विवेकानंद अस्पताल में लापरवाही से हुई मासूम की मौत, सीएमओ ने दिए जांच के आदेश

  • पीड़ित परिवार ने स्वास्थ्य महकमे को की शिकायत
  • पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी लिया मामले का संज्ञान

लखनऊ। राजधानी के विवेकानंद अस्पताल में लापरवाही से छह माह की मासूम बच्ची की मौत मामले में सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए है। साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने भी मामले का संज्ञान लिया है, उन्होंने सीएमओ अग्रवाल लखनऊ द्वारा तत्काल कार्यवाही स्टेट मेडिकल काउंसिल द्वारा कराने का आदेश दिया है। पीड़ित पक्ष ने आज इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात की, उन्हें पूरी घटना बताई तो सीएमओ ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद ही विवेकानंद अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं पीड़ित पक्ष ने इससे पहले स्थानीय थाने में परिवाद दिया था कि अस्पताल के विरूद्घ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जाए। दरअसल, आईटी चौराहा स्थित विवेकानंद अस्पताल में एक छह माह की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उन्होंने अपनी छह माह की बच्ची को खो दिया। गुस्साए तीमारदारों ने हंगामा करने के बाद महानगर थाने में डॉक्टर व कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत की है। चांदगंज निवासी अतुल मिश्र की बेटी की आठ जून को तबीयत खराब हो गई थी। हालत बिगड़ती देखकर परिवार के लोगों ने बच्ची को विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया। जहां जांच में पता लगा कि बच्ची को डायरिया है, जिसकी वजह से बच्ची के दोनों गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

पिता अतुल मिश्र का आरोप है कि भर्ती कराने के बाद बच्ची की सेहत में सुधार देखा गया था। नौ जून को अचानक डाक्टरों ने दिल की धड़कन तेज होने की वजह से बच्ची को आईसीयू में भर्ती करने की बात कही। पीड़ित पिता ने बताया कि बच्ची को आईसीयू में भर्ती कराने पर हालत और खराब होती चली गई। इसके बाद बच्ची को वेंटिलेटर पर रख दिया गया। सुधार न होने पर बच्ची को डाक्टरों ने पीडियाट्रिक नेफ्रोलाजिस्ट को दिखाने की बात कहकर आलमबाग अपोलो अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां बच्ची को देखने के बाद डाक्टरों ने बताया कि बच्ची की मौत करीब ढाई घंटे पहले हो चुकी है। वहीं बच्ची की मां अंजली मिश्र अपनी बच्ची के शव को लेकर विवेकानंद अस्पताल पहुंची। यहां रोते बिलखते परिवार के लोगों ने कहा कि आखिर हमसे क्या गलती हो गई थी। आखिरी समय में बच्ची को क्यों रेफर कर दिया। सही जवाब न मिलने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और गलत इलाज का आरोप लगाया। उधर इस मामले में विवेकानंद अस्पताल के पीआरओ डॉ. विशाल कुमार सिंह ने कहा कि बच्ची के इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं की गई है। सभी आरोप गलत हैं।

आजम खान ने सीतापुर को बताया सुसाइड जेल

रामपुर। लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम रजा के लिए प्रचार के दौरान विधायक आजम खान ने सीतापुर जेल को सुसाइड जेल बताया और कहा कि उन्हें और उनके परिवार को वहां इसलिए रखा गया था कि हम लोग खुदकुशी कर लें। आजम खान के इस बयान पर डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि सीतापुर जेल में पिछले पांच सालों में आत्महत्या का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक बयान पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते मैं सिर्फ आंकड़े ही दे सकता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में सीतापुर जेल में एक भी सुसाइड का मामला सामने नहीं आया है। सीतापुर जेल में बंदियों को संरक्षित किया जाता है। किले के मैदान में हुयी जनसभा के दौरान आजम खान ने कहा कि मुझे मारने का पूरा मंसूबा था, लेकिन कत्ल नहीं करना चाहते थे। मुझे, मेरे बच्चे को और मेरी बीबी को सीतापुर जेल जो कि पूरे हिंदुस्तान में सुसाइड जेल के नाम से जानी जाती है, वहां लोग खुदकुशी बहुत करते हैं, वहां भेजा। तीनों को सीतापुर जेल भेजा, क्योंकि जो कमजोर होगा वो पहले अपनी जान देगा। फिर दूसरा और उसके लिए तीसरा जान देगा और तीन जनाजे सीतापुर जेल से बाहर निकलेंगे। यही मंसूबा था।

