ज्ञानवापी सर्वे मामला : सर्वे रिपोर्ट को कंपाइल करने में वक्त लगेगा

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर के प्रांगण में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का तीन दिन का काम सोमवार को पूरा हो गया है। इस रिपोर्ट को मंगलवार को वाराणसी की कोर्ट में प्रस्तुत करने का समय था, लेकिन विस्तृत सर्वे रिपोर्ट को कंपाइल करने में थोड़ा समय लगेगा। एडवोकेट कमिश्नर ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत से समय मांगा है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की एडवोकेट कमिश्नर की अपील पर दो बजे सुनवाई हुई। खबर लिखे जाने तक सुनवाई जारी थी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश नहीं हो सकेगी। अभी तक रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकी है। काम अधिक व समय कम होने से माना जा रहा है कि रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कमीशन टीम अदालत से और समय मांग सकती है। चार दिन चली इस प्रक्रिया में करीब 13 घंटे के वीडियो फुटेज बनाए गए तो 15 सौ तस्वीरें खींची गईं। सर्वेक्षण के दौरान एचडी कैमरे का उपयोग किया गया। कार्य पूरा होने पर फुटेज व फोटो सुरक्षित कर लिए गए हैं।

साक्ष्य के तौर पर फुटेज व फोटो रिपोर्ट में शामिल किए जाएंगे। असिस्टेंट कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सर्वे तीन दिन यानी 14 से 16 मई तक चला। अभी तक इसकी 50 प्रतिशत रिपोर्ट ही तैयार हो सकी है। रिपोर्ट अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए हम आज इसे अदालत के समक्ष पेश नहीं कर पाएंगे। हम कोर्ट से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन से चार दिन का समय मांगेंगे। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की शुरुआत 14 मई को हुई थी। तीन दिन के सर्वे के आखिरी दिन हिंदू पक्ष ने सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। हिंदू पक्ष के दावे पर अदालत के आदेश से उस जगह को सील कर दिया गया है। वहीं शीर्ष अदालत में इस मामले में अंजुमन मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई से पहले हिंदू सेना ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हिंदू सेना ने इस मामले में उसे पक्षकार बनाने के लिए याचिका दायर की है।

विश्व हिंदू परिषद भी आया आगे
देहरादून। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विश्व हिंदू परिषद की 11 और 12 जून को हरिद्वार स्थित निष्काम सेवा ट्रस्ट में दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। बैठक में ज्ञानवापी मामले में विहिप से जुड़े मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख संत भी प्रतिभाग करेंगे। 2019 के बाद विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होने जा रही है। दो दिवसीय बैठक में 300 से अधिक संतों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के मामले में भी हिंदू धर्म के साधु-संत अगले महीने होने वाली बैठक में विचार-विमर्श करेंगे।

गंगा किनारे के सभी जिलों में विकसित होंगे गंगा वन

  •  गंगा के किनारे 6759 हेक्टेयर में वनीकरण की योजना, 503 जगहें चिह्नित

लखनऊ। राज्य सरकार गंगा का गलियारा हरा-भरा करने की मुहिम में जुट गई है। अगले छह माह में 6759 हेक्टेयर में वनीकरण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए गंगा किनारे बसे जिलों में से 503 जगहों का चयन किया है। गंगा के अधिग्रहण क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के मकसद से सरकार पहले से ही गंगा वन, गंगा तालाब, गंगा व सहायक नदियों और अपेक्षाकृत प्रदूषित नदियों के किनारों पर सरकार ने सघन पौधरोपण की योजना बनाई है। इससे न सिर्फ हरियाली बढ़ेगी बल्कि प्राकृतिक तरीके से संबंधित नदियों का प्रदूषण भी दूर होगा। साथ ही कटान रुकने से उन क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या भी कम होगी। वहीं इससे भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इसी मकसद से सरकार अपेक्षाकृत प्रदूषित हिंडन, काली, गोमती, सई, वरुणा, अस्सी, रामगंगा, बेतवा, सरयू और गंगा के किनारे पिछले साल तक करीब 1500 हेक्टेयर में 15 लाख पौधे लगवा चुकी है। इनमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, सीतापुर, वाराणसी, शाहजहांपुर, बरेली और हमीरपुर जिले खास तौर पर शामिल हैं।

गौरतलब है कि गंगा का अधिकांश मैदानी इलाका यूपी में ही है। गंगा की कुल लंबाई बांग्लादेश को शामिल करते हुए 2525 किमी है। इनमें से भारत व यूपी में क्रमश: 2071 व 1140 किमी का सफर गंगा नदी तय करती है। गंगा नदी प्रदेश के 28 जिलों बिजनौर, बंदायू, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, प्रयागराज, वाराणसी मिर्जापुर, गाजीपुर आदि से होकर गुजरती है। गंगा के किनारे के सभी जिलों में गंगा वन लगाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। कासगंज व कुछ जिलों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। प्रयास यह है कि ये वन उपयोगी हों और इनमें संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार परंपरागत से लेकर दुर्लभ व औषधीय पौधे लगाए जाएं। कुछ ऐसी ही परिकल्पना गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे बनने वाले बहुउद्देश्यीय तालाबों के किनारे होने वाले पौधरोपण के बारे में की गई है।

सीएम योगी और अखिलेश यादव ने दी बड़े मंगल की शुभकामनाएं

लखनऊ। हिंदू नववर्ष का तीसरा माह ज्येष्ठ मास आज से शुरू हो गया। हिंदू धर्म में इस मास का काफी अधिक महत्व है। आज पहला बुढ़वा मंगल भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को बड़े मंगल पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि ज्येष्ठ माह की पावन तिथि बड़ा मंगल की सभी प्रदेश वासियों व श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएं। सामाजिक सद्भाव और समरसता का प्रबल संवाहक यह अद्वितीय पर्व सभी के लिए मंगलकारी हो। जय बजरंगबली। सपा मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों को ट्वीट कर बुढ़वा मंगल की बधाई दी है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ज्येष्ठ माह के प्रथम बड़े मंगल की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। ज्येष्ठï मास का समापन 14 जून को हो रहा है।

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