डायबिटीज में रामबाण है मूंग की दाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दाल सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। पौष्टिक गुणों से भरपूर होने की वजह से डाइट में दाल शामिल करने की जरूर सलाह दी जाती है। मूंग दाल अन्य दालों की तुलना में हल्की और आसानी से पच जाती है। इसमें पोटैशियम, विटामिन सी, फाइबर, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आपके लिए मूंग की दाल रामबाण है। आप इस दाल को सही तरीके से अपनी डाइट में शामिल करेंगे, तो ब्लड शुगर कंट्रोल होने में मदद मिलेगी।
प्रोटीन से समृद्ध
प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के स्वस्थ विकास और उत्तम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। पीली मूंग दाल और हरी मूंग दोनों ही प्रोटीन से भरपूर होती है। इनमें मौजूद प्रोटीन भूख को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को कंटोल करन में मददगार है। इसलिए मूंग की दाल डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है। जो लोग ज़्यादा मेहनत का काम नहीं करते हैं, उन्हें अपने वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से हर रोज़ 0.75 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। एक पुरुष को कम से कम 55 ग्राम और महिला को 45 ग्राम प्रोटीन रोज़ खाना चाहिए। प्रोटीन की कमी के चलते त्वचा फटी-फटी-सी हो सकती है। बाल झडऩे शुरू हो सकते हैं। वजन कम हो सकता है। जो लोग ज़्यादा मेहनत करते हैं उन्हें तो वर्कआउट के तुरंत बाद ही प्रोटीन लेना ज़रूरी है।
वजन घटाने में सहायक
डाइबिटीज के मरीजों को वजन मेंटेन करना भी काफी जरूरी है। वजन कंट्रोल करने के लिए आप अपनी डाइट में मूंग दाल शामिल कर सकते हैं। यह दाल काफी हल्की और प्रोटीन से भरपूर होती है। दाल में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा लंबे समय तक भूख कंट्रोल करने में सहायक है। पतली कमर किसे अच्छी नहीं लगती? चाहे पुरुष हो या महिला आज के दौर में हर कोई फिजिकली फिट दिखना चाहता है और इसके लिए जरूरी है कि आपके शरीर का वजन संतुलित रहे। कम वजन से न केवल व्यक्ति आकर्षक दिखता बल्कि वह भाग-दौड़ करने में भी फुर्तीला होता है। वजन ज्यादा बढ़ जाने से शरीर का फुर्तीलापन गायब हो जाता है, मोटा व्यक्ति ज्यादा शारीरिक गतिविधियां नही कर पाता, थोड़ी दूर चलने या 2-3 बार उठने बैठने से ही वह थक जाता है।
फाइबर से भरपूर
मूंग दाल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और आसानी से पच जाती है। यह दाल विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो ब्लड शुगर को सामान्य रखती है। फाइबर में उच्च आहार कोलन कैंसर के साथ-साथ डायवर्टीकुलिटिस के खतरे को कम करने के लिए पाया गया है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे आंत विकारों वाले मरीजों को उच्च फाइबर आहार लेने से फायदे मिल सकते हैं।
डाइट्री फाइबर की दैनिक खपत इंसुलिन प्रतिरोध के लक्षणों को कम करने और ब्लड स्ट्रीम में चीनी के अवशोषण को धीमा करने में मदद कर सकती है।
डाइट में ऐसे करें शामिल
आप हरी मूंग दाल का इस्तेमाल कर स्वादिष्ट कटलेट बना सकते हैं। यह हेल्दी नाश्ते का शानदार ऑप्शन है। मेथी और मूंग दाल का कॉम्बिनेशन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए मूंग की दाल बनाते समय मेथी की पत्तियों को डाल सकते हैं। इस दाल को रोटी या चावल के साथ भी खाया जा सकता है। गरमागरम मूंग दाल की खिचड़ी की बात ही अलग होती है। यह स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। आप इसे घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो लंच या डिनर में मूंग दाल की खिचड़ी जरूर शामिल करें।