बीरेन सिंह के सीएम रहते मणिपुर में नहीं होगी शांति: कांग्रेस
पार्टी ने की पीएम मोदी से मामले में कार्रवाई करने की मांग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर से देश को शर्मसार करने वाला महिलाओं का नग्न वीडियो सामने आने के बाद से पूरे देश आक्रोश में है। मणिपुर में लगभग पिछले ढाई महीनों से हिंसा व प्रदर्शन जारी है। लेकिन राज्य सरकार इसको काबू करने में पूरी तरह से फेल है। मणिपुर के हालातों को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष लगातार राज्य और देश की सरकार पर हमलावर है। इस बीच अब कांग्रेस ने ये दावा किया है कि जब तक एन बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य में चीजें शांति की दिशा में आगे नहीं बढ़ेेंगी।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे पूर्वोत्तर राज्य में ‘तथाकथित डबल-इंजन शासन की विफलता’ पर पर्दा डालने की बजाय अब कार्रवाई करें। विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से यह हमला मीडिया में आई उस खबर के बाद किया गया जिसमें दावा किया गया है कि 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में अपहरण, मारपीट और सामूहिक बलात्कार की पीडि़ता 18 वर्षीय युवती ने 21 जुलाई को पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद ‘जीरो प्राथमिकी’ दर्ज की गई।
राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से हो चुकी ध्वस्त: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि हर गुजरते दिन के साथ जैसे-जैसे मणिपुर की भयावहता की सच्चाई सामने आ रही है, यह स्पष्ट है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। भीड़ और विद्रोही समूह बेलगाम हो रहे हैं। महिलाओं और परिवारों को सबसे खराब, अकल्पनीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन न केवल हिंसा में सहभागी है, बल्कि सक्रिय रूप से नफरत को बढ़ावा दे रहा है। जयराम रमेश ने कहा कि राज्य का सामाजिक ताना-बाना नष्ट हो गया है और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह समाप्त हो गया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया कि जब तक बीरेन सिंह मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक कोई न्याय नहीं होगा और न ही चीजें शांति की दिशा में आगे बढ़ेंंगी। प्रधानमंत्री के लिए कदम उठाने का समय बहुत पहले चला गया है। उन्हें अब कार्रवाई करनी चाहिए और मणिपुर में तथाकथित डबल-इंजन शासन के पूरी तरह से विफल होने को छिपाने के लिए ध्यान भटकाने, चीजों को तोड़-मरोडक़र पेश करने और आक्षेप लगाने में लिप्त होने की बजाय अब कार्रवाई करनी चाहिए।
मणिपुर में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जा चुकी है जान
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भडक़ी जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को परस्पर विरोधी समुदाय के लोगों के एक समूह द्वारा निर्वस्त्र करके घुमाने का एक वीडियो वायरल होने के बाद देश में आक्रोश का माहौल है। यह घटना चार मई की है, जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ। मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।