लखनऊ कैंट बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द, टिकट को लेकर फंसा पेंच

  • मौजूदा विधायक ने कहा- अपर्णा यादव को नहीं मुझे मिलेगा टिकट

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए लखनऊ कैंट सीट सिरदर्द बन चुका है। एक तरफ सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए यह सीट मांग रही हैं तो हाल ही में पार्टी में आईं मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भी इस सीट पर दावेदारी की चर्चा है। वहीं, बीजेपी के मौजूदा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी ने भी साफ कर दिया है कि वह एक बार फिर इस सीट से लड़ना चाहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी के बेटे को टिकट नहीं मिलेगा। सुरेश चंद्र तिवारी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पहले ही साफ कर दिया है कि किसी मौजूदा विधायक या सांसद के बेटे-बेटी को टिकट नहीं मिलेगा। इसलिए जोशी के बेटे को टिकट मिलने का कोई चांस ही नहीं है।

अपर्णा यादव की दावेदारी पर उनका मानना है कि मुलायम की बहू को किसी सीट से टिकट नहीं मिलेगा और पार्टी उनका इस्तेमाल पूर प्रदेश में प्रचार के लिए करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने एक बार फिर इस सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़ने की इच्छा जाहिर की है। मुझे लगता है कि टिकट मुझे ही मिलेगा। सुरेश चंद्र इस सीट से चार बार के विधायक हैं और बीजेपी से दशकों से जुड़े हुए हैं। हालांकि, बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि यदि पार्टी किसी और उम्मीदवार को भी टिकट देती है तो वह इस सीट पर जितवाने के लिए प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, मैं जितवाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा नहीं लड़ेंगे चुनाव

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखुपर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से टिकट देकर चुनाव में उतार चुकी है। दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह के भी चुनाव लड़ने की अटकलें थीं, अब बीजेपी में इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि इन्हें भी चुनाव लड़वाया जाए या सिर्फ प्रचार पर फोकस करने के लिए कहा जाए। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई है। बैठक में यह राय बनी कि दोनों नेताओं को चुनाव प्रचार पर फोकस करने दिया जाए। दोनों ही नेता 300+ लक्ष्य को पाने के लिए फोकस करेंगे।

समिति का मानना है कि प्रचार-प्रसार की बागडोर इन दो नेताओं के पास है, इसलिए इन्हें किसी सीट से लड़वाने पर इनका ध्यान बंटेगा। नई दिल्ली में सीईसी में हुई बैठक में हुई चर्चा के बारे में सूत्रों ने बताया कि दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह को लेकर पार्टी दुविधा में थी। इसलिए पहली ही सूची में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के नाम का तो ऐलान कर दिया गया, लेकिन इन दोनों को अभी तक कहीं से टिकट नहीं दिया गया है।

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