गुजरात फॉर्मूला कर्नाटक में लागू करेगी भाजपा

 

नई दिल्ली। गुजरात फतह से उत्साहित भाजपा कर्नाटक में भी गुजरात का फार्मूला अपना सकती है। इसके लिए बकायदा कार्यकारिणी की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई है। अगर भाजपा ये फार्मूला कर्नाटक में अपनाती है तो मौजूदा सीएम की विदाई तय है। फिलहाल पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
आपको बता दें कि दिल्ली में चल रही भाजपा की कार्यकारिणी बैठक का आज दूसरा दिन है। पहले दिन यानी सोमवार को सबसे ज्यादा चर्चा गुजरात में पार्टी की जीत के फॉर्मूले की रही। इसी मॉडल को कर्नाटक में आगे बढ़ाया जाएगा। कर्नाटक में मई तक चुनाव होना है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की वापसी के आसार बन रहे हैं। पीएम मोदी ने सोमवार को कार्यकारिणी बैठक से अलग येदियुरप्पा से 15 मिनट मुलाकात की थी।
जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, पार्टी में येदियुरप्पा की अहमियत बढ़ रही है। वे पार्टी के संसदीय बोर्ड में भी हैं। लिंगायत समुदाय का सपोर्ट उनके साथ है। कर्नाटक में पार्टी फिर येदियुरप्पा को चेहरा बना सकती है। दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद से उलझ गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि उनकी विदाई हो सकती है।
आज की बैठक में चुनावी राज्यों की लीडरशिप का भी टेस्ट होगा। उन्हें अपनी जीत का रोडमैप और इसके लिए क्या तैयारी की है, ये बताना है। पहले दिन का दूसरा अहम मुद्दा विपक्ष के साथ ही मोदी के खिलाफ निगेटिव कैम्पेन चलाने और अभद्र भाषा के इस्तेमाल का रहा।
पेगासस, नोटबंदी, श्वष्ठ, मनी लॉन्ड्रिंग, राफेल और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जैसे मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर रवैये से कानूनी तरीके से निपटने की तारीफ भी हुई। इससे सबक निकला कि विपक्ष के दबाव में न आकर पूरी ताकत से निपटना है।
सूत्रों की मानें तो ‘विपक्ष के हमलावर रवैये से निपटने की प्रक्रिया पर बात करने के लिए काफी समय इसलिए दिया गया ताकि चुनावी राज्यों के मुखिया अपना मनोबल ऊंचा रखें। वे विपक्ष के किसी आरोप पर घिरे नहीं बल्कि घेरें।’ ‘हाईकमान ने चुनावी राज्यों की लीडरशिप से जीत की रणनीति के ड्राफ्ट मंगाए थे। छत्तीसगढ़ और कर्नाटक की लीडरशिप ने अपने ड्राफ्ट पर चर्चा शुरू की, लेकिन उन्हें बीच में रोककर इसे और पुख्ता करने की सलाह दी गई। इसके बाद इसे 17 जनवरी को चर्चा के लिए रख लिया गया।’
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी राज्यों में हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे तलाशेगी। कर्नाटक में पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाकर बड़ा दांव खेला है। इसका भी चुनाव में जोर-शोर से प्रचार किया जाएगा। पिछले साल कर्नाटक के दक्षिणी जिले शिवमोगा में बजरंग दल के नेता हर्षा और फिर युवा मोर्चा के जिला सचिव प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद से हिंदुत्ववादी संगठन और पार्टी के युवा कार्यकर्ता गुस्से में हैं।

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