NDA के सहयोगी दलों ने मोदी के खिलाफ खोला मोर्चा, कठघरे में बीजेपी नेतृत्व

भारतीय राजनीति में आज एक नया तूफान खड़ा हो गया है... बीजेपी के सहयोगी दलों ने मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय राजनीति में आज एक नया तूफान खड़ा हो गया है…… जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के चार बड़े सहयोगी नेताओं…… आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू……. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार…… लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान…… और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे….. ने एक साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है…… आपको बता दें कि यह सियासी भूचाल तब शुरू हुआ……. जब इन नेताओं ने एक कथित मुस्लिम जश्न के आयोजन में हिस्सा लिया…… जिसे लेकर बीजेपी के कट्टर समर्थकों…… और विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है…… वहीं इस घटना ने न केवल एनडीए की एकता पर सवाल उठाए हैं……. बल्कि पीएम मोदी के नेतृत्व को भी कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है….

जानकारी के मुताबिक यह सब तब शुरू हुआ जब दिल्ली के एक बड़े मैदान में मुस्लिम एकता और सौहार्द सम्मेलन का आयोजन हुआ……. इस सम्मेलन का मकसद था देश में विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देना……. आयोजकों ने दावा किया कि यह एक गैर-राजनीतिक मंच था……. लेकिन जब चंद्रबाबू, नीतीश, चिराग और शिंदे इस मंच पर एक साथ नजर आए……. तो सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया…… मंच पर इन नेताओं ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की…… और एकता के संदेश दिए….. बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमें विकास के लिए सभी समुदायों को साथ लेकर चलना होगा…… आंध्र प्रदेश में हमने हमेशा यही किया है…. नीतीश कुमार ने भी कहा कि बिहार में हिंदू-मुस्लिम एकता हमारी पहचान रही है….. और इसे तोड़ने की कोशिश करने वाले नाकाम होंगे……

वहीं चिराग पासवान ने युवा मुस्लिम नेताओं के साथ सेल्फी खिंचवाई और ट्वीट किया कि भारत का भविष्य एकता में है, नफरत में नहीं……. वहीं, एकनाथ शिंदे ने शिवाजी महाराज का हवाला देते हुए कहा कि हमारी परंपरा में सभी को सम्मान देना सिखाया गया है…… इन बयानों ने बीजेपी के उस नैरेटिव को चुनौती दी…… जो पिछले कुछ सालों में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा है…… वहीं सबसे हैरानी की बात यह रही कि इस आयोजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई…… और पीएम आवास पर देर रात तक बैठकें चलीं……. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे……. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इस घटनाक्रम से सन्न हैं…… क्योंकि एनडीए के इन चारों नेताओं ने बिना किसी पूर्व सूचना के इस आयोजन में हिस्सा लिया…….

आपको बता दें कि बीजेपी के कट्टर समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इन नेताओं को गद्दार और धोखेबाज करार दिया…… वहीं कुछ ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण का नाम देकर इन नेताओं पर हमला बोला…. एनडीए की सरकार पिछले सालों से चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, नीतीश कुमार की जेडीयू, चिराग पासवान की एलजेपी….. और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के समर्थन पर टिकी हुई है…… 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था……. और इन सहयोगियों की बदौलत ही मोदी तीसरी बार पीएम बने थे….. लेकिन अब यह गठबंधन खतरे में नजर आ रहा है……. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुस्लिम जश्न का आयोजन महज एक बहाना है……. असल में इन नेताओं का असंतोष कहीं गहरा है…..

बता दें कि चंद्रबाबू नायडू लंबे समय से आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं…… लेकिन केंद्र ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया……. नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष पैकेज और अग्निवीर योजना की समीक्षा की मांग करते रहे हैं……. चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र में बड़ी भूमिका चाहते हैं…… जबकि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में बीजेपी की बढ़ती दखलंदाजी से नाराज हैं…… वहीं यह आयोजन इन नेताओं का बीजेपी को संदेश है कि वे अब चुप नहीं रहेंगे……

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने इस मौके को हाथों-हाथ लिया……. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि एनडीए के सहयोगी भी अब मोदी जी की सच्चाई समझ गए हैं……. यह देश एकता और प्यार से चलेगा, नफरत से नहीं……. आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी को अब समझ आ रहा होगा कि सत्ता हमेशा नहीं रहती…… सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग मुसलमानों को गाली देते थे…… उनके अपने अब उनके साथ जश्न मना रहे हैं…..

वहीं मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस आयोजन को ऐतिहासिक करार दिया……. एक मौलाना ने कहा कि यह पहली बार है जब इतने बड़े नेता हमारे साथ खुले तौर पर खड़े हुए…… यह देश के लिए अच्छा संकेत है……. हालांकि, कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसे राजनीतिक स्टंट भी बताया और कहा कि यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है….. वहीं अब सवाल यह है कि क्या यह घटना एनडीए के लिए अंत की शुरुआत है…… क्या पीएम मोदी इन नेताओं को मनाने में कामयाब होंगे…… या फिर यह गठबंधन टूटने की कगार पर है…… सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी जल्द ही इन चारों नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं…… लेकिन अगर यह असंतोष बढ़ता है……. तो 2025 में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है……

 

 

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