नीतीश कुमार को जनता से नहीं कुर्सी से मतलब: प्रशांत किशोर
पुराने और नए नीतीश में जमीन आसमान का अंतर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नीतीश कुमार पर अक्सर निशाना साधते नजर आते हैं। कभी उनकी और नीतीश की दोस्ती के चर्चे हुआ करते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश के लिए चुनाव प्रचार किया था। अब प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश का विरोध करते हैं। एक वार्ता में उन्होंने कहा कि पुराने और नए नीतीश में जमीन आसमान का अंतर है। इस अंतर को उन्होंने बताया है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि साल 2104-15 के नीतीश कुमार और साल 2022 के नीतीश में जमीन आसमान का फर्क है। 2014 में नीतीश चुनाव नहीं हारे थे। लोकसभा में उनकी सीटें कम हो गई। 40 में उनको दो सीट मिली थी। वह मुख्यमंत्री थे, लेकिन उन्होंने पक्ष छोड़ दिया। 2014 के पहले के ट्रैक रिकॉर्ड देख लें तो सब जानते हैं कि बिहार में उनके कार्यकाल में बहुत सारा काम हुआ है। इसमें कोई शक की बात नहीं है, लेकिन 2020 में नीतीश कुमार चुनाव हार गए हैं। फिर भी की न कोई जुगाड़ बनाकर वह आज भी मुख्यमंत्री बने हुए हैं। प्रशांत किशोर बोले कि दोनों नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है। मैंने जिस नीतीश के लिए प्रचार किया था वो ऐसे आदमी थी जिन्होंने बिना चुनाव हारे हुए पक्ष छोड़ दिया था। आज मैं जिस नीतीश के खिलाफ हूं वो ऐसे हैं कि चुनाव हारने के बाद भी कुर्सी पर फेविकोल लगाकर बैठे हुए हैं और मुख्यमंत्री बने हुए हैं। उनकी प्राथमिकता ये रह गई है कि मैं किसी भी तरह से मुख्यमंत्री बना रहूं बाकी जनता का कुछ भी हो। प्रशांत किशोर बोले कि जब नीतीश कुमार ने अच्छा किया था तो उनके समर्थन में खड़े थे। आज वो नहीं कर रहे तो उनके विरोध में खड़े हैं।