डिप्टी सीएम ने दिए सख्त निर्देश, अस्पताल अथवा जन औषधि केंद्र की ही दवा लिखेंगे सरकारी डॉक्टर
- दवा से लेकर स्ट्रेचर तक की व्यवस्था दुरुस्त करें
लखनऊ। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा से लेकर स्ट्रेचर व सीसीटीवी कैमरे तक की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल के डॉक्टर वही दवाएं लिखेंगे, जो अस्पताल अथवा जन औषधि केंद्र पर मौजूद होंगी। सभी प्रभारियों को अस्पताल की व्यवस्था के संबंध में हर माह महानिदेशालय में रिपोर्ट भी देनी होगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में अस्पतालों में व्यापक तौर पर गड़बड़ी पाई गई है। उप मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अस्पतालों की व्यवस्था के संबंध में गाइडलाइन जारी किया है। इसके तहत सरकारी अस्पताल के डॉक्टर बाहर की कोई दवा नहीं लिखेंगे। अस्पतालों में उपलब्ध जन औषधि केंद्रों को क्रियाशील रखा जाएगा। अस्पताल में कोई दवा नहीं है तो जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध दवा लिखी जाएगी। इसके लिए सभी अस्पतालों पर दवा की सूची और कार्यरत डॉक्टर की सूची लगाई जाएगी। इसी तरह सभी अस्पतालों में साफ पानी के लिए कूलर, फिल्टर, मशीनों के रखरखाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल में जांच मशीन उपलब्ध है तो बाहर से कोई जांच नहीं कराई जाएगी। जिला अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और उन्हें राज्य मुख्यालय से जोड़ा जाएगा। ओपीडी काउंटर व दवा वितरण काउंटर पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद महानिदेशक डा. वेदब्रत ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश देकर हर माह वस्तु स्थिति की रिपोर्ट देने के लिए कहा है। यह निर्देश दिया है कि सीएमओ सभी सीएचसी एवं पीएचसी का मौका मुआयना करके वहां की व्यवस्थाओं की रिपोर्ट तैयार करें। जहां मशीनें खराब हैं, उनकी तत्काल मरम्मत कराएं।
पिछले 24 घंटे में कोरोना के 129 नए मरीज मिले
यूपी में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 1024 है। पिछले 24 घंटों में 70 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 129 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 202 लोग कोरोना मुक्त भी हुए। बुंदेलखंड में भी नए केस मिल रहे हैं। सीएम योगी ने टीम 09 की बैठक में अधिकारियों से कहा कि अधिक पॉजिटिविटी दर वाले जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाने की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू की जाए। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। हमें पूरी सावधानी बरतनी होगी।
ज्ञानवापी मामले में हरिद्वार में विहिप का मंथन 11 से
देहरादून। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विश्व हिंदू परिषद की 11 और 12 जून को हरिद्वार स्थित निष्काम सेवा ट्रस्ट में दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। बैठक में ज्ञानवापी मामले में विहिप से जुड़े मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख संत भी प्रतिभाग करेंगे। 2019 के बाद विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होने जा रही है। दो दिवसीय बैठक में 300 से अधिक संतों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है। यह बैठक हर दो साल बाद होती है। कोरोना काल के चलते इस बार बैठक 2022 में हो रही है। बैठक में राममंदिर तीर्थ न्यास क्षेत्र के पदाधिकारी परमानंद महाराज, स्वामी चिन्मयानंद समेत प्रमुख अखाड़ों के प्रतिनिधि व मार्गदर्शक मंडल के सदस्य शामिल हो सकते हैं। साथ ही देश के सनातन हिंदू धर्म के पंथों का भी बैठक में प्रतिनिधित्व करेंगे।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के मामले में भी हिंदू धर्म के साधु-संत अगले महीने होने वाली बैठक में विचार-विमर्श करेंगे। हालांकि मामला अभी न्यायालय में भी चल रहा है। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक 11 व 12 जून को हरिद्वार के निष्काम सेवा ट्रस्ट में होगी। विहिप संतों के आदेश पर ही कार्य करता है। मंडल की बैठक में यदि संत ज्ञानवापी मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई की बात करेंगे तो उस पर भी निर्णय होगा।