सिद्धारमैया ने संभाली कर्नाटक की बागडोर

  • राज्यपाल ने दिलाई मुख्यमंत्री की शपथ
  • विपक्ष के दिग्गज बने गवाह, खचाखच भरा स्टेडियम
  • शिवकुमार उपमुख्मंत्र बनें, आठ कैबिनेट मंत्री भी शामिल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। सिद्धारमैया ने दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वह राज्य के 30वें सीएम होंगे। उन्हें राज्यपाल थावरचंद गहलतोत ने शपथ दिलाई। वहीं डी.के. शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बने। साथ ही आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
बेंगलुरु में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के साथ विपक्ष के क्षेत्रीय दलों के दिग्गज भी शामिल हुए। इस भव्य समारोह की गवाह राज्य की जनता भी बनी। कांतीराव स्टेडियम में हजारों की भीड़ जुटी।


कर्नाटक से देश में अच्छा माहौल बनेगा: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि आज शपथग्रहन समारोह है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित आठ विधायक मंत्रीपद के लिए शपथ लेंगे। मैं भी उसमें शिरकत के लिए वहां जा रहा हूं। यह खुशी की बात है कि कर्नाटक में नई सरकार, मजबूत सरकार आई है। इससे कर्नाटक का विकास होगा और साथ ही देश में अच्छा माहौल बनेगा।

राहुल गांधी ने जनता को दिया धन्यवाद

राहुल गांधी ने मंच पर आकर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने एक-एक करके विपक्षी दलों के नेताओं का नाम लिया और उसके बाद सबका स्वागत किया। राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक की जनता को कांग्रेस और अपनी ओर से धन्यवाद करता हूं। आपने पूरी तरह से कांग्रेस को समर्थन दिया। पिछले पांच वर्षों में आपने कौन सी मुसीबतें सहीं, मैं समझता हूं। मीडिया में लिखा गया कि कांग्रेस यह चुनाव क्यों जीती? इस जीत का सिर्फ एक कारण है कि कांग्रेस पार्टी, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ है। हमारे पास सच्चाई थी और कर्नाटक के लोग थे। बीजेपी के पास धन-दौलत, पावर और पुलिस सबकुछ था। लेकिन कर्नाटक की जनता ने उनकी सारी ताकत को हरा दिया। उनके भ्रष्टाचार को हरा दिया। उनकी नफरत को हरा दिया। जैसे हमने यात्रा में कहा था कि नफरत को मिटाया, प्यार जीता। नफरत के बाजार से बीजेपी ने कर्नाटक में कई दुकानें खोलीं। पिछले पांच साल आपने भ्रष्टाचार सहा।

समारोह में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी हुए शामिल

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार,तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, मक्कल नीडि माईम के प्रमुख कमल हसन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ,पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं।

इन्हें बनाया गया मंत्री

सिद्धारमैया की कैबिनेट में 20 से 25 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। हालांकि, अभी 10 के ही नाम सामने आए हैं। इनमें जी परमेश्वर, रामलिंग रेड््डी, केजे जॉर्ज, एचके पाटिल, एमबी पाटिल, सतीश जरकीहोली, यूटी कधार, लक्ष्मी हेब्बलकर, टीबी जयचंद्र, एचसी महादेवप्पा के नाम शामिल हैं।

अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला फिर सुप्रीम दरबार में

  • केंन्द्र सरकार ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 11 मई की संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार के पास राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्ति है। बता दें कि केंद्र ने राष्टï्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए कल एक अध्यादेश लाया है।
इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। इस अध्यादेश के अनुसार, राजधानी में अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति, नेशनल केपिटल सिविल सर्विसेज अथारिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी। इसमें कहा गया है कि एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे और मुख्यसचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे। वहीं आम आदमी पार्टीने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ल्ी में नौकरशाहों के तबादले से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि यह सेवा संबंधी मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ल्सी सरकार को दी गई शक्तियों को छीनने के लिए उठाया गया एक कदम है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्टï्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोडक़र अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।

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