जेपीएनआईसी को बनाने के लिए संजय शर्मा की पीआईएल पर हाईकोर्ट का सरकार को नोटिस
- लगभग 9 सौ करोड़ की लखनऊ की ये शानदार बिल्डिंग हो रही थी खंडहर
- अखिलेश यादव ने 2015 में कराई थी इस बिल्डिंग की शुरुआत
- संजय सेठ की कंपनी शालीमार को मिला था इसका काम
- योगी सरकार बनते ही शुरू हो गई इसकी जांच और रुक गया काम
- पीआईएल पर हाईकोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस
- 4PM के संपादक संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करके कहा ये जनता के पैसे की बर्बादी
- पीआईएल में तत्काल इस बिल्डिंग को पूरा करने का किया गया अनुरोध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यह खबर सरकार की लापरवाही का जीताजागता नमूना है। लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में सपा सरकार में जय प्रकाश नारायण के नाम पर एक विशाल सेंटर बनाने की शुरूआत की जिसका नाम जेपीएनआईसी रखा गया। इस आधुनिक बिल्डिंग में कई ऑडिटोरियम, स्वीमिंग पूल तथा अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध थीं। इस बिल्डिंग को बनाने का काम शालीमार समूह को दिया गया और फिर इसमें एक के बाद एक लापरवाही होती चली गई।
2017 में जब योगी सरकार आ गई तब सरकार ने कहा कि इसमें बहुत भ्रष्टाचार हुआ है लिहाजा इसकी जांच कराई जायेगी। 2017 में यह जांच शुरू हुई और बिल्डिंग में काम रुक गया। बिल्डिंंग तो नहीं बनी लेकिन अपनी गर्दन फंसती देखकर शालीमार समूह के मालिक संजय सेठ समाजवादी पार्टी छोडक़र भाजपा में चले गये और भाजपा ने उनको सांसद भी बना दिया। मगर किसी को यह ध्यान नहीं आया कि जनता के टैक्स के पैसे से बन रही यह बिल्डिंग अधुरी पड़ी है।
संजय शर्मा ने अपने लोकप्रिय यूट्यूब चैनल 4PM में एक विस्तार से रिपोर्ट बनाई थी और बताया था कि किस तरह जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सैकड़ों करोड़ की यह बिल्डिंग खंडहर बनती जा रही है। इस रिपोर्ट में सिस्टम की लापरवाही पूरी तरह से उजागर हो गई थी।
अपै्रल में 4PM के संपादक संजय शर्मा ने सरकार को एक विस्तृत प्रत्यावेदन देकर अनुरोध किया था कि इस भवन को तत्काल पूरा किया जाए। मगर सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया। इसके बाद संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करके कहा कि देरी होने के कारण इस भवन का स्टीमेट लगातार बढ़ रहा है और सालों से बंद पड़ी बिल्डिंग खंडहर बनती जा रही है। लिहाजा तत्काल इस बिल्डिंग को बनवाने के आदेश सरकार को दिये जाएं। क्योंकि ये जनता के पैसे की बर्बादी है। आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने यह पीआईएल पेश हुई और उसके बाद उन्होंने सरकार और एलडीए को इस संबंध में नोटिस जारी करके उन्हें एक महीने का समय दिया है कि वे अपना जवाब दाखिल करें।
टूट रही है बिल्डिंग और चोरी हो रहा है सामान
जेपीएनआईसी जैसी भव्य बिल्डिंग पूरे यूपी में कहीं नहीं थी। इसकी छत पर हेलीकॉप्टर उतारने की व्यवस्था की गई थी। मगर राजनीतिक दलों की आपसी खींचतान के चलते न सिर्फ इस बिल्डिंग का काम रुका बल्कि यह बिल्डिंग टूटने लगी है और इसका सामान चोरी होने लगा है। लिहाजा इस बिल्डिंग को तत्काल बनाए जाने की बहुत जरूरत है।
जांच से बचने के लिए संजय सेठ ने थामा भाजपा का दामन
सपा सरकार में बन रही इस महत्वाकांक्षी योजना का काम संजय सेठ को इसलिए मिला क्योंकि वे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के बहुत करीबी थे। मगर प्रदेश में भाजपा सरकार के आते ही उन्होंने समझ लिया कि उनकी गर्दन फंस सकती है लिहाजा वे भाजपा में चले गये और फिर जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गई।