विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का इस्तीफा, काम के बढ़ते बोझ को बताया वजह
गुजरात की राजनीति से बड़ी खबर सामने आई है... विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है.. गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष जेठाभाई भरवाड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.. और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंपा.. और इसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया.. बता दें कि इस इस्तीफे का मुख्य कारण उनके काम का बढ़ता बोझ.. और अन्य जिम्मेदारियां बताई जा रही हैं.. जेठाभाई भरवाड़ पांच बार से अधिक समय से विधायक हैं.. और वर्तमान में पंचमहाल जिले की शेहरा विधानसभा सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.. वे 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद उपाध्यक्ष बने थे.. इसके अलावा वे पंचमहाल डेयरी के अध्यक्ष भी हैं.. जो सहकारी क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ को दिखाता है..
वहीं यह घटना ऐसे समय में हुई है.. जब गुजरात भाजपा में संगठनात्मक स्तर पर कई बदलाव हो रहे हैं.. और कई नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं.. इस्तीफा सौंपते समय विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी के निवास पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल.. और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा भी मौजूद थे.. जो यह दिखाता है कि यह इस्तीफा पार्टी के उच्च स्तर पर चर्चा के बाद लिया गया निर्णय है.. गुजरात की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत माना जा रहा है.. क्योंकि जेठाभाई भरवाड़ जैसे वरिष्ठ नेता का पद छोड़ना पार्टी के आंतरिक गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है..
आपको बता दें कि 25 दिसंबर को जेठाभाई भरवाड़ ने गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंपा.. यह इस्तीफा गांधीनगर में स्पीकर शंकर चौधरी के आवास पर दिया गया.. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, भरवाड़ ने अपने व्यस्त कार्यक्रम.. और अन्य जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया.. स्पीकर चौधरी ने इस्तीफे को तुरंत स्वीकार कर लिया.. और इसकी पुष्टि एक आधिकारिक बयान में की गई.. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल.. और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा की उपस्थिति ने इस घटना को.. और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया.. यह सुझाव देता है कि यह केवल व्यक्तिगत निर्णय नहीं.. बल्कि पार्टी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है..
जानकारी के मुताबिक जेठाभाई भरवाड़.. जिन्हें जेठाभाई अहीर के नाम से भी जाना जाता है.. और वे 75 वर्ष के हैं.. वे शेहरा निर्वाचन क्षेत्र से छह बार विधायक चुने जा चुके हैं.. उनका राजनीतिक करियर लंबा और प्रभावशाली रहा है.. 2021 में वे पहली बार उपाध्यक्ष बने थे.. और 2022 के चुनावों के बाद दोबारा इस पद पर चुने गए.. विधानसभा में उनकी भूमिका हमेशा संतुलित.. और निष्पक्ष रही है.. जहां उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया..
जेठाभाई भरवाड़ ने अपने इस्तीफे में मुख्य रूप से काम के बढ़ते बोझ को कारण बताया.. वे सहकारी क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर हैं.. जैसे पंचमहाल डेयरी के चेयरमैन, पंचमहाल जिला केंद्रीय सहकारी बैंक.. और गुजरात राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड में भी कई पदों पर कार्यरत हैं.. वहीं इन जिम्मेदारियों के कारण उनका समय उपाध्यक्ष पद के लिए कम हो रहा था.. हाल ही में वे राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ के चुनावों में भी चर्चा में रहे थे.. जो उनकी सहकारी क्षेत्र में सक्रियता को दर्शाता है..
भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के नाते.. उनका इस्तीफा पार्टी के लिए आश्चर्यजनक नहीं माना जा रहा है.. गुजरात भाजपा में हाल के महीनों में कई संगठनात्मक बदलाव हो रहे हैं.. नए नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं.. और पुराने नेताओं को अन्य क्षेत्रों में सक्रिय करने की रणनीति अपनाई जा रही है.. विशेषज्ञों का मानना है कि यह इस्तीफा पार्टी की नई पीढ़ी को आगे लाने का हिस्सा हो सकता है.. साथ ही सहकारी क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए.. वे अब पूरी तरह से उस दिशा में ध्यान केंद्रित कर सकते हैं..
आपको बता दें जेठाभाई भरवाड़ का जन्म गुजरात के पंचमहाल जिले में हुआ.. वे एक किसान परिवार से आते हैं.. और ग्रामीण विकास में हमेशा रुचि रखते हैं.. उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातक किया.. राजनीति में प्रवेश करने से पहले.. वे सहकारी क्षेत्र में सक्रिय थे.. उनका पहला विधानसभा चुनाव 1995 में हुआ.. और तब से वे शेहरा सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं.. 2012 के चुनावों में उन्होंने 28,725 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी..
भाजपा में वे एक वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते हैं.. उन्होंने पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है.. 2021 में जब शंकर चौधरी को स्पीकर बनाया गया.. तो जेठाभाई को उपाध्यक्ष चुना गया.. विधानसभा में उनकी भूमिका के दौरान.. उन्होंने कई विवादास्पद मुद्दों को संभाला.. 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान व्यय विवाद पर कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का निलंबन.. उन्होंने सदन की गरिमा बनाए रखने में हमेशा योगदान दिया..
उनका करियर केवल राजनीति तक सीमित नहीं है.. वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विश्वास रखते हैं.. पंचमहाल जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में उन्होंने विकास कार्यों पर जोर दिया.. सड़कें, पानी की व्यवस्था और शिक्षा पर खास फोकस किया.. उनके निर्वाचन क्षेत्र में कई सहकारी परियोजनाएं चल रही हैं.. जो किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं.. जेठाभाई भरवाड़ सहकारी क्षेत्र के एक प्रमुख चेहरे हैं.. वे पंचमहाल डेयरी के चेयरमैन हैं.. जो गुजरात के डेयरी उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.. गुजरात में सहकारी डेयरी मॉडल अमूल की तरह प्रसिद्ध है.. और पंचमहाल डेयरी इसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.. उनके नेतृत्व में डेयरी ने उत्पादन बढ़ाया.. और किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान किया..
वे गुजरात राज्य सहकारी विपणन संघ के भी सदस्य हैं.. हाल ही में NAFED चुनावों में उनकी चर्चा हुई.. जहां वे कृषि उत्पादों के विपणन पर जोर दे रहे थे.. सहकारी क्षेत्र में उनकी सक्रियता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है.. गुजरात में सहकारी बैंक और डेयरी संघों के माध्यम से लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं.. उनका मानना है कि सहकारिता से गरीबी कम की जा सकती है और ग्रामीण विकास संभव है.. वहीं उनके योगदान को देखते हुए, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इस्तीफा देने के बाद वे सहकारी क्षेत्र पर अधिक ध्यान देंगे.. यह गुजरात की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए सकारात्मक हो सकता है..



