बाढ़ के खतरे के बीच वजीराबाद पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों बाढ़ के खतरे से जूझ रही है। यमुना का जल स्तर हर पल बढ़ रहा है। यही नहीं इस जल स्तर ने बीते चार दशकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। 1978 के बाद के बाद 20023 में इस तरह की स्थिति बनी है। यही वजह है कि दिल्ली के कई इलाकों में जल जमाव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। इस बीच सरकार और प्रशासन हर कोई अपने-अपने काम में जुटा नजर आ रहा है। बावजूद इसके लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर चल रहा है। ऐसे में खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली की सडक़ों पर उतर आए हैं।
गुरुवार को सुबह उन्होंने वजीराबाद इलाके का दौरा किया। सीएम केजरीवाल ने कहा कि, हथनीकुंड से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना उफान पर है और इस का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि तीन अहम वॉटर प्लांट को बंद किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि, इसकी वजह से लोगों को कुछ वक्त तक पानी की दिक्कतें बढ़ सकती है। हालांकि उन्होंने ये आश्वासन भी दिया कि जैसे ही यमुना का जल स्तर कम होगा इन वॉटर प्लांटों को तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
सीएम केजरीवाल अपने ट्वीटर हैंडल से भी लोगों को लगातार बाढ़ की स्थिति से अवगत करा रहे हैं। उन्होंने गुरुवार सुबह कुछ ट्वीट किए बताया कि मौजूदा स्थिति क्या है और आगे क्या हो सकता है। उन्होंने बताया कि यमुना में बढ़ते जल स्तर के चलते वजीराबाद, चन्द्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत दिल्ली के कुछ एरिया ऐसे रहेंगे जहां पानी की किल्लत होगी। उन्होंने इसे कब शुरू किया जाएगा इसकी भी जानकारी साझा की।
इसके साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, बाढ़ और यमुना के बढ़ते जल स्तर पर लगातार नजर बनाकर रखी जा रही है। यही नहीं इस वजह से फंसे लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। जहां जैसे जरूरत महसूस हो रही है हमारी टीमें वहां व्यवस्थाएं कर रही हैं। एनडीआरएफ की टीम के साथ ही स्थानी प्रशासन और कई नेता भी लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।
दिल्ली की जनता की बढ़ती मुश्किलों के बीच आम आदमी पार्टी के विधायक भी सडक़ों पर उतर आए हैं। दुर्गेश पाठक से लेकर संजीव झा तक कई नेता और कार्यकर्ता लोगों के बचाव और राहत कार्यों में जुटे हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के साथ-साथ उन्होंने खाने-पीने और रहने के लिए उचित स्थान देने तक हर संभव मदद की जा र ही है। हालांकि कुछ लोगों को अभी भी मदद नहीं पहुंच रही है या देरी से पहुंच रही है। इसको लेकर भी प्रशासन हरकत में आया है और टीम को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं।
वहीं आप मंत्री आतिशी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। इसके साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए दिल्ली के करीब 40 स्कूलों को राहत कैंप बना दिया गया है। उन्होंने दिल्लीवासियों से भी अपील की कि जितना हो सके मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करें।

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