पीएम मोदी और सीएम योगी को पत्र लिखकर किसान ने की आत्महत्या

सांड के हमले और कर्ज से था परेशान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर देहात। विधान सभा में सांड को लेकर सीएम योगी व नेता प्रतिपक्ष के बीच जमकर एक दूसरे पर वार-पलटवार करते रहे पर इस बीच शनिवार को एक किसान ने सांड की वजह से आत्महत्या कर ली। दरअसल, कानपुर देहात में खेती व अन्य कार्यों के लिए बैंक व एक ग्रामीण से लिए कर्ज को नहीं चुका पाने से परेशान किसान ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम खत लिखकर शनिवार की रात खुदकुशी कर ली। किसान का शव घर के पास ही लगे पेड़ पर अंगौछे के फंदे से लटका मिला।
पास मिले सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि एक कर्ज का दर्द दूसरा सांड के हमले के दर्द से परेशान होकर वह जान दे रहा है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू की है।
मंगलपुर निवासी चंद्रपाल सिंह (80) के पास सात बीघा खेतिहर जमीन है। उन्होंने दो महीने पहले पूर्वी बड़ौदा ग्रामीण बैंक की मंगलपुर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर 3.60 लाख रुपये खेतीबाड़ी के लिए कर्ज लिया था।

 

सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आदरणीय माननीय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश आप को विदित हो कि मैं किसान चंद्रपाल सिंह मंगलपुर। मेरे पास मात्र सात बीघा जमीन है। मेरे एक लडक़ा व दो लडक़ी हैं। दूसरे लडक़े की मृत्यु हो गई है। दो नाती हैं। एक की शादी हो गई है। इनका पालन पोषण शादी आदि से मेरे ऊपर बैंक का 3.60 लाख का कर्जा है। एक बीघा खेत 60 हजार में गिरवी रखा है। आप खुद लेखपाल बैंक से पता कर लो। मुझे अन्ना सांड ने इतना पटक कर मारा है कि चल तक नहीं पाता। एक अन्य सांड मुझे मेरे दरवाजे पर ही मार डालता, अगर पड़ोसी सांड को नहीं भगाते। मैं तो बेहोश हो गया था। जिला पंचायत सदस्य संतोष ने बचा लिया। अब एक कर्ज का दर्द दूसरा सांड के मारे के दर्द से रात में मैं पीड़ा से चिल्लाता हूं, तो मैंने यहीं सोचा कि इस जीवन से मौत अच्छी है। इसी को गले लगा लिया। सभी गांव वाले और पड़ोस वाले मुझे मानते रहे। नमस्कार विशेष कर भंनसई वाले बच्चों। इनकी मैंने बहुत रोटी खाई। हमारी गलती जो हुई हमारे को माफ कर देना। चंद्रपाल सिंह मैं ज्यादा दुखी हूं हरी के यहां अब मैं जा रहा।

पैसों का जुगाड़ कर करवाया था इलाज

इसके एक महीने बाद ही खेत में काम करते समय चंद्रपाल पर सांड ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हो गए। परिजनों के अनुसार इधर-उधर से पैसों का जुगाड़ करके चंद्रपाल ने अपना इलाज कराया। वहीं, इससे पहले पैसे की कमी के चलते चंद्रपाल ने एक बीघा खेत गांव के ही एक व्यक्ति के पास गिरवी रखकर 60 हजार रुपये कर्ज लिया था। इधर, कर्ज नहीं चुका पाने से चंद्रपाल मानसिक तनाव में चल रहे थे। चंद्रपाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र लिखा। इसके बाद घर से निकले और पास ही लगे गुलमोहर के पेड़ पर अंगौछे से फंदा लगाकर जान दे दी। एक बीघा खेत पहले से गिरवी रखा हुआ है। सांड के हमले में घायल होने और कई वर्षों से फसल भी अच्छी न होने से कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। इससे परेशान पिता ने जान दे दी। थाना प्रभारी एसएन सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कर्ज न चुका पाने से परेशान होकर किसान के खुदकुशी करने की बात सामने आई है। सुसाइड नोट मिला है। मामले की जांच की जा रही है।

