चर्चा इस मिस्ट्री गर्ल की हो रही है, हर कोई ये जानना चाहता है कि ये तारिक रहमान के साथ दिखने वाली लड़की कौन है। मिस्ट्री गर्ल आखिर है कौन और तारिक रहमान के वापस लौटने से कैसे भविष्य में फिर से भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद जगी है।
सबसे पहले जानते हैं तारिक रहमान कौन हैं। तारिक रहमान बांग्लादेश की मशहूर पॉलिटिशियन खालिदा जिया के बड़े बेटे हैं। खालिदा जिया दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं, और वो बीएनपी की चेयरपर्सन भी हैं। तारिक का जन्म 1965 में हुआ, और उन्होंने राजनीति में एंट्री 1990 के दशक में की। वो बीएनपी में तेजी से ऊपर आए, और 2001 से 2006 तक जब उनकी मां सत्ता में थीं, तारिक को काफी पावरफुल पोजिशन मिली। लेकिन यहां से शुरू हुआ उनका मुश्किल दौर।
2007 में बांग्लादेश में इमरजेंसी लगी, और आर्मी बैक्ड गवर्नमेंट आई। उस समय तारिक पर कई आरोप लगे – जैसे करप्शन, मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक कि टेररिज्म से जुड़े केस भी। वो 2007 में गिरफ्तार हुए और करीब एक साल जेल में रहे। जेल में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया, और 2008 में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए उन्हें लंदन भेजा गया। वहां से शुरू हुआ उनका 17 साल का वनवास यानि कि एक्साइल, देश छोड़कर बाहर रहना। तारिक लंदन में रहे, लेकिन वो बीएनपी की राजनीति को वहीं से मैनेज करते रहे। वीडियो कॉल्स, मीटिंग्स और स्पीचेस से पार्टी को गाइड किया। लेकिन बांग्लादेश में शेख हसीना की गवर्नमेंट थी, जो अवामी लीग की थी, और वो तारिक को दुश्मन मानती थी।
कई केस में उन्हें सजा हुई, लेकिन वो बाहर थे तो कुछ नहीं हो सका। अब 2025 में, शेख हसीना का रिजाइम गिरा, मुहम्मद यूनुस की अंतरिम गवर्नमेंट आई, और हालात बदले। तारिक के कई केस कैंसल या फिर सस्पेंड हुए, और वो वापस आने का प्लान बना सके। वनवास 17 साल चला, जिसमें तारिक ने परिवार के साथ लंदन में टाइम स्पेंड किया, लेकिन हमेशा बांग्लादेश की राजनीति पर नजर रखी। उनकी वाइफ जुबैदा रहमान और बेटी जाइमा भी उनके साथ रहीं। अब ये वनवास खत्म हो गया है, और तारिक ढाका लौट आए हैं। लेकिन क्यों इतना लंबा टाइम लगा? क्योंकि शेख हसीना की गवर्नमेंट उन्हें वापस नहीं आने देना चाहती थी।
तारिक लंदन से फ्लाइट लेकर ढाका पहुंचे, और उनके साथ थीं उनकी वाइफ जुबैदा रहमान, बेटी जाइमा जरनाज रहमान, और यहां तक कि उनकी पेट कैट भी! एयरपोर्ट पर बीएनपी के लाखों सपोर्टर्स इकट्ठे थे। लोग नारे लगा रहे थे, फूल बरसा रहे थे, और पूरा ढाका जाम हो गया। तारिक ने प्लेन से उतरते ही कहा, कि मैं वापस बांग्लादेश की आकाश में हूं! ये मोमेंट बीएनपी के लिए बहुत बड़ा था, क्योंकि पार्टी 2026 के चुनाव की तैयारी में है, और तारिक को पीएम कैंडिडेट माना जा रहा है। ढाका पहुंचते ही तारिक को रॉयल वेलकम मिला।
बीएनपी ने प्लान किया था कि 50 लाख लोग वेलकम करेंगे, लेकिन लाखों ही आए। तारिक ने एयरपोर्ट से निकलकर सीधे अपनी मां खालिदा जिया से मिलने का प्लान बनाया, जो घर पर हैं। ये रिटर्न सिर्फ पर्सनल नहीं, बल्कि पॉलिटिकल है। बीएनपी अब मजबूत हो गई है, और चुनाव में अवामी लीग को टक्कर देगी। लेकिन चुनौतियां भी हैं – जामात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियां बीएनपी के साथ हैं, जो रेडिकल हैं। फिर भी, तारिक का आना बांग्लादेश की डेमोक्रेसी के लिए अच्छा सिग्नल है।
