आरक्षण पर दत्तात्रेय की वकालत, सवर्ण संगठन बोला-संघ ही बढ़ा रहा है सामाजिक असमानता
- आरोप-संघ अब सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों के बजाय बीजेपी के राजनीतिक हितों को लेकर काम करता है
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। आरक्षण को लेकर राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बयान देकर विवादों में फंस गए है। होसबाले ने साफ तौर पर कहा कि वह और उनका संगठन आरएसएस आरक्षण का पुरजोर समर्थक हैं। उन्होंने भारत के लिए आरक्षण को एक ऐतिहासिक जरूरत बताते हुए कहा कि जब तक समाज का एक खास वर्ग असमानता का अनुभव करता है, तब तक आरक्षण जारी रखा जाना चाहिए। होसबाले के आरक्षण पर दिए गए बयान को सवर्ण समुदाय के संगठन संघ की वैचारिक शिफ्टिंग बता रहे हैं। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा.) के राष्टï्रीय अध्यक्ष पंडित राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा आरएसएस आरक्षण के पक्ष में खड़े होकर देश से जातिवाद और असमानता को खत्म करने के बजाय उसे बढ़ाने का काम कर रहा है। संघ अब सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों के बजाय बीजेपी के राजनीतिक हितों को लेकर काम करता है। इसके मद्देनजर दलित और पिछड़ा वर्ग को राजनीतिक संदेश देने के लिए दत्तात्रेय होसबाले ने आरक्षण का समर्थन किया है। संघ ऐसे ही अगर आरक्षण पर अपना रवैया रखता है तो ब्राह्मïण समाज को सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। देश में आखिर आरक्षण की व्यवस्था कब खत्म होगी और कब प्रतिभा को सम्मान मिलेगा। इस पर संघ से लेकर बीजेपी तक सब खामोश हैं। वहीं, दूसरी अखिल भारतीय ब्राह्मïण महासभा के अध्यक्ष कुलदीप भारद्वाज कहते हैं कि संघ ब्राह्मïण और सवर्ण समुदाय की कमजोरी का फायदा उठा रहा है। आरक्षण से अगर कोई समुदाय दो बार सांसद, दो बार विधायक या फिर सेकेंड क्लास अधिकारी रहा है तो उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति दोनों ही काफी बेहतर है. ऐसे में समाज में आज अंतर जातीय विवाह और खानपान हो रहा है। इससे जाहिर होता है कि सामाजिक असमानता खत्म हो गई है। ऐसे में जातिगत आरक्षण व्यवस्था को कायम रखना कैसे सामाजिक न्याय है और आरएसएस किस आधार पर इसकी वकालत कर रहा है। देश में प्रतिभा का सम्मान न होने से हमारे लोग विदेश पलायन कर रहे हैं। इसके बाद भी संघ आरक्षण को यथावत बनाए रखना चाहता है।
आरक्षण पर संघ की वैचारिक शिफ्टिंग
आरक्षण विरोधी आंदोलन के संजोयक यूएस राणा कहते हैं कि आरएसएस का अब सामाजिक और सांस्कृतिक कामों से लेना देना नहीं रह गया है। संघ बीजेपी की बी-टीम बनकर रह गई है। एक समय था जब संघ बीजेपी को चलाया करता था, लेकिन अब बीजेपी संघ को चला रही है। ऐसे में बीजेपी के हित को ध्यान में रखकर संघ काम करता है। संघ वही बोलता है, जो बीजेपी के राजनीतिक हित को फायदा पहुंचा सके। बता दें कि साल 2015 के बिहार चुनाव के वक्त आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर समीक्षा करने का जो बयान दिया था, उससे भी काफी बवाल मचा था।
लखनऊ महापौर का सख्त एक्ïशन, सड़कों के गड्ïढे भरने के निर्देश
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। महापौर संयुक्ता भाटिया ने आज राजधानी में नगर निगम के अधिकारियों संग बालू अड्ïडा का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां सड़कों के गड्ïढे भरने के निर्देश दिए। साथ ही दूषित पेयजल सप्लाई पर नाराजगी भी जताई। कहा दूषित पानी की समस्या जल्द दूर होगी। इसके अलावा सीवर लाइन की सफाई के भी आदेश दिए। उन्होंने कहा अगर किसी को दूषित पानी से संबंधित समस्या आती है, तो निगम के अधिकारी सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे। इससे एक दिन पहले बालू अड्ïडे पर दूषित जल से बीमार हुए बच्चों को देखने सिविल अस्पताल पहुंची थी महापौर भाटिया। बता दें कि लखनऊ में हजरतगंज के निकट बालू अड्ïडे पर लगातार बीमार हो रहे बच्चों के मामले को गंभीरता दिखाते हुए महापौर ने सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों और बच्चों का हाल चाल जाना और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। महापौर ने तत्काल नाराजगी जताते हुए अपर नगर आयुक्त को मामले में ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। महापौर ने कहा वह पीड़ितों के साथ है, किसी भी प्रकार की आवश्यकता पर वह हर समय खड़ी है।
यूपी में मंत्रियों व विधायकों के फ्लैट आवंटन में लागू हो सकता ग्रेडिंग सिस्टम
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधानसभा की लोक लेखा समिति ने राज्य संपत्ति विभाग से पूछा है कि वह किन नियमों के तहत मंत्रियों, विधायकों व अन्य को फ्लैट आवंटित करता है। समिति ने विभाग को इस बाबत अपने समक्ष पूरा ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सपा विधायक महबूब अली की अध्यक्षता में लोक लेखा समिति की बैठक हुई। बैठक में राज्य संपत्ति विभाग की ओर से मंत्रियों और विधायकों को फ्लैट के आवंटन के नियम-कायदे के बारे में चर्चा हुई। कुछ सदस्यों ने यह सुझाव दिया कि जिस तरह केन्द्र के मंत्रियों और सांसदों को वरिष्ठता के आधार पर मकान आवंटित करने के लिए ग्रेडिंग प्रणाली लागू है, वैसी ही व्यवस्था राज्य में भी होनी चाहिए। बैठक में मौजूद राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों से जब मंत्रियों और विधायकों को फ्लैट के आवंटन के नियम-कायदे के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बता नहीं सके। इस पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे महबूब अली ने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह 16 सितंबर तक यह ब्योरा समिति के सामने पेश करें कि विभाग के कुल कितने फ्लैट हैं। उनके आवंटन के क्या नियम हैं और यदि नियम नहीं हैं तो क्यों नहीं हैं?
भाजपा विधायक ने लगाया आरोप
गोरखपुर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने बतौर विधायक उन्हें राजधानी में मिले सरकारी आवास की दुर्दशा के बारे में ट्वीट करके ध्यान आकर्षित किया है। यूपी में सरकारी आवास की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। यह लखनऊ में विधायक निवास-5 में हमारे कमरे का फ्रंटेज है, यही हमारा आशियाना है। देखता हूं कि कब तक ठीक होता है। डॉ. राधा मोहन दास को राजधानी के मीराबाई मार्ग स्थित विधायक निवास-5 में फ्लैट नंबर 25 व 26 आवंटित हैं।