सपा ने मुआवजे की मांग की

मामले में समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा कि योगी सरकार की बर्बाद नीतियों के कारण आत्महत्या करने को मजबूर किसान। कानपुर देहात के मंगलपुर में 80 वर्षीय किसान चंद्रपाल ने कर्ज में डूबे हो के कारण दे दी अपनी जान, दुखद। भाजपा सरकार ने अन्नदाताओं का सिर्फ शोषण किया है कल्याण नहीं। मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दे सरकार।

 

हरियाणा के नूंह में 13 दिनों के बाद इंटरनेट सेवा बहाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद से बंद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। प्रशासन ने 13 दिनों के बाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बंद इंटरनेट सेवा की शुरुआत कर दी। प्रशासन की तरफ से सोशल मीडिया पर निगरानी जारी रखी जाएगी। किसी भी तरह के विवादित पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भडक़ने के बाद स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे, जिसे बाद में हालात में सुधार के बाद खोल दिया गया था। नूंह पलवल बॉर्डर पर पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को सर्व हिंदू समाज की महापंचायत हुई। पंचायत करने की इजाजत इस शर्त पर दी गई थी कि इसमें कोई नफरत भरे भाषण नहीं दिये जाएंगे, लेकिन ऐसा हो न सका। महापंचायत के दौरान कुछ लोगों ने पुलिस की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए धमकियां दीं। बता दें कि महापंचायत में हिंसा में शिकार लोगों को इंसाफ दिलाने और 28 अगस्त को फिर से जलाभिषेक यात्रा शुरू करने पर चर्चा हुई। महापंचायत को देखते हुए बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किये।

ठाणे के सरकारी अस्पताल में 18 की मौत

विपक्ष ने सरकार को घेरा, जांच के आदेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ठाणे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के होमटाउन ठाणे जिले में मौजूद कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में एक ही रात में 18 मरीजों की मौत हडक़ंप मच गया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कलवा के इस अस्पताल में राजनीतिक दल के नेताओं की कतार लग गई है। विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
राजनेता अस्पताल प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड, दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे ने भी इस अस्पताल का दौरा किया। दो दिन पहले भी इसी अपस्ताल में पांच लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 18 लोगों की मौत हो गई इनमें से 13 आईसीयू में थे। जो मरीज अस्पताल पर भरोसा करके आता है। उस मरीज और उसके रिश्तेदार की जिंदगी का क्या यहां होता है?
इन मौतों से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर झलक रही है। केदार दिघे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार यहां साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते है। वहीं मंत्री गिरीश महाजन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पिछले चार दिनों में अस्पताल में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि इन मरीजों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई।

मजहबी मानसिकता ने किया देश का बंटवारा

विभाजन विभीषिका दिवस पर सीएम योगी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। देश के विभाजन की तारीख 14 अगस्त पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कभी न भूलने वाली तिथि बताया है। उन्होंने इस दिन को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर बताते हुए कहा कि आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का विभाजन किया था। उन्होंने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि इस यातना के साक्षी भारतीय नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
योगी ने ट्वीट करके ये बातें कहीं। उन्होंने भारत के विभाजन की एक तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, देश के इतिहास में 14 अगस्त की तिथि कभी न भूलने वाली तिथि है। आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का दु:खद विभाजन किया, जिसके दुष्परिणामस्वरूप असंख्य देश वासियों ने यातनाएं झेलीं और अपनी जान गंवाई। उन्होंने आगे लिखा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर बलिदान हुए सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि! इस क्रूर-वीभत्स यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

बंटवारे का दंश झेलने वालों को नमन: पीएम

इस साल भी पीएम मोदी ने 14 अगस्त को ट्वीट कर कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।

 

खरीदारी

राजधानी लखनऊ में तिरंगे की धूम, बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं तिरंगे की खऱीदारी।

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