17 साल का वनवास खत्म हो गया, और अब नई शुरुआत। मिस्ट्री गर्ल की, जो तारिक के साथ ढाका पहुंची है वो जाइमा जरनाज रहमान। पहले तो लोग सोच रहे थे कि ये कौन है? लेकिन असल में जाइमा तारिक रहमान की इकलौती बेटी हैं, और खालिदा जिया की ग्रैंडडॉटर। उनका पूरा नाम बैरिस्टर जाइमा रहमान है, और वो लंदन में बैरिस्टर हैं, मतलब वकील। जाइमा का जन्म 1990 के दशक में हुआ, और उन्होंने लंदन में पढ़ाई की। राजनीति से दूर रहीं, लेकिन हाल ही में एंट्री की। नवंबर 2025 में जाइमा ने पहली बार बीएनपी की मीटिंग में वर्चुअली जॉइन किया। वो कहती हैं कि वो बांग्लादेश की सेवा करना चाहती हैं, और लोगों से जुड़ना चाहती हैं।
जाइमा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया कि उनकी फैमिली ने उन्हें बहुत प्रभावित किया, और वो बांग्लादेश के भविष्य के लिए काम करना चाहती हैं। जाइमा मिस्ट्री इसलिए लगीं क्योंकि वो पब्लिक में कम दिखती थीं। लेकिन जिस तरह से अपने पिता के साथ उन्होंने राजनीति मंचों को पहली बार सार्वजनिक रुप से साझा किया है इससे साफ है कि वो अब वो राजनीति में आ गई हैं। जनवरी 2025 में वो अपनी ग्रैंडमदर खालिदा जिया के साथ लंदन में थीं, और फीलिंग शेयर की। फरवरी में जाइमा ने अपने पापा तारिक की जगह यूएस में नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट में पार्टिसिपेट किया। ये दिखाता है कि फैमिली उन्हें तैयार कर रही है। अब ढाका पहुंचकर जाइमा ने कहा कि वो लोगों से मिलकर बांग्लादेश को रिबिल्ड करने में मदद करेंगी। जाइमा युवा हैं, एजुकेटेड, और नई जनरेशन को अट्रैक्ट कर सकती हैं। लेकिन चुनौती है कि बीएनपी में वंशवाद का आरोप लग सकता है। फिर भी, वो एक फ्रेश फेस हैं। जाइमा की एंट्री से बीएनपी मजबूत होगी, और शायद वो फ्यूचर लीडर बनें।
जब तारिक की बांग्लादेश में वापसी हुई है तो ये मामना जा रहा है कि राजनीतिक लडाई तेज होगी। बीएनपी अब चुनाव 2026 में मजबूत कैंडिडेट है, और तारिक को पीएम बनने का चांस सबसे ज्यादा है। वो पार्टी को लीड करेंगे, कैंपेन करेंगे। लेकिन रोडब्लॉक्स हैं – पुराने केस, ओपोजिशन से टक्कर। जामात-ए-इस्लामी का सपोर्ट बीएनपी को मिल रहा है, जो कंट्रोवर्शियल है। फिर भी, तारिक के आने से पार्टी यूनाइट हुई है। अगर वो जीते, तो बांग्लादेश में चेंज आएगा – डेमोक्रेसी मजबूत, इकोनॉमी पर फोकस। लेकिन एंटी-हिंदू वायलेंस जैसी प्रॉब्लम्स को हैंडल करना पड़ेगा। लेकिन अगर तारिक रहमान सत्ता में आए, तो क्या भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्ते सुधरेंगे, ये सवाल सबसे बड़ा है। माना जा रहा है कि शेख हसीना की गवर्नमेंट भारत की क्लोज फ्रेंड थी।
बॉर्डर सिक्योरिटी, ट्रेड, वॉटर शेयरिंग जैसे इश्यूज पर कोऑपरेशन था। लेकिन हसीना गिरने के बाद, बांग्लादेश में एंटी-इंडिया सेंटिमेंट बढ़ा, और एंटी-हिंदू वायलेंस हुई। अब तारिक का आना भारत के लिए क्या मतलब? कई एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये अच्छा हो सकता है। बीएनपी ट्रेडिशनली भारत के साथ अच्छे रिलेशंस रखती है। खालिदा जिया के टाइम में भी रिश्ते ठीक थे। तारिक ने कहा है कि वो पड़ोसी देशों से अच्छे रिलेशंस चाहते हैं। भारत को चिंता है जामात-ए-इस्लामी की, जो रेडिकल है और पाकिस्तान से क्लोज। लेकिन तारिक बैलेंस कर सकते हैं। अगर वो पीएम बने, तो बॉर्डर इश्यूज सॉल्व हो सकते हैं, जैसे तीस्ता वॉटर शेयरिंग।
ट्रेड बढ़ेगा, क्योंकि बांग्लादेश की इकोनॉमी भारत पर डिपेंड है। भारत बांग्लादेश को स्टेबल देखना चाहता है, और तारिक की गवर्नमेंट स्टेबिलिटी ला सकती है। लेकिन रिस्क्स हैं – अगर जामात का असर बढ़ा, तो एंटी-इंडिया एक्टिविटीज हो सकती हैं। फिर भी, तारिक का रिटर्न भारत के लिए ऑपर्च्युनिटी है। भारत डिप्लोमेसी से रिश्ते सुधार सकता है। कुल मिलाकर सुधार की उम्मीद है, लेकिन वॉचफुल रहना पड़ेगा। तारिक के आने से डायलॉग बढ़ेगा, और दोनों देश फायदे में रहेंगे।ये थी तारिक रहमान की स्टोरी – वनवास से रिटर्न तक। जाइमा उनकी बेटी हैं, और भारत के रिश्ते सुधर सकते हैं।



