Amit Shah के खिलाफ लाड़ली बहनों ने दिखाए काले झंडे, Congress ने उठाए सवाल

राजनीति का एक पुराना और आजमाया हुआ सच है....जैसे ही चुनाव की आहट सुनाई देती है....सत्ता के गलियारों में वादों की बौछार शुरू हो जाती है..

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राजनीति का एक पुराना और आजमाया हुआ सच है….जैसे ही चुनाव की आहट सुनाई देती है….सत्ता के गलियारों में वादों की बौछार शुरू हो जाती है…खासकर महिलाओं के नाम पर योजनाओं की झड़ी लग जाती है…क्योंकि उन्हें ही किसी भी राज्य की आधी आबादी कहा जाता है…

हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव हों, या फिर महाराष्ट्र और झारखंड की राजनीतिक सरगर्मी….हर जगह महिलाओं को केंद्र में रखकर बड़े-बड़े दावे किए गए…लेकिन सवाल ये है कि चुनाव बीतते ही इन वादों का क्या होता है?…चुनाव खत्म होते ही सरकारें बनती हैं और वादे फाइलों में दबकर रह जाते हैं…मध्य प्रदेश इसका ताजा उदाहरण है…जहां चुनाव के दौरान लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये देने का वादा किया गया था…जिसके लिए मंचों से भाषण हुए…प्रचार में इसे ऐतिहासिक कदम बताया गया…लेकिन सरकार बनने के बाद ये वादा धीरे-धीरे हवा में घुलता चला गया…न राशि बढ़ी, न समयसीमा साफ हुई…

इसी अधूरे वादे के खिलाफ ग्वालियर में एक ऐसा पल देखने को मिला…जिसने सत्ता को आईना दिखा दिया…केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान लाड़ली बहनों ने काले झंडे दिखाकर विरोध दर्ज कराया…ये सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं था…बल्कि मोदी सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा को एक साफ संदेश था कि महिलाएं अब केवल वोट बैंक नहीं रहीं…बल्कि अपने अधिकारों को लेकर सजग और सवाल पूछने वाली नागरिक बन चुकी हैं…काले झंडों के जरिए ये जताया गया कि सरकार भले ही अपने वादे भूल जाए…लेकिन जनता, खासकर महिलाएं, अब चुप नहीं रहेंगी…ये विरोध उस बढ़ती नाराज़गी की शुरुआत है…जो झूठे वादों और अधूरे आश्वासनों के खिलाफ धीरे-धीरे सड़कों पर उतर रही है..

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उस वक्त सियासी माहौल गरमा गया….जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के दौरान लाड़ली बहनों ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया…ये विरोध महिला कांग्रेस नेत्री ज्योति सिंह के नेतृत्व में किया गया…काले झंडे हाथों में लिए महिलाएं साफ संदेश दे रही थीं कि वो भाषण सुनने नहीं…बल्कि अपने हक का हिसाब मांगने आई हैं…ये दृश्य बीजेपी सरकार के दावों और जमीनी सच्चाई के बीच गहरी खाई को उजागर करता नजर आया…आपको याद हो तो चुनाव के वक्त लाड़ली बहना योजना को बीजेपी ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया था…मंच-दर-मंच ये दावा किया गया कि सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी…खुद बीजेपी नेताओं ने कहा था कि लाड़ली बहनों को हर महीने 3000 रुपये दिए जाएंगे…इसी भरोसे पर लाखों महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया…लेकिन चुनाव बीतने के बाद ये वादा हवा होता नजर आ रहा है…

आज स्थिति ये है कि लाड़ली बहनों को 3000 रुपये नहीं, बल्कि सिर्फ 1500 रुपये ही मिल रहे हैं…ऐसे में सवाल ये है कि जब वादा 3000 का था…तो आधी रकम क्यों?…क्या महिलाओं से किया गया वादा सिर्फ चुनाव जीतने का हथियार था?…क्योंकि, ग्वालियर में हुआ विरोध इसी सवाल का नतीजा है….जहां महिलाएं कह रही हैं कि सरकार ने प्रचार पूरा किया, लेकिन वादा अधूरा छोड़ दिया……केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं…उनका ग्वालियर दौरा सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए था…लेकिन बाहर सच्चाई खड़ी थी…काले झंडे दिखाकर महिलाओं ने ये जताया कि अब वो सिर्फ आश्वासन नहीं चाहतीं…ये विरोध अमित शाह से सीधे जवाब मांग रहा था कि 3000 रुपये कब मिलेंगे?

