UP : मतांतरण गैंग के आईएएस कनेक्शन मामले में एसआईटी जांच के आदेश
- केशव मौर्य ने कहा, दोषियों को मिलेगी सजा
- डिप्टी सीएम बोले- यह गंभीर प्रकरण है, जरूरत पड़ने पर आईएएस के करीबियों से होगी पूछताछ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सामूहिक मतांतरण कराने वाले गैंग से यूपी कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का कनेक्शन सामने आ रहा है। कानपुर में तैनाती के दौरान उनके सरकारी आवास पर उनकी मौजूदगी में मतांतरण की तकरीरों के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरस होने के बाद से खलबली मची है। इस प्रकरण को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। केशव मौर्य ने कहा इस पूरे मामले की कड़ी जांच होगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर आईएएस के करीबियों से भी पूछताछ होगी। केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा कि कानपुर तथा उन्नाव दौरे के समय मुझे कुछ लोगों ने इस प्रकरण के बारे में जानकारी दी। अभी मैं इसके बारे में और पता कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। हम इसकी तह में जाएंगे और गंभीरता से मामले की जांच कराएंगे। अगर इसमें आईएएस अफसर से जुड़ा कुछ भी सामने आता है तो हम कार्रवाई जरूर कराएंगे। कानपुर के पुलिस कमिश्नर, असीम अरुण ने कहा कि वरिष्ठ आइएएस इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े कई वायरल वीडियो संज्ञान में आए हैं। जांच कराई जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष पद पर लखनऊ में तैनात मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन लंबे समय तक कानपुर में रहे। कानपुर में मंडलायुक्त के साथ ही वह श्रम आयुक्त भी रहे। इस दौरान उनके सरकारी आवास पर मतांतरण की काफी तकरीरें होने का प्रकरण सामने आ रहा है। वरिष्ठï आईएएस अफसर के मतांतरण गैंग से कनेक्शन होने पर प्रदेश में खलबली मची है। मतांतरण को लेकर वरिष्ठ आइएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो में उनकी मौजूदगी में मतांतरण गैंग के लोग इस्लाम के फायदे बताते दिख रहे हैं। इसी में कई समर्थक मतांतरण की बातें कर रहे हैं। इनकी कानपुर में तैनाती के दौरान के वीडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता ने शिकायत कर कार्रवाई की मांग भी की है।
सात दिन में देनी है पूरी रिपोर्ट
कानपुर के आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के मामले में उत्तर प्रदेश शासन ने एसआईटी से जांच के आदेश दिए गए हैं। एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य एडीजी जोन भानु भास्कर होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट ७ दिन में शासन को प्रेषित करेगा।