संघ की रैली मामले में तीन मार्च को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को राज्य में मार्च निकालने की अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को आरएसएस को पुनर्निर्धारित तिथियों पर तमिलनाडु में अपना रूट मार्च निकालने की अनुमति दी थी और कहा था कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए इस तरह के विरोध रैली आवश्यक हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि रैली 5 मार्च से शुरू होने वाला है।
राज्य सरकार के ओर से पेश हुए अधिवक्ता जोसेफ अरस्तू के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह के आयोजन से राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी। राज्य सरकार ने कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के तहत जनहित में नागरिकों के बोलने की आजादी और सभा करने के मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है।
बता दें कि बीते साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक रैली निकालने का एलान किया था। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने आरएसएस को रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद आरएसएस ने हाईकोर्ट का रुख किया था। फिलहाल अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

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