पंचायत चुनाव के बाद और गहराए गहलोत और पायलट में मतभेद
नई दिल्ली। राजस्थान में पंचायत चुनाव में कांग्रेस की जीत के बावजूद पायलट गुट ने जिला प्रमुख चुनाव में जो किया उससे कांग्रेस के समारोह में रंग में भंग डाल दिया है। जयपुर जिला परिषद में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद जिला प्रमुख की सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। भाजपा को छह में से केवल एक जिला परिषद में बहुमत मिला लेकिन भाजपा तीन जिलाध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। दो दिन पहले ही खामोशी से जूझ रहे जयपुर के भाजपा कार्यालय में जबर्दस्त जश्न मनाया गया था। आतिशबाजी की गई। खुशी का कारण छह जिलाध्यक्षों के चुनाव में तीन पर कब्जा है। खैर, खुशी का सबसे बड़ा कारण जयपुर के जिला प्रमुख पद पर भाजपा प्रत्याशी रमा देवी की जीत रही। रमा देवी ने कांग्रेस के टिकट पर जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीता था, लेकिन जब जिला प्रमुख पद के लिए नामांकन दाखिल किया गया तो हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। भाजपा ने रमा देवी को अपना प्रत्याशी चुना और वह चुनाव जीत गईं। बहुमत के बावजूद दो सदस्यों के पक्ष बदलने के कारण कांग्रेस चुनाव हार गई।
दरअसल रमा देवी चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी की करीबी मानी जाती हैं। सोलंकी के कोटे से कांग्रेस से जिला परिषद सदस्य के दो सदस्य चुनाव जीते, जिसमें एक रमादेवी थी। कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के समय कांग्रेस नेता दोनों के आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन रमादेवी भाजपा के दरबार में पहुंच गईं। दरअसल, जब गहलोत गुट से प्रत्याशी ने जिला प्रमुख पद के लिए जयपुर से प्रत्याशी मैदान में उतारा तो पायलट गुट से संबंधित सोलंकी ने खेल बदल दिया। हालांकि सोलंकी स्पष्ट कर रहे हैं कि उन्होंने विश्वासघात नहीं किया।
भाजपा ने निर्दलीय के समर्थन से जिला प्रमुख पद पर जीत हासिल की, इसके बावजूद बहुमत नहीं होने के बावजूद जयपुर में ही नहीं, बल्कि भरतपुर में भी जीत हासिल की। पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह भाजपा से जिला प्रमुख बने। पंचायत चुनाव में छह जिला परिषदों और 78 पंचायत समितियों के सदस्यों के परिणामों में कांग्रेस से पीछे होने के बावजूद भाजपा जिला परिषद की छह में से तीन सीटें जीतने में समर्थ है।
हालांकि पंचायत समितियों के मुखिया के चुनाव में कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ गई। कांग्रेस 78 में से 49 पंचायतों में अपना मुखिया बनाने में सफल रही लेकिन जयपुर जिला परिषद चुनाव के परिणाम से कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमे के बीच दरार और बढ़ेगी।