मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार की आंच कर्नाटक तक

भास्कर राव ने छोड़ी झाड़ू थामा कमल

 

बेंगलुरु। पूर्व पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे दिया है। आप छोडऩे के बाद वह बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। खास बात है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में विस्तार का सपना देख रही पार्टी के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। बीजेपी ने भास्कर राव पर ही अपना दांव खेला था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव 11 महीने पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद पार्टी जॉइन कराई थी। कहा जा रहा है कि मनीष सिसोदिया के शराब कांड में जेल जाने के बाद पार्टी में खलबली मची है। सियासत में लंबी छलांग का सपना देख रहे भास्कर राव को अपनी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा था इसलिए वह बीजेपी की नाव में सवार हो गए।
भास्कर राव के करियर से विवाद भी जुड़े हैं। 2019 अगस्त में एक बातचीत का ऑडियो लीक हुआ था, जिसे राव और एक सत्ता के दलाल के बीच हुई बातचीत बताई गई थी। बीजेपी और जेडीएस के बीच अवैध फोन-टैपिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। बाद में वह दलाल पॉन्जी स्कीम का संदिग्ध भी निकला था। मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। सीबीआई की बी रिपोर्ट फाइल हुई थी। बेंगलुरू पुलिस आयुक्त रहते हुए भी वह विवादों में रहे। पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायण ने भास्कर राव पर 2020 में लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
बासवनागुड़ी बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस इलाके में ब्राह्मणों की अच्छी आबादी है। भास्कर राव भी ब्राह्मण समुदाय से ही आते हैं। हालांकि उन्होंने जब आप जॉइन किया था तो कहा था कि आप उन्हें इसलिए पसंद है क्योंकि यह पार्टी सांप्रदायिकता की राजनीति नहीं करती है।

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