अपरााधियों पर हो रही कार्रवाई : टेनी

बहराइच। सरकार बिना भेदभाव सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं दे रही है। सरकार ने आठ साल में जनहित के जो कार्य किए हैं, उनके बेहतर परिणाम दिख रहे हैं। सरकारी संपत्ति व निर्दोष नागरिकों पर जो लोग पत्थर चला रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। यह दावा किया केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी ने। भाजपा नीत केंद्र सरकार के आठ साल पूरे होने पर बहराइच में एक कार्यक्रम में मिश्र ने अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाने का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति कानून के विरुद्ध कार्य करेगा, उस पर भाजपा सरकारें कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। नूपुर शर्मा के सवाल पर कहा लोकतंत्र में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार सभी को है, लेकिन इसका आंदोलन की आड़ में हिंसा-तोड़फोड़ करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। क्या मुसलमानों को टार्गेट किया जा रहा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा सरकार किसी का जाति या धर्म देखकर कार्य नहीं कर रही है, जो लोग पत्थर चला रहे हैं उन्हीं के विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। घर ढहाने के सवाल पर उन्होंने पलट कर कहा कि क्या अवैध निर्माण ढहाना गलत है? केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि सड़क पर घर बनवा लिए हैं तो गिराया ही जाएगा। अगर उन्हें लगता है कि गलत हो रहा है तो वे न्यायालय जा सकते हैं।

सीएम योगी से मिले इजराइल के राजदूत, निवेश के लिए किया आमंत्रित

  • मुख्यमंत्री ने यूपी में ड्रोन और एंटी ड्रोन तकनीक में निवेश के लिए दिया जोर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सरकारी आवास पर इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन के नेतृत्व में एक सरकारी प्रतिनिधमंडल ने भेंट की। भेंट-वार्ता के दौरान इजराइल के राजदूत ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी की अभूतपूर्व विजय पर उन्हें बधाई दी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। वार्ता के दौरान राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इजराइल और भारत के बीच मजबूत सामरिक संबंध हैं। उत्तर प्रदेश के साथ हम कई क्षेत्रों में अच्छे सहयोगी की भूमिका में हैं। निकट भविष्य में इजरायल रक्षा, पुलिस आधुनिकीकरण, कृषि आधुनिकीकरण, किसानों को पानी के बेहतर उपयोग, बुंदेलखंड में पेयजल उपलब्धता और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का सहयोग करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इजराइल के माननीय राजदूत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आई टीम का हार्दिक स्वागत है। भारत और इजराइल के द्विपक्षीय संबंध सतत प्रगाढ़ हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 30 वर्ष से मजबूत राजनयिक संबंध रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में अपनी इजरायल यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग के विभिन्न मुद्ïदोंपर चर्चा की थी। इस दौरे में उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था। हाल के वर्षोंमें भारत-इजराइल के परस्पर संबंध नई ऊंचाइयों को छूआ है। उत्तर प्रदेश दोनों देशों के बीच परस्पर सम्बंधों की बेहतरी में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इजराइल के सहयोग से यूपी के जनपद बस्ती और कन्नौज में दो सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित हुए थे, दोनों ही अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। अब हमारी योजना हॉर्टिकल्चर और सब्जी उत्पादन क्षेत्र में नए सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। इस कार्य में भी हमें इजराइल से आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा।सीएम योगी ने कहा, प्रदेश में स्थापित हो रहा डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर इजराइल के लिए निवेश के अवसरों से भरा हुआ है। हमारे पास विशाल भूमि है, पर्याप्त मानव संसाधन है। हम रक्षा उत्पादन की इच्छुक निवेशक कंपनियों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। इजराइल के लिए यह अच्छा मंच है।

ड्रोन और एंटी ड्रोन तकनीक में इजराइल के पास अच्छा अनुभव है। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में निवेश के लिए विचार किया जाना चाहिए। फोरेंसिक लैब्स की स्ट्रेंथनिंग में भी इजराइल हमारा अच्छा सहयोगी बन सकता है। उन्होंने कहा आबादी के हिसाब से सबसे उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। 25 करोड़ की जनसंख्या के साथ यहां बड़ा बाजार भी है। प्रदेश में कृषि के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं। इजराइल इस क्षेत्र में अपने प्रस्ताव दे सकता है। राज्य सरकार द्वारा नई दिल्ली के निकट यमुना इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे पर मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास किया जा रहा है। इजराइल की कम्पनिया यहां निवेश के लिए आमंत्रित हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई व पेयजल के क्षेत्र में इजराइल के तकनीकी सहयोग से नवीन परियोजना प्रस्तावित है। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट आ चुकी है, जल्द ही डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।

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