तो ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर सफेद झूठ बोल रहे हैं राज्य!
- भाजपा शासित उत्तराखंड, असम, हिमाचल प्रदेश समेत 12 राज्यों ने किया इंकार, केन्द्र को भेजी रिपोर्ट
- पंजाब ने दिखाई ईमानदारी, ऑक्सीजन की कमी से चार संदिग्ध मौत की बात कबूली
- पूरे देश में ऑक्सीजन की किल्लत से चली गई थी हजारों लोगों की जान
- सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला, आपूर्ति के लिए केंद्र को लगी थी फटकार
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। इसकी कमी ने हजारों लोगों की जानें ले लीं। ऑक्सीजन की कमी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था लेकिन भाजपा शासित उत्तराखंड, असम, हिमाचल प्रदेश समेत 12 राज्यों ने केंद्र को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से किसी के मौत होने की बात नहीं कबूली है। हालांकि पंजाब ने थोड़ी ईमानदारी दिखाते हुए इससे चार संदिग्ध मौतों की बात स्वीकार कर ली है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऑक्सीजन से हुई जिन मौतों को दुनिया भर की मीडिया और देश की जनता ने देखा, उसे राज्य सरकारें सिरे से क्यों नकार रही हैं? कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर थी तब सबसे ज्यादा दिक्कत ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई थी। इसका मुद्दा संसद और सुप्रीम कोर्ट में भी उठा था। इसके बाद केंद्र ने ऐसे मौतों पर राज्यों से आंकड़ा मांगा। अब 13 राज्यों ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी है। इनमें से 12 राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत से इंकार कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केवल पंजाब ने संदिग्ध मौत की जिक्र किया है। अन्य राज्यों ने अब तक नहीं कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। अरूणाचल प्रदेश, असम, ओडिशा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने जवाब दिया है।
संसद में पेश किया जाना था आंकड़ा
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने हाल में राज्यों एवं केद्रशासित प्रदेशों से इस साल के प्रारंभ में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर आंकड़ा मांगा था और यह सूचना एकत्र करके मानसून सत्र के समाप्त हो जाने से पहले संसद में पेश किया जाना था।
विपक्ष ने सरकार को लिया था निशाने पर
पिछले महीने विपक्षी दलों ने संसद में यह बताने को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था कि राज्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। राज्यसभा में 20 जुलाई को जब प्रश्न किया गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से सड़कों एवं अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड-19 मरीजों की मौतें हुई, तब उसके लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है। मौतों की रिपोर्ट करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जारी किये गये हैं। उसी के अनुसार राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नियमित आधार पर मामलों एवं मौतों का रिपोर्ट करते हैं लेकिन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार कोई भी मौत सिर्फ ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई।
विपक्ष के रवैये पर छलके वेंकैया नायडू के आंसू, लोक सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
- राज्य सभा में खड़े होकर नायडू ने पढ़ा बयान, विपक्षी सांसदों ने किया हंगामा
- विपक्ष ने सरकार पर लगाया मनमानी करने और मुद्दों पर चर्चा नहीं कराने का आरोप
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। संसद के हंगामेदार मानसून सत्र के बीच राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू आज भावुक हो गए। उन्होंने सदन में विपक्ष के रवैए की निंदा की। उन्होंने कहा कि संसद में जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं। कल जब कुछ सदस्य टेबल पर आए, तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची। वे भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। वहीं विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्य सभा में विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण के कारण सभापति एम. वेंकैया नायडू इतने आहत हुए कि उन्होंने आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बयान पढ़कर इसकी निंदा की। उन्होंने काफी कड़ी शब्दों वाले बयान को खड़े होकर पढ़ा। गौरतलब है कि कल कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य सभा में मेज पर खड़े होकर रूल बुक फेंक दिया। वहीं, आप सांसद ने जमीन पर बैठकर नारेबाजी की थी। सभापति जब अपनी बात कह रहे थे, इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते सभापति ने बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही कार्यवाही स्थगित कर दी। वहीं संसद के मानसून सत्र के लिए लोक सभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर मनमानी करने और मुद्दों पर चर्चा न कराने का आरोप लगाया।
हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ हो सकती कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू राज्यसभा में हंगामा करने वाले और आसन की तरफ रूल बुक फेंकने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और अन्य भाजपा सांसदों ने आज सुबह नायडू से मुलाकात भी की।