निपाह वायरस को लेकर सरकारे हुई अलर्ट, जारी की एडवाइजरी
नई दिल्ली। केरल के कोझिकोड जिले में निपाह संक्रमण के एक और मामले की पुष्टि हुई है। केरल में निपाह वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। केरल में निपाह वायरस के मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक कर्नाटक सरकार ने कहा है कि आम जनता केरल की अनावश्यक यात्रा ना करे। खासतौर से केरल के प्रभावित इलाकों की यात्रा ना की जाए। इस एडवाइजरी में केरल के सीमावर्ती इलाकों और कर्नाटक के सभी एंट्री पॉइंट्स पर निगरानी तेज करने के निर्देश दिए गए है।
इस सर्कुलर में कहा गया कि केरल के कोझीकोड में 2 की मौत हो गई है जबकि 4 मामलों में निपाह की पुष्टी हुई है। संक्रमण के संचरण को रोकने के लिए केरल राज्य की सीमा से लगे जिलों में निगरानी गतिविधियों को तेज किया गया है। बता दें कि केरल में जिला प्रशासन ने पहले ही गुरुवार और शुक्रवार के अलावा शनिवार (16 सितंबर) को कोझिकोड में सभी शिक्षा संस्थानों के लिए छुट्टी घोषित की है।
गौरतलब है कि हाल ही में केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से संक्रमण के एक और मामले की पुष्टि हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि 39 वर्षीय व्यक्ति के नमूने में निपाह वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह एक अस्पताल में निगरानी में है। एक बयान में कहा गया कि व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल में इलाज की मांग की थी। नए मामले के साथ ही कोझिकोड में निपाह संक्रमण के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है। उन्होंने कहा कि कोझीकोड के अलावा पड़ोसी जिलों को भी सतर्कता बरतनी चाहिए। निपाह वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कोझीकोड के लगभग 11 वार्डों को बुधवार शाम तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।
आईसीएमआर ने दी एंटीबॉडी
केरल के कोझिकोड जिले में निपाह के प्रकोप के मद्देनजर आईसीएमआर ने इससे निपटने के लिए राज्य के आग्रह पर ‘एंटीबॉडी’ उपलब्ध करा दी है। राज्य को संदिग्ध संक्रमितों के नमूनों की जांच के लिए एक सचल प्रयोगशाला भी भेजी गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बृहस्पतिवार को कोझिकोड में ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ की आपूर्ति की। वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने के लिए एंटीवायरल ही सरकार के पास उपलब्ध एकमात्र विकल्प है, हालांकि इसकी प्रभावकारिता अभी तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हुई है।
आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने निपाह वायरस के संदिग्ध संक्रमितों की समय से जांच के लिए बृहस्पतिवार को अपनी सचल बीएसएल-3 (बायोसेफ्टी लेवल-3) प्रयोगशाला केरल के कोझिकोड भेजी। संस्थान ने यह कदम कोझिकोड में निपाह वायरस से संक्रमण के पांच मामलों की पुष्टि होने के बाद उठाया है। पांच मरीजों में से दो की मौत हो चुकी है। केंद्र ने स्थिति का जायजा लेने और निपाह संक्रमण के प्रबंधन में राज्य सरकार की मदद करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) के विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम को केरल भेजा है। माना जा रहा है कि निपाह वायरस की मौजूदगी की जांच के लिए चमगादड़ों से नमूने एकत्र किए जाएंगे।
बता दें कि चौथी बार है जब राज्य में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में भी इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। एम102.4 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, एक प्रायोगिक दवा है जिसे कोझिकोड में 2018 निपाह प्रकोप के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए आयात किया गया था। तब इसका उपयोग नहीं किया गया क्योंकि दवा की आपूर्ति होने तक निपाह वायरस का प्रकोप समाप्त हो गया था। सरकार ने आईसीएमआर को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया है। निपाह वायरस के लिए यही एकमात्र एंटी-वायरल उपचार है, हालांकि इसे अभी नैदानिक मंजूरी नहीं मिली है।
राजस्थान सरकार ने निपाह को लेकर परामर्श जारी किया
राजस्थान सरकार ने निपाह वायरस को लेकर परामर्श (एडवाइजरी) जारी किया जिसमें चिकित्सा अधिकारियों से इस तरह के किसी भी मामले को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है। यह परामर्श केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के मामले सामने आने के मद्देनजर जारी किया गया है। चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा विभाग के निदेशक की ओर से जारी यह परामर्श राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों और सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को भेजा गया है।विभाग की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी एक परामर्श जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि मस्तिष्क को क्षति पहुंचाने वाले वायरस के संक्रमण से कोझिकोड जिले में दो लोगों की मौत हो गई हैं जबकि तीन अन्य लोग संक्रमित हैं।