राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस की सीटें घटना तय
- 13 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 31 मार्च को होंगे
नई दिल्ली। राज्यसभा की 13 सीटों के लिए चुनाव 31 मार्च को होंगे। यह 13 सीटें 6 राज्यों से हैं, जिसमें पंजाब में पांच , केरल में तीन, असम में दो और हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में एक-एक सीटें शामिल हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई लिस्ट में, रिटायर होने वाले सदस्यों में असम से रानी नारा और रिपुन बोरा, हिमाचल प्रदेश से आनंद शर्मा, केरल से एके एंटनी, एमवी श्रेयम्स कुमार और सोमप्रसाद के, नागालैंड से केजी केने, त्रिपुरा से झरना दास (बैद्य), पंजाब से सुखदेव सिंह, प्रताप सिंह बाजवा, श्वेत मलिक, नरेश गुजराल और शमशेर सिंह दुल्लो शामिल हैं। बता दें कि राज्यसभा की 13 सीटों के लिए इस महीने होने जा रहे द्विवार्षिक चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद कठिन नजर आ रहे हैं। राज्यों में पार्टी की कमजोर हुई स्थिति के चलते उच्च सदन में कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा और घटना तय है और मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी के लिए राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा को भी सदन में दुबारा भेजना मुश्किल है। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी को जरूर केरल से दुबारा वापस लाने की पार्टी के पास गुंजाइश है।
एक्जिट पोल अनुमान सही रहे तो राज्यसभा के इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा धक्का पंजाब से लगेगा, जहां की पांच सीटों में से एक सीट हासिल करना भी कठिन हो जाएगा। पंजाब में तीनों सीटों के चुनाव एक साथ और दो सीटों के एक साथ होंगे। तीन सीटों के चुनाव में एक्जिट पोल के अनुमानों के हिसाब से शायद कांग्रेस को एक सीट मिल जाए। मगर दो सीटों के अलग चुनाव में उसके खाते में कोई सीट नहीं आएगी। जबकि इन पांच सीटों में कांग्रेस के पास इस समय दो सीटें प्रताप बाजवा और शमशेर की हैं और दोनों रिटायर हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की एक सीट जो आनंद शर्मा के रिटायर होने से खाली हो रही है, इस बार कांग्रेस के हाथ से निकल कर सत्ताधारी भाजपा के पास चली जाएगी। ऐसे में कांग्रेस के असंतुष्ट समूह के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे शर्मा के लिए वापसी की गुंजाइश फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
दो दिन बाद गलत साबित होंगे एग्जिट पोल: भदौरिया
लखनऊ। समाजवादी पार्टी से लखनऊ में एक विधानसभा सीट से प्रत्याशी व प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने विधानसभा चुनाव में सपा की जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के पहले दिन से ही पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। साथ ही सपा के द्वारा किए गए सारे वादे पूरे होंगे। उन्होंने कहा एग्जिट पोल गलत साबित होंगे, दस मार्च को सपा की सरकार बनेगी। बाबा गोरखपुर भाग जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की शिक्षा व्यवस्था पूरी दुनिया में सबसे अच्छी है। लेकिन यहां सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की फीस में असमानता है। अगर प्राइवेट स्कूल संचालक फीस कम कर दें, तो मध्यम वर्ग के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षा के गिरते स्तर पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। शिक्षाविदों को चेताया कि अगर शिक्षा में सुधार नहीं किया तो युवा सिपाही भी नहीं बन पाएगा। उन्होंने कहा सपा की सरकार बनने पर शिक्षा प्रणाली व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।