दिल्ली पुलिस कर रही गुंडागर्दी: मालीवाल
- नाबालिग लडक़ी से मिलना चाहती हैं महिला आयोग की अध्यक्ष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल दिल्ली के उस अस्पताल में धरने पर बैठीं हैं जहां नाबालिग लडक़ी को भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस गुंडागर्दी कर रही है। वे ना तो मुझे लडक़ी से मिलने दे रहे हैं और ना ही उसकी मां से मिलने दे रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली पुलिस मुझसे क्या छिपाना चाहती है।
मुझे बताया गया है कि एनसीपीसीआर अध्यक्ष को लडक़ी की मां से मिलने की अनुमति दी गई थी। जब एनसीपीसीआर अध्यक्ष लडक़ी की मां से मिल सकते हैं, तो डीसीडब्ल्यू प्रमुख को इसकी अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? आपको बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक प्रेमोदय खाका के किशोरी से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल व दिल्ली पुलिस में टकराव हुआ। आयोग व दिल्ली पुलिस ने एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाई। आयोग ने एफआईआर दर्ज होने के आठ दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए उसे नोटिस जारी किया।
बता दें कि बुराड़ी पुलिस ने आरोपी प्रमोदय खाखा के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं और पॉस्को एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।इस मामले का पता तब लगा, जब लडक़ी को अचानक बेचैनी हुई। इसके बाद लडक़ी को पिछले हफ्ते अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दुष्कर्म का आरोपी कभी नहीं था मेरा ओएसडी : आतिशी
दिल्ली महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने भाजपा के आरोपों सिरे से खारिज कर दिया। जिसमें कहा गया था कि उनके विभाग में आरोपी प्रमोदय खाखा को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी यानी ओएसडी के तौर पर नियुक्त किया गया था। जो कई महीनों तक अपने दोस्त की बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान आतिशी ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत आरोप है। आरोपी ने कभी मेरे साथ काम नहीं किया। दिल्ली मंत्री आतिशी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाली घटना है, क्योंकि यह आरोपी महिला एवं बाल विभाग में एक अधिकारी था। सबसे चिंताजनक बात यह है कि एक नाबालिग लडक़ी से बलात्कार का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल को घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत ही अधिकारी को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए। इससे पहले सीएम ने आरोपी अधिकारी को निलंबित करने का आदेश देने का जिक्र किया गया था।