हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं!

मोहन भागवत के बयान पर 4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा, अब आरएसएस मंदिरों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करने वाला है। हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं है। कुछ आस्था के केंद्र हो सकते हैं लेकिन हर मुद्ïदे पर लड़ाई क्यों करनी, विवाद क्यों बढ़ाना? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सबा नकवी, सैयद कासिम, डॉ. राकेश पाठक, सतीश के सिंह, अशोक वानखेड़े और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा कि ज्ञानवापी, मथुरा व आगरा में जिस तरह से एप्लीकेशन पड़ रही है अगर ये सिलसिला चलता रहेगा तो बहुत दूर तलक जाएगा। तीन हजार मंदिरों की लिस्ट विहिप के पास है। तमाम मंदिरों के नीचे खुदाई में अवशेष मिलने की बातें सुनी है। क्या देश में अब मंदिर-मस्जिद की फोटोग्राफी होगी, इसी मुद्ïदे पर बात होगी। यही सब रह गया, शायद आरएसएस का एजेंडा है।
सतीश के सिंह ने राकेश की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा, यूपी में मुसलमानों की एक कान्फ्रेंस हुई थी और उससे जो आवाज निकली वो बहुत अलार्मिंग था। आरएसएस के जितने भी संगठन है, आज से नहीं, बहुत समय पहले से ही हाइड्राहेडेड है। मोहन भागवत ने कहा ज्ञानवापी का मुद्ïदा है, अदालत फैसला करेगी और अगर बातचीत भी होती है तो अब शायद उस पर बात नहीं करेंगे। डॉ. राकेश पाठक ने सैयद कासिम की बात का समर्थन करते हुए कहा कि सचमुच देश में एक बयार आने वाली है। हिंदू महासभा की कोई हैसियत नहीं है, आरएसएस के सामने। आरएसएस सबसे बड़ा संगठन है, ऐसा उनका दावा है। संघ को ये भी डर है कि हिंदू महासभा बड़ी हो जाएगी। उसका छाता बड़ा हो जाएगा तो ऐसा नहीं है। सबा नकवी ने कहा भागवत जब दिल्ली आए थे विज्ञान भवन में तो मैंने कवर किया था। संघ के लोगों से मेरी भी बातचीत है। जमीयत उलेमाएं हिंद का कब्जा पूरे मदरसों पर है हिंदुस्तान के। बड़ी संस्था है। रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है और अब जमीनी तौर पर चीजें आ रही है। अशोक वानखेड़े ने कहा, मोहन भागवत की जो लेक्चर सीरीज हुई है दिल्ली में और आज जो कहा वह बिल्कुल सेम है। उन्होंने कहा संघ का काम आंदोलन करना नहीं लेकिन संघ का काम आंदोलन करने वाले को पूरी ताकत दिलवाना है।

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