बेसिक शिक्षा सुधरी तो आसान होगी आगे की राह : सीएम

  • दो साल बाद फिर शुरू हुआ स्कूल चलो अभियान

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में स्कूल चलो अभियान को मिशन के रूप में लिया है। उनका लक्ष्य साक्षरता दर में पिछड़े जिलों को मुख्यधारा में लाने का है। इसी क्रम में उन्होंने साक्षरता दर में सबसे पिछड़े जनपद श्रावस्ती से प्रदेशव्यापी स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी ने अपनी दूसरी पारी में प्रदेश की प्राइमरी तथा बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ ही सभी जिलों में सारक्षता दर को आगे बढ़ाने की मुहिम छेड़ दी है। मुख्यमंत्री ने आज प्रदेश के सबसे कम साक्षरता दर वाले श्रावस्ती जिले से राज्य भर में स्कूल चलो अभियान शुरू किया। इनका लक्ष्य श्रावस्ती के साथ प्रदेश के अन्य पिछड़े जिलों को साक्षरता की मुख्यधारा में लाने का है। योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए प्रदेश की बेसिक शिक्षा को दुरुस्त करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि व नागरिक स्कूलों को गोद लें। हम-आप मिलकर शिक्षक सुधार करेंगे। शिक्षकों के साथ जनप्रतिनिधि व नागरिक शैक्षिक सुधार पर काम करें। एक-एक स्कूल गोद लें। वहां हर बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे। बेसिक शिक्षा सुधरी तो आगे की शिक्षा भी दुरुस्त हो जाएगी। उन्होंने कहा वर्ष 2017 से पूर्व परिषदीय स्कूल बदहाल थे। पढ़ने-लिखने का माहौल ठीक नहीं था। इसे पटरी पर लाने के लगातार प्रयास हो रहे है।

मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों की तस्वीर बदली जा रही है। हमारे स्कूल दिखने में सुंदर हो यह जरूरी है। स्कूल में व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ हमें छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर भी काम करना है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि शत प्रतिशत बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं। इसके लिए अभिवाकों को प्रेरित करें। शिक्षक घर-घर जाकर अभिवाकों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहें। कोई बच्चा स्कूल नहीं आया है तो उनका कारण जाने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि मेरा सभी शिक्षकों से आग्रह है कि अगले एक महीने में चलने वाले इस अभियान में घर-घर जाकर दस्तक दीजिए और पूछिए कोई बच्चा ऐसा तो नहीं है जो स्कूल जाने से वंचित रह गया हो। उस बच्चे को स्कूल ले जाना, स्कूल में उसका रजिस्ट्रेशन कराना, उसे यूनिफॉर्म, किताबें, बैग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराएं। अगर इनको सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी तो बच्चे दौड़ कर स्कूल पहुंचेंगे और हमारा अभियान भी पटरी पर आएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल चलो अभियान हमारी सरकार का बड़ा अभियान है।

हमने कोरोना के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी है। इस दौरान भी शिक्षा का काम जारी रहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हर बच्चे के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। प्रदेश में स्कूल चलो का प्रदेश व्यापी अभियान 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा। उन्होने कहा कि शिक्षा ही जीवन में परिवर्तन लाती है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। उन्होंने स्कूल चलो अभियान प्रारंभ करने के बाद बच्चों को अपने हाथ से भोजन भी परोसा। अपने बीच प्रदेश के सबसे शक्तिशाली अभिभावक को देखकर बच्चे भी काफी प्रसन्न थे। मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती में इकौना के जयचंदपुर कटघरा गांव में बेसिक स्कूल में स्कूल चलो अभियान को प्रारंभ करने के बाद बच्चों को भोजन भी परोसा। इस दौरान बच्चे काफी खुश नजर आ रहे थे।

नेताओं से संवाद बढ़ाकर अंदरूनी मतभेदों को मिटाएगी कांग्रेस

नई दिल्ली। पांच राज्यों की ताजा चुनावी हार की चुनौतियों से रूबरू हो रही कांग्रेस को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के इस खुलासे ने बेहद सतर्क कर दिया है कि आम आदमी पार्टी ने उनसे संपर्क साधा था। पंजाब की बड़ी जीत के बाद अन्य चुनावी राज्यों में पांव पसारने की आप की शुरू की गई कोशिशों के बीच सिंह देव के इस खुलासे को कांग्रेस अपने नेताओं को तोड़ने की एक नई सियासी चुनौती के रूप में देख रही है। इसके मद्ïदेनजर ही पार्टी ने चुनावी राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान जेसे प्रदेश इकाईयों को आप के सियासी जाल फेंकने की कोशिशों को लेकर आगाह कर दिया है। साथ ही इन राज्यों के प्रभारियों को अपने प्रभार वाले सूबों के नेताओं से संवाद बढ़ाते हुए पार्टी की एकजुटता को बाहरी सियासी सेंधमारी से बचाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने को भी कहा गया है। चुनावी राज्यों में आप की बढ़ती सक्रियता को कांग्रेस अपने राजनीतिक आधार में सेंध लगाने की बड़ी चुनौती मान रही है और ऐसे में आप उसके नेताओं को तोड़ती है तो यह पार्टी को दोतरफा नुकसान पहुंचाएगा।

बीते सात-आठ सालों के दौरान कांग्रेस के लगातार गिरते सियासी ग्राफ में उसके नेताओं के पाला बदलने या तोड़े जाने की भी बड़ी भूमिका रही है। इस दौरान अब तक भाजपा ने मुख्य रूप से कांग्रेस के प्रभावी नेताओं को पाला बदलने के लिए लुभाया तो कुछ ने अपने साथ हुए सलूक से नाराज होकर न केवल पार्टी छोड़ी बल्कि कांग्रेस का बड़ा राजनीतिक नुकसान किया। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराकर भाजपा की सरकार बनवा दी। कर्नाटक में कांग्रेस के दर्जन भर से अधिक विधायकों के पाला बदलने के चलते कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार चली गई। उत्तर प्रदेश में जितिन प्रसाद से लेकर आरपीएन सिंह ही नहीं दूसरे प्रदेशों में भी कांग्रेस को झटका देने वाले कई ऐसे और उदाहरण हैं। ऐसे में टीएस सिंह देव के खुलासे के बाद कांग्रेस का सतर्क होना लाजिमी है क्योंकि आप जिस राज्य में भी अपनी राजनीतिक पहुंच बढ़ा रही है वहां सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को ही हो रहा है। पंजाब इसका ताजा उदाहरण है जहां आप ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली है।

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