न्यूज क्लिक का मामला : अभिसार शर्मा, उर्मिलेश और भाषा सिंह समेत कई पत्रकारों के यहां छापे बताते हैं कि डर गयी है सरकार

  • देश भर में पत्रकारों पर छापे डाले जाने की निंदा 
  • विपक्ष ने कहा-यह आपातकाल जैसे हालात

 

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। देश की मोदी सरकार को सच और सच बोलने वालों से काफी डर लगता है। यही वजह है कि देश में जो भी सच बोलता है या सत्ता से सवाल करने की हिम्मत जुटाता है, मोदी सरकार तुरंत सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उस आवाज को दबाने का प्रयास करती है। यही कारण है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में भी पिछले साढ़े 9 सालों में मीडिया अपना धर्म और कर्तव्य भूलकर सिर्फ सत्ता की चारण बनकर रह गई है। अधिकांश मीडिया चैनल सत्ता से सवाल करने की वजाय सिर्फ सत्ता का गुणगान करते हैं। लेकिन इस बीच कुछ स्वतंत्र पत्रकार और यूट्यूब चैनल ऐसे हैं जो सत्ता से सवाल करते रहते हैं। लेकिन मोदी सरकार को ये भी गंवारा नहीं, इसीलिए इन पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आज ये सब हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज न्यूज क्लिक के कई ठिकानों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापेमारी कर दी। दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक के दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और मुंबई में करीब 100 ठिकानों पर की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के करीब 500 पुलिसकर्मी रेड में शामिल हैं। इसके अलावा कुछ पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया है। साथ ही पत्रकार अभिसार शर्मा और न्यूज क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को स्पेशल सेल के दफ्तर लाया गया है। इन पत्रकारों के फोन जब्त कर लिए गए हैं और उनसे लगातार पूछताछ जारी है। इतना ही नहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी के घर भी पहुंची। जिसकी जानकारी खुद येचुरी ने दी। बताया जा रहा है कि न्यूज क्लिक के खिलाफ ये कार्रवाई 17 अगस्त को दर्ज यूएपीए के तहत की गई है। लेकिन छापेमारी की असल वजह क्या है ये हर किसी को पता है। क्योंकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में भी अब लोगों की आवाज स्वतंत्र नहीं रही है। यही वजह है कि इस मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्ष इस छापेमारी को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। ऐसे में सवाल ये भी क्या मोदी शासन में ये देश के अंदर अघोषित आपातकाल तो नहीं है?

हिरासत में लिए गए ये पत्रकार

इस छापेमारी के दौरान पत्रकार उर्मिलेश और सत्यम तिवारी को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा पत्रकार अभिसार शर्मा और न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को स्पेशल सेल के दफ्तर लाया गया है। इसके अलावा तमाम पत्रकारों के फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिए हैं। स्पेशल सेल ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इसके अलावा मुंबई में तीस्ता सीतलवाड़ के घर पर भी छापेमारी हुई है। हिरासत में लिए जाने से पहले अभिसार शर्मा ने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस उनके घर पर पहुंच गई है और उनका लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया है। वहीं, एक और पत्रकार भाषा सिंह ने लिखा कि मेरे फोन से ये आखिरी ट्वीट। दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन जब्त कर लिया है।

छापे हारती भाजपा की निशानी : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर विरोध जताते हुए कहा कि छापे हारती हुई भाजपा की निशानी हैं। ये कोई नयी बात नहीं है। ईमानदार पत्रकारों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा छापे डाले हैं। लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने मित्र चैनलों को दिये जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे।

जो भाजपा की भजन मंडली में शामिल नहीं होगा, उसके साथ ये ही होगा : झा

आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने रेड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि गांधी जयंती के ठीक बाद इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और दूर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं हो सकती। आप उन्हें दिल्ली पुलिस क्यों कह रहे हैं? वे गृहमंत्री अमित शाह के अधीन हैं। उनकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता। जो आप से सवाल पूछे, आपकी भजन मंडली में शामिल न हो, वे उनके खिलाफ ऐसा ही करते हैं। वे ऐसा कर के क्या दिखाना चाहते हैं? ये सब इतिहास में दर्ज़ होगा। सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी।

मुट्ठी भर बचे स्वतंत्र मीडिया पर एजेंसियों का दुरुपयोग : महबूबा

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने छापेमारी की निंदा करते हुए कहा कि यह छापेमारी बहुत व्यथित करने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार दावा करती है कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यह विदेशों में प्रेस की स्वतंत्रता की बात करती है, लेकिन उसी पल वह मुट्ठी  भर बचे स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करती है।

कांग्रेस ने कहा-पीएम मोदी डरे हुए हैं

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसे ध्यान भटकाने की साजिश बताते हुए कहा कि न्यूजक्लिक के पत्रकारों के घर सुबह-सुबह छापेमारी। बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़ों और पूरे देश में बढ़ती इसकी मांग से ध्यान भटकाने के लिए ये किया गया है। जब उनके सामने पाठ्यक्रम से बाहर का सवाल आता है तो वो एक ही काउंटर का सहारा लेते हैं,ध्यान भटकाने के। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस बारे में लिखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को डरा हुआ बताया। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी डरे हुए हैं, घबराए हुए हैं। खासतौर से उन लोगों से जो उनकी विफलताओं पर, उनकी नाकामियों पर उनसे सवाल पूछते हैं। वो विपक्ष के नेता हों या फिर पत्रकार, सच बोलने वालों को परेशान किया जाएगा।

एजेंसियां स्वतंत्र : ठाकुर

वहीं इस मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर किसी ने गलत किया है तो उसकी जांच होनी चाहिए। एजेंसियां स्वतंत्र हैं और वह अपनी कार्रवाई कानूनी दायरे में ही काम करती हैं। अगर गलत तरीके से पैसा आया है तो कार्रवाई होगी। मुझे इन छापों पर सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है।

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