72 घंटे में लखनऊ में तीन बलात्कार, गाजियाबाद में भी रेप! हो क्या रहा है यूपी में
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने गाजियाबाद पुलिस को जारी किया नोटिस
सवालों के घेरे में यूपी की कानून व्यवस्था, जिम्मेदार नहीं दे पा रहे जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी की कानून व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। बीते 72 घंटे में लखनऊ में तीन बलात्कार तो वहीं गाजियाबाद में निर्भया जैसी दिल दहला देने वाली दुष्कर्म की घटना आज सामने आई है। इन घटनाओं के बाद से यूपी की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं आखिर जिम्मेदार कर क्या रहे हैं। दरिंदगी जैसे मामलों में अफसर और अधिकारी सही से जवाब तक नहीं दे पा रहे हैं। विपक्ष ने भाजपा व योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं है, बस सरकार ढिढ़ोरा पीटती रहती हैं कि हमारी सरकार में बेटियां सुरक्षित हैं।
दरअसल, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक युवती के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी की गई। भाई के घर जन्मदिन पार्टी मनाने आई 38 वर्षीय महिला के साथ पांच लोगों ने दरिंदगी की सभी हदें पार कर दी। दिल्ली लौटने के क्रम में महिला को अगवा कर पांच लोगों ने दो दिन तक जंगल में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। पीडि़ता के प्राइवेट पार्ट में राड डाले जाने की बात भी कही जा रही है। पीडि़ता से हैवानियत के बाद आरोपितों ने उसे बोरी में भरकर नंदग्राम इलाके के आश्रम रोड पर फेंक दिया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। कहा कि पीडि़ता को न्याय मिलना चाहिए।
लखनऊ गैंगरेप कांड का मुख्य आरोपी मुठभेड़ में गिरफ्तार
राजधानी लखनऊ में 72 घंटे के भीतर दुष्कर्म की तीन वारदातें दर्ज की गयी। इसमें जहां गोमती नगर क्षेत्र में एक आश्रम में साध्वियों द्वारा 52 वर्षीय एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। महिला ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जहां उसे मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं दो दिन पहले विभूति खंड में एक ऑटो चालक और उसके सहयोगी द्वारा 18 वर्षीय एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना सामने आई थी। मामले के मुख्य आरोपी बहराइच निवासी इमरान उर्फ मुस्तफा को पुलिस ने मुठभेड़ में उसके पैर में गोली मारी है। अस्पताल में भर्ती है। जबकि सहयोगी आकाश को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं एक अन्य मामले में पुलिस की तफ्तीश जारी है।
भाजपा राज में कानून व्यवस्था फेल है। जब से इनकी सरकार आई है, बेटियां भी महफूज नहीं है। नैतिकता नाम की चीज नहीं है भाजपा के पास।
सुनील साजन, सपा नेताबेटियों और महिलाओं की सुरक्षा करने में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम है। अंकिता भडारी मामले को देश भूला नहीं है। स्मृति ईरानी जवाब दें।
शुचि विश्वास, प्रवक्ता कांग्र्रेसयोगीराज में महिलाएं महफूज नहीं है। हर दिन बलात्कार और यौन हिंसा के मामले दर्ज हो रहे हैं। नाबालिग बच्चियां भी इस क्रूरता की शिकार हो रही हैं। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
नीलम यादव, प्रदेश अध्यक्ष, महिला विंग आम आदमी पार्टीदुष्कर्म के मामलों में पुलिस की कार्रवाई जारी है। कई आरोपी पकड़े जा चुके हैं। छानबीन चल रही है। दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।
प्राची सिंह, डीसीपी पूर्वी क्षेत्रभाजपा सरकार में बेटियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं है। कहां गया इनका बेटी बचाओ अभियान। इनको सिर्फ चुनावी भाषण आता है। सुरक्षा देने के नाम पर सरकार फेल है।
रोहित अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठï आरएलडी
24 साल बाद गद्ïदी से हटा गांधी परिवार खडग़े कांग्रेस अध्यक्ष
- मल्लिकार्जुन खडग़े को मिले 7,897 वोट थरूर ने मानी हार, दी खडग़े को बधाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का नतीजा आ गया है, जिसमें मल्लिकार्जुन खडग़े ने जीत हासिल की है। उन्हें कुल 7,897 वोट मिले हैं। इसके अलावा शशि थरूर को भी 1,000 से ज्यादा वोट मिले हैं। थरूर ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। खडग़े को बधाई भी दी है। मल्लिकार्जुन खडग़े को लेकर माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से भी समर्थन मिला है।
यही वजह है कि ज्यादातर अन्य नेताओं का समर्थन भी उन्हें ही मिला है। कर्नाटक से 9 बार विधायक रहने और कई बार सांसद रहने वाले खडग़े को गांधी परिवार के वफादार नेताओं में शुमार किया जाता है। खडग़े का कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है। उनके अध्यक्ष बनने के साथ ही गांधी परिवार बैकसीट पर पहुंच गया है, जो लगातार 24 सालों से कांग्रेस अध्यक्ष था। 1998 से अब तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष थीं, जबकि बीच में दो साल के लिए 2017 से 2019 के दौरान राहुल गांधी ने यह पद संभाला था। लोकसभा चुुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं, तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि अब गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं होगा। अंत तक वह इस जिद पर अड़े रहे और फिर चुनाव हुआ, जिसमें मल्लिकार्जुन खडग़े को चुना गया है।
अब्बास को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत, यूपी सरकार को नोटिस
- आगामी आदेश तक अब्बास के खिलाफ नहीं होगी कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने आम्र्स एक्ट के केस में अंतरिम राहत दे दी है। साथ ही यूपी सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह आगामी आदेश तक अब्बास के खिलाफ कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई न करे। अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब्बास अंसारी मऊ से सुभासपा के विधायक हैं।
गत दिवस एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। अब्बास अंसारी के खिलाफ यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भडक़ाऊ भाषण देने के आरोप में मऊ में केस दर्ज किया गया था। दरअसल, अंसारी पर आरोप है कि वर्ष 2012 में लखनऊ से जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस को बगैर सूचना दिए ही उन्होंने अपने दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करा दिया था।