इस पूरे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व महिला कांग्रेस नेत्री ज्योति सिंह ने किया…उन्होंने कहा कि ये आंदोलन राजनीति से ऊपर है…उनका कहना था कि लाड़ली बहनों को सम्मान के साथ जीने का वादा किया गया था…लेकिन आज वही बहनें अपने हक के लिए सड़क पर खड़ी हैं…उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने महिलाओं की भावनाओं के साथ छल किया है…आज महंगाई चरम पर है…गैस सिलेंडर, राशन, बच्चों की पढ़ाई, दवाइयां…सब कुछ महंगा हो चुका है…ऐसे में 1500 रुपये में कोई राहत नहीं मिलती…

महिलाएं कह रही हैं कि सरकार अगर सच में मदद करना चाहती है…तो उसे अपना वादा निभाना चाहिए…3000 रुपये की घोषणा कर 1500 देना, भरोसे के साथ धोखा है…वहीं MP CONGRESS ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए एक्स पोस्ट में लिखा…लाड़ली बहनों ने अमित शाह को दिखाए काले झंडे !! ग्वालियर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके कार्यक्रम में पहुंचकर महिला कांग्रेस नेत्री ज्योति सिंह जी के नेतृत्व में काले झंडे दिखाकर लाड़ली बहना को तीन हजार रुपए देने का वादा याद दिलाते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया।

INDIAN YOUTH CONGRESS ने लिखा कि…ग्वालियर में गृहमंत्री अमित शाह को स्थानीय महिलाओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे। चाहे मप्र सरकार का महिला विरोधी मंत्री विजय शाह हो या फिर कुलदीप सिंह सेंगर, भाजपा का हर एक बड़ा नेता हमेशा बलात्कारियों के साथ खड़ा रहा है। महिला विरोधी भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने है।

जबकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र सिंह पटवारी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि…जिन्होंने लाड़ली बहनों को 3000 देने का वादा किया था, वे तो दिल्ली चले गए और यहाँ वाले पिछले दो साल से आँखें मूंदकर सो रहे हैं। इसीलिए आज प्रदेश की लाड़ली बहनों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी को काले झंडे दिखाकर 3000 देने का वादा याद दिलाया। @DrMohanYadav51 जी, आज ये हमारी बहनें जवाब नहीं, अपना हक़ मांग रही हैं, लेकिन दुखद है कि आपकी सरकार ने पिछले दो सालों में हमारी बहनों को सिर्फ़ अत्याचार ही दिया है।

ग्वालियर में दिखा विरोध केवल नाराज़गी नहीं…बल्कि भरोसे के टूटने की कहानी है…जहां महिलाएं पूछ रही हैं कि अगर सरकार अपने सबसे बड़े वादे पर खरी नहीं उतर सकती…तो बाकी घोषणाओं पर कैसे यकीन किया जाए?…बीजेपी सरकार के लिए ये एक गंभीर चेतावनी है…बीजेपी के नेता मंच से विकास और महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं…लेकिन ग्वालियर की सड़कों पर खड़ी महिलाएं बता रही हैं कि हकीकत कुछ और है…भाषणों में लाड़ली बहनें सरकार की प्राथमिकता हैं….लेकिन जमीन पर वही बहनें अनदेखी का शिकार हैं…काले झंडे दिखाना लोकतंत्र में विरोध का शांत तरीका है…

ग्वालियर में महिलाओं ने कोई हिंसा नहीं की….बस सवाल उठाए…जोकि ये दिखाता है कि अब महिलाएं सिर्फ वोट बैंक नहीं रहीं…वो अपने अधिकार जानती हैं और उन अधिकारों को मांगना भी जानती हैं…हालांकि, विरोध के बावजूद अमित शाह या बीजेपी सरकार की ओर से कोई साफ जवाब नहीं आया…ये चुप्पी कई सवाल खड़े करती है….क्या सरकार के पास जवाब नहीं है? या फिर वो इस मुद्दे को नजरअंदाज करना चाहती है?…जबकि महिलाओं के लिए ये चुप्पी और ज्यादा निराशाजनक है…

बीजेपी पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि वो चुनावी वादे करके उन्हें पूरा नहीं करती…लाड़ली बहना योजना अब उसी सूची में जुड़ती दिख रही है…महिलाएं कह रही हैं कि उन्हें योजनाओं के नाम नहीं, पूरा हक चाहिए….ग्वालियर का ये विरोध सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं है…ये पूरे मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों की आवाज बन सकता है…अगर सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया…तो ये आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है…बीजेपी महिलाओं के नाम पर राजनीति तो करती है…लेकिन जब बात जिम्मेदारी निभाने की आती है, तो पीछे हट जाती है…3000 रुपये का वादा कर 1500 देना, यही बीजेपी की कथनी और करनी का फर्क दिखाता है…

लेकिन, लाड़ली बहनों की नाराजगी का असर आने वाले चुनावों में साफ दिख सकता है…जिस वर्ग को बीजेपी ने अपनी ताकत बताया था…वही आज सवाल खड़ा कर रहा है…ये सरकार के लिए खतरे की घंटी है…ग्वालियर में अमित शाह को दिखाए गए काले झंडे सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि लाड़ली बहनें अब खामोश नहीं रहेंगी…उन्होंने वोट दिया था…भरोसे के साथ, अब वो उसी भरोसे का हिसाब मांग रही हैं…अगर बीजेपी सरकार सच में महिलाओं का सम्मान करना चाहती है…तो उसे 3000 रुपये का वादा तुरंत पूरा करना होगा…वरना ग्वालियर जैसी तस्वीरें बार-बार सामने आएंगी………

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