एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में बदलाव की समीक्षा की मांग की केरल के मंत्री ने

तिरुवनंतपुरम। केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कक्षा 11 और 12 की पाठ्यपुस्तकों से एनसीईआरटी द्वारा हाल ही में विवादास्पद कुछ हिस्सों को हटाने की समीक्षा करने की मांग की है।
बुधवार को पीएम और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भेजे गए पत्र में राज्य मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से एक व्यापक और संतुलित शिक्षा प्रदान की जाए, जो उन्हें जिम्मेदार नागरिक और भविष्य के नेता बनने में मदद करे।
हाल ही में, एनसीईआरटी ने अपने सिलेबस के कक्षा 12 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से महात्मा गांधी पर लिखे कुछ अंशों को हटा दिए और कैसे हिंदू-मुस्लिम एकता की उनकी खोज ने हिंदू चरमपंथियों को उकसाया है, इसे भी पाठ्यपुस्तक से अलग कर दिया गया।
इसके साथ ही, सिलेबस में से उस हिस्से को भी हटा दिया गया, जिसमें गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देने वाली बात बताई गई थी। तथ्यों को छिपाकर पाठ्यपुस्तकों के संशोधन ने एक विवाद खड़ा कर दिया है।
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने बताया कि हमारी शिक्षा प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने और देश के समृद्ध और विविध इतिहास को युवा पीढ़ी के लिए सुलभ बनाने के लिए हस्तक्षेप करना जरूरी था। शिवनकुट्टी ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि सिलेबस में किए गए बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और कोविड-19 के स्थिति पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा कि शांति, विकास, जन आंदोलनों के उदय और मुगल इतिहास जैसे महत्वपूर्ण विषयों को छोड़ देना बच्चों के साथ अन्याय है, उन्हें सीखने और अच्छे नागरिक बनने के अवसर से वंचित करना है।
शिक्षा विभाग की एक स्वायत्त संस्था स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) इन हटाए गए हिस्सों को राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए अपनी पाठ्यक्रम संचालन समिति के निर्णय पर विचार कर रही है।
मंगलवार को हुई समिति बैठक ने सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ परामर्श के बाद मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए शिवनकुट्टी को सौंपा था।

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