बारिश ने पारा लुढक़ाया, अगले पांच दिन मध्यम वर्षा की संभावना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यूपी में अगले पांच दिन तक अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिन तक देश के अधिकतर भागों में हल्की बारिश के साथ आंधी व ओलावृष्टि के आसार हैं। उधर बीते दो दिनों से कई जगहाश पर बारिश व ओलावृष्टिï की वजह से तापमान में गिरावट आई जिसकी वजह से उत्तर भारत में सुबह व शाम को लोगों को ठुड का एहसास हुआ।
मेरठ, मुजफरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, नोएडा, अलीगढ़, गाजियाबाद, रामपुर, बिजनौर में हल्की वर्षा, बदायूं संभल, फर्रुखाबाद, सहारनपुर में मध्यम वर्षा और बरेली, पीलीभीत में मध्यम से तेज वर्षा के आसार हैं। प्रयागराज, कौशांबी आदि में चना आदि फसलों की कटाई चल रही है। यदि आगे बारिश हुई तो नुकसान होगा। वाराणसी में हल्की बूंदाबांदी हुई पर यदि तेज बारिश हुई गेहूं, सरसों, आम को काफी नुकसान हो सकता है। उधर यदि बारिश तेज हो गई तो सभी सब्जियां प्रभावित होंगी। इससे पहले मौसम का मिजाज फिर बदला है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न भागों में गरज के साथ हल्की बारिश हुई। यूपी में झांसी समेत कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है।
चली तेज हवा, फसलों को नुकसान
यूपी में बारिश के साथ तेज हवा चली, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई है तो वहीं सरसों की फलियां टूट गईं। उधर आलू को वैसे तो कोई नुकसान नहीं हुआ पर इससे आलू की खोदाई अवश्य प्रभावित हुई। उधर मौसम विभाग आगे भी बारिश और तेज हवा चलने की आशंका जता रहा है। खास तौर से 20 व 21 मार्च को तेज बारिश होने की बात कही जा रही है। यानी किसानों के लिए अगला एक सप्ताह भी संकट भरा रहने वाला है।
फसल की तत्काल कटाई करें किसान
कृषि विभाग ने खड़ी फसल में सिंचाई न करने को कहा है। जहां बारिश नहीं हुई और सरसों पक गई है वहां फसल की कटाई तत्काल करने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि ओलावृष्टि हो गई गेहूं, सरसों आदि सभी फसलें ज्यादा प्रभावित हो जाएंगी। यदि फसल 15 से 20 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई हो तो साफ आसमान में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करने की सलाह दी जाती है। यदि ज्यादा नुकसान हो तो जायद के लिए खेत तैयार करें। इसके अलावा कटी फसल को पॉलीथिन से ढकने को कहा गया है।