मेरे वोट से ज्यादा जरूरी बाकी सीटों पर प्रचार : जयंत
- रालोद मुखिया नहीं लड़ रहे विधानसभा चुनाव
लखनऊ। राष्टï्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने आज अपना वोट नहीं डाला। ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं। जयंत खुद भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। रालोद के सूत्रों का कहना है कि जयंत कहते हैं कि सत्ता परिवर्तन के लिए मेरा वोट इतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना पार्टी के लिए प्रचार जरूरी है। गांव-गांव तक प्रचार जाएगा, तभी सत्ता परिवर्तन होगी। रालोद मुखिया जयंत चौधरी के साथ उनकी पत्नी चारु चौधरी भी चुनाव नहीं लड़ रहीं। जयंत चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि मुझे पार्टी के लिए काम करना है। यही मैं कर रहा हूं। मेरे लिए पार्टी का प्रचार करना सबसे बड़ी ताकत है। बता दें कि यह पहला चुनाव है, जब आरएलडी की कमान जयंत चौधरी के कंधों पर है। जयंत चौधरी का मथुरा जिले की शहर सीट पर उनका वोट है। वह मांट से विधायक व मथुरा से पूर्व में सांसद रह चुके हैं। बताया गया है कि जयंत चौधरी का आज बिजनौर में चुनावी कार्यक्रम है। बिजनौर में दूसरे चरण में चुनाव होना है। ऐसे में जयंत चौधरी आज सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ रथ से प्रचार करेंगे।
किसान आंदोलन से बदले जयंत के तेवर
पार्टी की माने तो जयंत चौधरी ने कहा कि मेरे वोट से ज्यादा मेरा पार्टी के लिए प्रचार जरूरी है। पहले चरण के लिए वोटिंग हो रही है। जाटलैंड बागपत की तीनों विधानसभा छपरौली, बड़ौत व बागपत में लोगों में सुबह से ही उत्साह है। इस विधानसभा चुनाव में आरएलडी व सपा का गठबंधन है। वेस्ट यूपी में इस चुनाव में आरएलडी अपनी विरासत बचाने की लड़ाई लड़ रही है। किसान आंदोलन के बाद जयंत चौधरी के अपनी पार्टी के लिए तेवर बदले हुए हैं।
इलाहाबाद पश्चिमी सीट से रिचा सिंह सपा प्रत्याशी
लखनऊ। इलाहाबाद पश्चिम से रिचा सिंह सपा की अधिकृत प्रत्याशी होंगी। इस क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम सदर सौरभ भट्ट ने रिचा सिंह के सपा से नामांकन करने के विरोध में अमरनाथ मौर्य की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। इसके खारिज होने के बाद अमरनाथ मौर्य निर्दल प्रत्याशी हो गए। निर्दल प्रत्याशी को नामांकन के वक्त दस प्रस्तावक रखने होते हैं जबकि अमरनाथ मौर्य के नामांकन पत्र में सिर्फ एक प्रस्ताव था इसलिए उनका नामांकन पत्र नियमानुसार नहीं पाया गया और उसे भी खारिज कर दिया गया। स्पष्ट है कि अब अमरनाथ मौर्य निर्दलीय चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। दो फरवरी को सपा ने अमरनाथ मौर्य को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। अमरनाथ मौर्य ने 7 फरवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जिसके साथ उन्होंने पार्टी की ओर से जारी फार्म ए और बी भी दिया था। इसी फार्म के आधार पर नामांकन करने वाले को राजनीतिक दल का अधिकृत प्रत्याशी मानते हुए उस दल का चुनाव चिह्न आवंटित किया जाता है।
प्रत्याशी न बनाए जाने से असंतुष्ट रिचा सिंह ने विरोध जताया और ये बात पार्टी हाईकमान तक पहुंची तो पार्टी ने अमरनाथ मौर्य को दिया गया फार्म ए और बी निरस्त करते हुए रिचा सिंह को फार्म ए और बी आवंटित कर दिया। इस फार्म ए और बी के साथ पार्टी के अधिकृत व्यक्ति की ओर से अमरनाथ मौर्य के फार्म ए और बी निरस्तीकरण का पत्र संलग्न करते हुए रिचा सिंह ने आठ फरवरी को नामांकन कर दिया। इसकी जानकारी होने पर अमरनाथ मौर्य ने पार्टी के जिम्मेदार लोगों से संपर्क किया गया तो वहां से रिचा सिंह का फार्म ए और बी निरस्त करने का पत्र जारी कर दिया गया। इस पत्र के साथ अमरनाथ मौर्य ने निर्वाचन अधिकारी से अपील की कि रिचा सिंह के स्थान पर उन्हें ही सपा का अधिकृत प्रत्याशी माना जाए। वहीं अमर नाथ मौर्य ने आपत्ति देर से दाखिल की, जिस कारण निर्वाचन अधिकारी ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया और रिचा सिंह शहर पश्चिमी से सामाजवादी पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया।
कांग्रेस की दूसरी पोस्टर गर्ल ने भी छोड़ी पार्टी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की 40 प्रतिशत महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की योजना से महिलाएं ही प्रभावित हैं। कांग्रेस के लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान की पोस्टर गर्ल डॉ प्रियंका मौर्या के बाद अब दूसरी पोस्टर गर्ल वंदना सिंह के पार्टी को छोड़ देने से कांग्रेस के नारी सशक्तिकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है। लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान की पोस्टर गर्ल वंदना सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वंदना यूपी महिला कांग्रेस के मध्य जोन की उपाध्यक्ष के पद पर जिम्मेदारी संभाल रही थीं। वंदना सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा पार्टी में ईमानदार कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। टिकट वितरण में दलाली की जा रही है। कांग्रेस की पदाधिकारी होते हुए भी महिलाओं को प्रियंका गांधी से मिलने का मौका नहीं मिलता। वदंना सिंह ने बताया कि वह दो वर्ष से प्रियंका गांधी से ही नहीं मिल सकीं। उनका आरोप है कि प्रियंका गांधी तो कुछ चाटुकारों से घिरी रहने के कारण पार्टी के पदाधिकारियों से भी मुलाकात नहीं करतीं है। वंदना सिंह ने प्रियंका गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में पुराने लोगों को नहीं पूछा जा रहा है जबकि नए लोगों को पार्टी टिकट दे रही है।