अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगी एमएनएफ, हिंसा से निपटने में केंद्र को बताया असफल
मिजोरम। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष की तरफ से केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर एनडीए को जोरदार झटका लगा है। मिजोरम में एनडीए की सहयोगी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगा।
पार्टी के लोकसभा सांसद सी लालरोसांगा ने गुरुवार (10 अगस्त) को कहा कि मिजोरम में एनडीए का सहयोगी सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगा।
सांसद सी लालरोसांगा ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि वह मणिपुर सरकार और पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा से निपटने में केंद्र की विफलता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करेंगे। उन्होंने कहा, मैं विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करूंगा। ऐसा इसलिए नहीं है कि मैं कांग्रेस का समर्थन करता हूं या बीजेपी के खिलाफ जाना चाहता हूं, बल्कि सरकारों, विशेषकर मणिपुर सरकार की हिंसा की स्थिति को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रहने के प्रति अपना विरोध दिखाने के लिए विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करूंगा।
सांसद सी लालरोसांगा ने कहा कि एमएनएफ हिंसाग्रस्त मणिपुर में लोगों की स्थिति से बहुत आहत है। लालरोसांगा ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष ज़ोरमथांगा, मिजोरम के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर सहमत हुए।
एमएनएफ क्षेत्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का घटक है और केंद्र में एनडीए का सदस्य है। मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर मुखर एमएनएफ के राज्यसभा सांसद के वनलालवेना ने भी पीटीआई को बताया कि वह स्थिति से निपटने के सरकार के तरीके के खिलाफ संसद में अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे। सी लालरोसांगा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मुद्दे पर अपना जवाब देने के बाद लोकसभा में प्रस्ताव पर वोटिंग होने की संभावना है। संयुक्त विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी को बढ़त मिलेगी क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लोकसभा में बहुमत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी को अपने कार्यकाल में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है।