झूठे प्रचार के सहारे सत्ता में बने रहना चाहती है भाजपा सरकार : अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार और झूठे प्रचार के सहारे सत्ता में बने रहना चाहती है। बढ़ती महंगाई भाजपा रोकना ही नहीं चाहती है। सरकार के मंत्रियों में ही दरार सामने आ गई है। सरकार व अफसरशाही के बीच खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। अखिलेश ने कहा कि बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार भाजपा सरकार का नारा देकर सत्ता में आई सरकार ने महंगाई की बेरहम मार से जनता का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। बढ़े पूंजी-घराने मुनाफा कमाने की होड़ में गरीब का शोषण करने में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। अमूल के बाद पराग ने भी दही-म_ा के दाम बढ़ा दिए हैं। मंत्रियों ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर जो आरोप लगाए हैं उनकी जांच कब होगी? भाजपा सरकार की ‘जीरो टालरेंस’ का फायदा दबंग भ्रष्टाचारी उठा रहे हैं। इस तरह की सभी अवांछित करतूतों को झूठ से छुपाने का काम भाजपा सरकार कर रही है। महंगाई, भ्रष्टाचार, अन्याय करने वाली भाजपा सरकार से अब जनता तंग आ चुकी है। बता दें कि इससे पूर्व अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि आज पूरा प्रदेश सूखे की चपेट में है।

किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। बारिश न होने से खरीफ की बोआई रुकी हुई है। सरकार के कथित पौधारोपण अभियान पर भी सूखे का साया मंडराने लगा है। लेकिन भाजपा सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि एक अंदाजा है कि इस वर्ष खरीफ की बोआई छह लाख हेक्टेयर कम होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने 60 लाख हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा जबकि 27 लाख हेक्टेयर धान की ही रोपाई अब तक हो सकी है। प्रदेश में बिजली भी उपलब्ध नहीं है। सिंचाई के लिए न बिजली है न पानी। रजवाहे सूखे हैं। तालाब-पोखर में पानी नहीं रह गया है। पशुओं को न पीने का पानी और नहीं चारा-भूसा मिल पा रहा है। भाजपा सरकार अलर्ट जारी कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर लेती हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने मौसम की पूरी जानकारी के बगैर 30 करोड़ पौधे लगा दिए। जब बरसात नहीं तो पानी का सूखा पड़ना स्वाभाविक है, अब न पौधे बच रहे हैं न तालाबों में पानी भरा हैं। बुंदेलखंड की तो भाजपा राज में बहुत उपेक्षा हुई है। भाजपा की कुनीतियों के चलते प्रदेश विकास के हर पायदान पर नीचे फिसलता जा रहा है।

क्रॉस वोटिंग अनुशासनहीनता, कांग्रेस हाईकमान ने मांगी रिपोर्ट

देहरादून। राष्टï्रपति चुनाव को लेकर प्रदेश में क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस के भीतर खलबली मची है। पार्टी हाईकमान ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस प्रकरण की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी विधायक का क्रॉस वोटिंग करना पार्टी के साथ धोखा है। उधर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कमेटी का गठन कर मामले की जांच करेंगे। आर्य ने कहा कि क्रॉस वोटिंग अनुशासनहीनता है। राष्टï्रपति चुनाव में राज्यों से विधायकों के वोटिंग की रिपोर्ट ने प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राज्य में कुल 70 विधायकों में से भाजपा के 47, कांग्रेस के 19 और बसपा के दो विधायक हैं। दो विधायक निर्दलीय हैं। इस चुनाव में तीन विधायक विभिन्न कारणों से वोट नहीं दे सके थे। भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास और कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ स्वास्थ्य कारणों से वोट नहीं दे सके थे। वहीं कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी बरसात में मार्ग बाधित होने से मतदान से वंचित रहे। राष्टï्रपति पद की एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को प्रदेश से 51 विधायकों के मत प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस के दो विधायकों को छोड़ा जाए तो 17 विधायकों ने मतदान में भाग लिया।

वहीं भाजपा के 46 विधायकों ने मतदान किया। द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में बसपा के दो और दो निर्दलीय विधायकों ने भी मतदान किया। यह आंकड़ा 50 हो रहा है। मुर्मू को 51 यानी एक मत अधिक पड़ा, जबकि एक मत खराब हो गया। ये दोनों ही मत कांग्रेस विधायकों के माने जा रहे हैं। इसमें भी एक विधायक के क्रॉस वोटिंग करने से कांग्रेस में हड़कंप है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने क्रॉस वोटिंग की जानकारी मिलने पर नई दिल्ली में पार्टी हाईकमान को सूचित किया। हाईकमान ने इसे गंभीर मानते हुए नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से जांच कराने को कहा है। जांच रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी। माहरा ने कहा कि पार्टी ने राष्टï्रपति चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान का निर्णय नहीं लिया था। पार्टी से अलग रुख अपनाना गंभीर विषय है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है। वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता यशपाल आर्य ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी के किस विधायक ने यह कदम उठाया, यह जांच का विषय है। पार्टी हाईकमान इस मामले में गंभीर है। जांच के बाद रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी।

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